हाइलाइट्स
- यूक्रेन ड्रोन हमला: रूस ने दावा किया कि यूक्रेन के ड्रोन हमले से कुर्स्क स्थित एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लग गई।
- हमले में संयंत्र का ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुआ लेकिन विकिरण स्तर सामान्य रहा।
- रूस का कहना है कि उसने कुल 95 ड्रोन को वायु रक्षा प्रणाली से मार गिराया।
- यह हमला ऐसे समय हुआ जब यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के 34 वर्ष पूरे कर रहा था।
- नॉर्वे ने यूक्रेन को वायु रक्षा प्रणाली के लिए 69.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता देने का ऐलान किया।
रूस ने लगाया गंभीर आरोप
रूस ने रविवार को दावा किया कि यूक्रेन ड्रोन हमला उसके पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में स्थित एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हुआ। इस हमले में संयंत्र के ट्रांसफार्मर में आग लग गई जिसे तुरंत बुझा दिया गया। रूस के अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ पर जानकारी दी कि शनिवार देर रात को कई ड्रोन से हमला किया गया, जिनका निशाना ऊर्जा अवसंरचना थी।
अधिकारियों के अनुसार, आग पर समय रहते काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, संयंत्र का एक महत्वपूर्ण ट्रांसफार्मर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ। सबसे राहत की बात यह रही कि विकिरण स्तर सामान्य सीमा में ही दर्ज किया गया।
यूक्रेन ड्रोन हमला और स्वतंत्रता दिवस का संयोग
यह यूक्रेन ड्रोन हमला ऐसे समय में हुआ जब यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के 34 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा था। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमले की रणनीति यूक्रेन की ताकत और रूस के खिलाफ उसकी आक्रामक क्षमता को दिखाने के लिए हो सकती है।
यूक्रेन ने आधिकारिक तौर पर इन हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने कुल 95 ड्रोन को मार गिराया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि उसे मीडिया में आई उन खबरों की जानकारी है जिनमें कहा गया कि यूक्रेन ड्रोन हमला के कारण एक ट्रांसफार्मर में आग लगी। हालांकि, संस्था ने स्पष्ट किया कि वह इस घटना की स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर पा रही है।
🚨 Ukraine Drone Strikes Hit Russian Energy & Nuclear Sites on Independence Day
🛡️ On August 24, Ukraine launched one of its largest drone offensives, sending over 95 drones deep into Russian territory across multiple regions.
🔹 A strike near the Kursk Nuclear Power Plant… pic.twitter.com/rlGquCJuTB
— Shreekaram Investments (@RealShreekaram) August 24, 2025
कनाडा और नॉर्वे की भूमिका
इसी बीच कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलने कीव पहुंचे। नॉर्वे ने भी घोषणा की कि वह यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए 69.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता देगा। यह सहायता जर्मनी के साथ मिलकर दी जाएगी जिसमें पैट्रियट मिसाइल प्रणाली और रडार की खरीद शामिल है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का नया अध्याय
यूक्रेन ड्रोन हमला यह दर्शाता है कि युद्ध का स्वरूप अब तकनीक और दूरगामी हमलों पर आधारित हो चुका है। ड्रोन तकनीक ने इस संघर्ष को नई दिशा दी है, जिसमें हमले गहराई तक किए जा सकते हैं।
रूस ने दावा किया कि पूर्वी यूक्रेन में उसकी सेना ने दोनेत्सक क्षेत्र के दो गांवों पर कब्जा भी कर लिया है। यह घटनाक्रम संकेत देता है कि युद्ध का तीखापन कम होने की बजाय और बढ़ रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन ड्रोन हमला रूस के लिए चिंता का बड़ा कारण है। परमाणु संयंत्रों पर ऐसे हमले से न सिर्फ स्थानीय सुरक्षा बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर खतरा मंडरा सकता है। हालांकि फिलहाल विकिरण स्तर सामान्य है, लेकिन यदि किसी बड़े हिस्से को नुकसान होता, तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती थी।
Breaking:
Ukraine drone hits Russian nuclear plant, sparks huge fire at Novatek’s Ust-Luga terminal #Ukraine_War #Russia #Drone_Strike #RussianNuclear_plant #Novatek_Ust_Luga pic.twitter.com/IIbkg6SE2R— KIWI NEWS (@kevin_55839406) August 24, 2025
भविष्य की चुनौतियाँ
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा यह संघर्ष अब वैश्विक राजनीति का केंद्र बन चुका है। यूक्रेन ड्रोन हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देता है कि संघर्ष केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।
यूक्रेन ड्रोन हमला ने रूस-यूक्रेन युद्ध को एक नए खतरे की ओर मोड़ दिया है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर होने वाले हमले न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।