उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद जगदीप धनखड़ को मिलेंगी कौन-कौन सी सुविधाएं? पेंशन से लेकर सरकारी बंगले तक, जानिए पूरी जानकारी

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हाइलाइट्स

  • VicePresidentResignation ने संसद से सड़क तक हलचल, विपक्ष ने उठाए सवाल
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा त्यागपत्र, धनखड़ ने स्वास्थ्य कारण गिनाए
  • कार्यकाल में अभी दो वर्ष शेष, इससे पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने
  • राजनीतिक विश्लेषक बोले—PMO और पार्टी के भीतर बदला शक्ति संतुलन
  • भाजपा शांत, विपक्षी खेमे में तेज़ बयानबाज़ी; अगली नियुक्ति पर अटकलें तेज

संवैधानिक पटल पर VicePresidentResignation की पटकथा

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 67(ए) यह प्रावधान करता है कि उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को लिखित पत्र भेजकर पद छोड़ सकता है। इस VicePresidentResignation में भी जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र सौंपा और तत्काल प्रभाव से मुक्त होने का अनुरोध किया। राष्ट्रपति की स्वीकृति की औपचारिक घोषणा के साथ ही इस्तीफा प्रभावी हो गया। संसद सचिवालय ने एक संक्षिप्त विज्ञप्ति में सिर्फ इतना कहा कि “माननीय उपराष्ट्रपति ने निजी स्वास्थ्य कारणों से पद त्याग किया।”

स्वास्थ्य कारण या कुछ और?

धनखड़ के करीबी बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में उनकी चिकित्सकीय यात्राएँ बढ़ी थीं। हालांकि, कई वरिष्ठ सांसदों का दावा है कि VicePresidentResignation के पीछे ‘तीव्र राजनीतिक दबाव’ भी एक कारण रहा—विशेषकर अगले साल होने वाले महत्त्वपूर्ण विधायी सत्रों को सुचारु चलाने के मुद्दे पर मतभेद।

चिकित्सकीय परामर्श

आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 73 वर्षीय धनखड़ को ‘मल्टीपल ऑर्गेन रिलेटेड स्ट्रेस’ की शिकायत थी। डॉक्टरों ने उन्हें ‘कम तनाव, अधिक विश्राम’ की सलाह दी। इसी पृष्ठभूमि में VicePresidentResignation को ‘स्वास्थ्य-प्रथम’ निर्णय कहा गया।

दो दशक पुराना सफ़र और अचानक विराम

किसान पुत्र से VicePresidentResignation तक

राजस्थान के झुंझुनूं ज़िले में जन्मे जगदीप धनखड़ ने किसान परिवार से निकलकर सुप्रीम कोर्ट में वकालत की, फिर लोकसभा और विधानसभा के रास्ते पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने। 2022 में उपराष्ट्रपति पद संभालते समय उन्होंने कहा था, “मैं संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करूंगा।” यही पंक्ति आज उनके VicePresidentResignation पत्र में भी दिखाई देती है—“संविधान को सर्वोपरि मानते हुए त्यागपत्र दे रहा हूँ।”

2027 तक का कार्यकाल क्यों छोड़ा?

विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 के मॉनसून सत्र से पहले VicePresidentResignation ने सरकार के रणनीतिक कैलेंडर को झटका दिया है। दो साल शेष रहते हुए इस्तीफा देना एक ‘रार सापेक्षिक घटना’ है, जिसका असर राज्यसभा के कामकाज पर पड़ेगा।

सियासी तूफ़ान: विपक्ष का वार, सत्ता की चुप्पी

विपक्ष का आरोप—यह VicePresidentResignation नहीं, ‘पार्टी रेशफ़ल’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, “स्वास्थ्य सिर्फ बहाना है, असली वजह भाजपा की आंतरिक गुटबाज़ी है। यह ‘Forced VicePresidentResignation’ है।” तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, “धनखड़ जी को सम्मान, लेकिन यह घटनाक्रम लोकतांत्रिक संस्थाओं पर दबाव दिखाता है।”

सत्ता पक्ष का लघु बयान

भाजपा प्रवक्ता का छोटा-सा वक्तव्य आया—“हम उनके स्वास्थ्य और योगदान की कद्र करते हैं। VicePresidentResignation उनका निजी निर्णय है।” मगर अंदरखाने चर्चा गर्म है कि नए उपराष्ट्रपति के चयन पर संघ और पार्टी के वार रूम में अब विस्तृत समीकरण बनेंगे।

संभावित चेहरों की कयासबाज़ी

  1. VicePresidentResignation के बाद पहला नाम जो उभर रहा है, वह पूर्व केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का है।
  2. दूसरी कतार में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का नाम जगजाहिर है।
  3. भाजपा यदि ‘साउथ कार्ड’ खेले तो अनसूया ऊइके जैसी महिला नेता की लॉबिंग मज़बूत हो सकती है।

राज्यसभा पर तत्काल असर

पीठासीन कौन?

नियम 8(1) के अनुसार, “उपसभापति अनुपस्थित होने पर अध्यक्ष पद की सभी ज़िम्मेदारियाँ वरीयतम पैनल सदस्य उठाता है।” VicePresidentResignation के बाद अब तक उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह प्रोटेम चेयरमैन बनेंगे।

विधायी एजेंडा बाधित?

आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि सरकार ‘डिजिटल इंडिया बिल’ सहित पाँच महत्त्वपूर्ण विधेयकों को मॉनसून सत्र में पास करवाना चाहती थी—अब VicePresidentResignation के कारण कार्यसूची पुनर्गठित होगी।

सेवानिवृत्ति लाभ और गरिमामयी विदाई

किन सुविधाओं पर बनी सहमति?

  • VicePresidentResignation के बाद भी, संविधान (अनुच्छेद 97) के तहत, दो वर्ष से अधिक कार्यभार संभाल चुके उपराष्ट्रपति को पूर्व-वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन—लगभग ₹2 लाख
  • टाइप VIII सरकारी बंगला, नि:शुल्क बिजली-पानी
  • सालाना 12 बार द्वितीय श्रेणी हवाई यात्रा व प्रथम श्रेणी रेल यात्रा
  • CGHS के अंतर्गत आजीवन स्वास्थ्य बीमा और निजी चिकित्सक
  • दो निजी सहायक तथा जीवनसाथी के लिए अलग सचिव

इन तमाम प्रावधानों को लोकसभा सचिवालय की समितियाँ मंज़ूरी दे चुकी हैं। इसलिए VicePresidentResignation के बाद धनखड़ परिवार की सुरक्षा और सुविधाएँ यथावत रहेंगी।

अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और संदेश

विदेशी मीडिया की नज़र

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा—“India’s sudden VicePresidentResignation underscores the fragility of political balance in the world’s largest democracy.” बीबीसी ने इसे ‘Rare Constitutional Event’ बताया।

कूटनीतिक असर

संसद के उच्च सदन के अध्यक्ष के अचानक पद रिक्त होने से, G20 पूर्वी तिमाही बैठकों में भारत के प्रतिनिधि मंडल के नेतृत्व पर प्रश्न चिन्ह लगा। विदेश मंत्रालय ने अभी अधिकारिक बयान नहीं दिया।

आगे की राह: जल्दी होगा चुनाव

संविधान के अनुच्छेद 66(1) के मुताबिक, VicePresidentResignation के बाद छह महीने के भीतर नया उपराष्ट्रपति चुनना अनिवार्य है। इस चुनावी प्रक्रिया की अधिसूचना जल्द ही निर्वाचन आयोग जारी करेगा। संसद के दोनों सदनों के सदस्य संयुक्त मतपत्र से अगला उपराष्ट्रपति चुनेंगे।

धनखड़ का VicePresidentResignation भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक मोड़ है—जहाँ व्यक्तिगत स्वास्थ्य, राजनीतिक दबाव और संवैधानिक मर्यादाएँ एक ही बिंदु पर आकर मिलती हैं। अब निगाहें राष्ट्रपति भवन और निर्वाचन आयोग पर टिकी हैं कि नया अध्याय किस चेहरे के साथ शुरू होगा

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