शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप – यूपी में शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

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हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश बस्ती शिक्षक लापरवाही पर बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की।
  • हर्रैया ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय में औचक निरीक्षण में अनियमितताएँ सामने आईं।
  • प्रधानाध्यापक राज कुमार तिवारी निलंबित, अन्य शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी गई।
  • शिक्षकों की जिम्मेदारी और अनुशासनहीनता पर विभाग ने सख्त संदेश दिया।
  • बच्चों की शिक्षा और विद्यालय संचालन में सुधार के लिए सख्त कदम उठाए गए।

औचक निरीक्षण में उजागर हुई गंभीर लापरवाही

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की लापरवाही और अनुशासनहीनता पर कड़ी कार्रवाई की है। जिले के बीएसए अनूप कुमार ने हर्रैया ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय का हाल ही में औचक निरीक्षण किया, जिसमें विद्यालय की स्थिति अत्यंत निराशाजनक पाई गई।

निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि विद्यालय में निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार कक्षाएँ संचालित नहीं हो रही थीं। कक्षा एक से पांच तक के छात्र एक ही कमरे में बैठे थे, जबकि विद्यालय में सात शिक्षक उपस्थित थे। अधिकांश शिक्षक अपने कार्यस्थल पर न रहकर इधर-उधर घूमते पाए गए।

पहले भी जारी की गई चेतावनी

बीएसए अनूप कुमार ने बताया कि इससे पहले भी विद्यालय में गड़बड़ियाँ पाई गई थीं। 15 अक्टूबर को जिला समन्वयकों के साथ निरीक्षण के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापक राज कुमार तिवारी को नोटिस जारी किया गया था और सुधार के लिए एक माह का समय दिया गया था।

परंतु, निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद भी विद्यालय की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ। शिक्षक संदर्शिका और अध्यापक डायरी का उपयोग नहीं कर रहे थे और डिजिटल रजिस्टर में छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही थी।

निरीक्षण में सामने आई प्रमुख खामियाँ

कक्षाओं का असंगठित संचालन

  • कक्षा एक से पांच तक के सभी छात्र एक कमरे में एकत्रित।
  • शिक्षक निर्धारित कक्षाओं में नहीं थे और अपने कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं थे।

अभिलेख और रजिस्टर की अनदेखी

  • शिक्षक संदर्शिका और अध्यापक डायरी का उपयोग नहीं कर रहे थे।
  • डिजिटल रजिस्टर में छात्रों की उपस्थिति का सही रिकॉर्ड नहीं था।

बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव

इन लापरवाहियों के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रत्यक्ष असर पड़ा और विद्यालय का प्रशासनिक ढांचा भी कमजोर प्रतीत हुआ।

कड़ी कार्रवाई और विभागीय दंड

इन गंभीर लापरवाहियों को देखते हुए बीएसए ने प्रधानाध्यापक राज कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही, विद्यालय के सभी शिक्षण स्टाफ को लघु दंड के रूप में तीन वर्ष की वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय लिया गया।

अनुदेशक और शिक्षा मित्रों के खिलाफ संविदा समाप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यह कदम विभाग की ओर से शिक्षा के प्रति गंभीर रुख का परिचायक है।

बीएसए का सख्त संदेश

बीएसए अनूप कुमार ने स्पष्ट किया कि बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने जिले के सभी विद्यालयों को चेतावनी दी कि अपने पदीय दायित्वों का पालन पूर्ण निष्ठा और अनुशासन के साथ करें।

यदि भविष्य में किसी भी विद्यालय में ऐसी लापरवाही पाई गई, तो विभाग कठोरतम कार्रवाई करेगा।

भविष्य की रणनीति और सुधार

शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना

  • प्रत्येक विद्यालय में समय-समय पर निरीक्षण।
  • शिक्षक अनुशासन और कक्षा संचालन पर निगरानी।

बच्चों के हित में नीतिगत कदम

  • डिजिटल रजिस्टर और अभिलेखों की नियमित जाँच।
  • बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान न होने देने के लिए कड़े नियम।

विभागीय निगरानी और प्रशिक्षण

  • शिक्षक प्रशिक्षण और संवेदनशीलता कार्यक्रम।
  • अनुशासनहीनता पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना।

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में शिक्षकों की लापरवाही पर हुई यह कार्रवाई शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग का संदेश स्पष्ट है कि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

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