हाइलाइट्स
- उज्जैन छेड़छाड़ मामले में आरोपी आशफाक खान गिरफ्तार, नाबालिग को महीनों से कर रहा था परेशान
- पीड़िता को जान से मारने की धमकी दे रहा था, फ़र्ज़ी हिंदू पहचान बनाकर किया था भ्रमित
- ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया, भीड़‑पिटाई के बाद पुलिस ने हालात संभाले
- उज्जैन छेड़छाड़ ने फिर उठाए महिला‑सुरक्षा के सवाल, नाबालिगों पर बढ़ते अपराध पर गहरी चिंता
- राज्य सरकार बोली—सख़्त कार्रवाई और सामूहिक जागरूकता से ही रुकेंगी उज्जैन छेड़छाड़ जैसी घटनाएँ
घटना का पूरा विवरण
उज्जैन ज़िले की यह उज्जैन छेड़छाड़ की घटना सोमवार रात सुर्ख़ियों में आई, जब ग्राम खोरिया की सड़कों पर ग्रामीणों ने एक युवक को घेर रखा था। वीडियो वायरल होते ही पता चला कि युवक आशफाक खान उर्फ ‘आशुतोष शर्मा’ महीनों से एक नाबालिग छात्रा का पीछा कर रहा था। पीड़िता के मुताबिक, उज्जैन छेड़छाड़ का सिलसिला तीन महीने पहले कोचिंग सेंटर से शुरू हुआ।
पीछा और धमकी का सिलसिला
लड़की ने दूरी बनाईं तो आरोपी ने स्कूल‑रास्ते पर पीछा किया, व्हाट्सऐप पर धमकियाँ भेजीं और कहा, “इंकार किया तो जान ले लूँगा।” उज्जैन छेड़छाड़ का डर उस वक़्त और गहरा गया, जब छात्रा छुट्टियों में गाँव पहुँची तो वह भी मोटरसाइकिल से वहीं आ धमका।
गाँव तक पहुँचा डर
17 जुलाई की शाम ग्रामीणों ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया। भीड़ ने उसकी पिटाई की, बाद में पुलिस ने हालात काबू कर उज्जैन छेड़छाड़ के आरोपी को थाने ले जाकर मामला दर्ज किया।
Ashfaq Khan stalked and threatened a Hindu minor girl with death for rejecting him in Ujjain.
Posing as a Hindu, he terrorized her for months, even chasing her to her village.
Villagers caught and thrashed him. The police arrested Khan for molestation and issuing threats. pic.twitter.com/VsDILXWSE2
— Treeni (@TheTreeni) July 21, 2025
आरोपी आशफाक खान कौन?
फ़र्ज़ी पहचान का खुलासा
24‑वर्षीय आशफाक खान नानाखेड़ा (उज्जैन) का निवासी और प्राइवेट ड्राइवर है। उज्जैन छेड़छाड़ जाँच में सामने आया कि उसने सोशल मीडिया पर ‘आशुतोष शर्मा’ नाम, मंदिरों की तस्वीरें और हिंदू प्रतीक दिखाकर भरोसा जीतने की कोशिश की।
सोशल मीडिया और आपराधिक रिकॉर्ड
साइबर सेल ने मोबाइल की पड़ताल शुरू की। शुरुआती रिपोर्ट में उज्जैन छेड़छाड़ जैसी हरकतों के स्क्रीनशॉट मिले, जहाँ वह कई युवतियों को मैसेज करता दिखा। फिलहाल पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की पुष्टि नहीं, पर अफ़सरों को उसके किसी ऑनलाइन गैंग से जुड़े होने का संदेह है।
उज्जैन छेड़छाड़ पर पुलिस की कार्रवाई
धाराएँ और कानूनी प्रक्रिया
महिला थाना, उज्जैन ने POCSO Act की धारा 11‑12, IPC की 354‑D (स्टॉकिंग), 506 (आपराधिक धमकी) और 419 (फ़र्ज़ी पहचान) लगाई हैं। एसपी सचिन शर्मा ने कहा, “उज्जैन छेड़छाड़ जैसे अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस है; दोष सिद्ध हुआ तो 7‑10 साल की सज़ा संभव।”
पीड़िता और परिवार का बयान
पीड़िता के पिता बोले, “हम चाहते हैं उज्जैन छेड़छाड़ के आरोपी को ऐसी सज़ा मिले कि बेटियाँ फिर डरें नहीं।” परिवार को अब स्थानीय NGO कानूनी सहायता व काउंसलिंग दे रही है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और उभरते मुद्दे
ग्रामीणों का गुस्सा
खोरिया गाँव में हर घर में उज्जैन छेड़छाड़ चर्चा का विषय है। लोग मानते हैं, पुलिस तुरंत सक्रिय होती तो भीड़‑न्याय की नौबत न आती।
महिला सुरक्षा पर बहस
विधानसभा सत्र में विपक्ष ने सवाल उठाया कि उज्जैन छेड़छाड़ और महिला‑अपराध रोकने के लिए स्कूल‑कॉलेज सुरक्षा, पुलिस पेट्रोलिंग और हेल्पलाइन जल्द मज़बूत हों। सरकार ने “Safe City” परियोजना में सीसीटीवी और अलर्ट‑ऐप की घोषणा दोहराई।
उज्जैन छेड़छाड़ के व्यापक अर्थ
नाबालिगों के प्रति अपराध का बढ़ता ग्राफ
NCRB के 2024 आँकड़े बताते हैं—मध्य प्रदेश में नाबालिगों पर यौन अपराध 8 % बढ़े। विशेषज्ञ मानते हैं उज्जैन छेड़छाड़ जैसे मामलों में फ़र्ज़ी पहचान व सोशल मीडिया दुरुपयोग चिंताजनक ट्रेंड है।
विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञ एडवोकेट प्रगति मेहता कहती हैं, “स्कूल स्तर पर डिजिटल सुरक्षा पढ़ाए बिना उज्जैन छेड़छाड़ जैसी घटनाएँ नहीं रुकेंगी।” मनोवैज्ञानिक डॉ. राजीव पुरी जोड़ते हैं—पीड़िताओं को PTSD से उबरने को लंबी मानसिक सहायता ज़रूरी।
उज्जैन छेड़छाड़ का ताज़ा मामला सिर्फ़ एक FIR नहीं, बल्कि उस भयावह सच का आईना है जहाँ बेटियाँ रोज़ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती हैं। आशफाक खान की गिरफ्तारी ने साबित किया कि भीड़‑न्याय नहीं, क़ानून ही रास्ता है; पर उज्जैन छेड़छाड़ जैसी घटनाएँ रोकने के लिए कठोर क़ानून, सक्रिय पुलिसिंग और समाज‑स्तरीय जागरूकता—तीनों की साझी ज़िम्मेदारी है।