किस दिन टूटेगी आपकी झुग्गी? सीएम रेखा गुप्ता ने खोला बड़ा राज, बदलेगी दिल्ली की तकदीर या फिर…

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हाइलाइट्स

  • दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, जब तक झुग्गीवासियों को न मिल जाए पक्का घर
  • रेलवे, डीडीए सहित सभी विभागों को भेजे गए सख्त आदेश
  • सीएम रेखा गुप्ता बोलीं- जरूरत पड़ी तो करेंगे नीति में बदलाव
  • उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर रखी अपनी बात
  • महिलाओं को अब रात की शिफ्ट में काम करने की पूरी आज़ादी

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का ऐलान: झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी

दिल्ली में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ शब्दों में ऐलान किया है कि राजधानी में अब किसी भी हालत में झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी जब तक वहां के निवासियों को पक्के घर उपलब्ध नहीं करा दिए जाते।

सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार हर नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए उन्होंने रेलवे, डीडीए, नगर निगम सहित सभी संबद्ध विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि जब तक पुनर्वास की व्यवस्था न हो, झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी

उपराज्यपाल से की मुलाकात, कोर्ट जाने की भी चेतावनी

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात की और सरकार की मंशा स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र या कोई अन्य संस्था जबरन झुग्गी हटाने की कोशिश करती है तो दिल्ली सरकार अदालत का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

रेखा गुप्ता ने कहा, “हमारा संकल्प है कि किसी की भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी जब तक उनके लिए पक्के मकान की व्यवस्था न हो जाए।”

“हम हर किसी को देंगे घर”: सीएम का वादा

मुख्यमंत्री ने राजधानी में ‘विकास भी, हरियाली भी’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में कहा कि दिल्ली को फिर से बनाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा, “हम हर नागरिक को मकान देंगे और एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। हमारा शहर बेहतर स्कूल, अस्पताल, सड़कें, स्वच्छ जल और पर्यावरण का हकदार है।”

नीति में बदलाव के संकेत

सीएम ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार मौजूदा नीतियों में संशोधन भी करेगी ताकि सभी को घर, शिक्षा और स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सिर्फ झुग्गियों को नहीं हटाना चाहती, बल्कि दिल्ली को एक समावेशी और स्थायी शहर के रूप में विकसित करना चाहती है।

दिल्ली सरकार का नया दृष्टिकोण: विकास और संवेदनशीलता साथ-साथ

  • दिल्ली सरकार का नया मॉडल ‘विकास + मानवता’ पर आधारित होगा।
  • रेखा गुप्ता ने कहा, “झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, बल्कि पुनर्वास पहले होगा।”
  • नीति में बदलाव का मतलब होगा कि अब हर विभाग को झुग्गी हटाने से पहले पुनर्वास योजना अनिवार्य रूप से बनानी होगी।

महिलाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय

मुख्यमंत्री ने सेमिनार के दौरान एक और ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने 1954 के उस श्रम कानून की आलोचना की, जो महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने से रोकता है। रेखा गुप्ता ने कहा, “रात में काम करना है या नहीं, यह महिलाओं का अधिकार है। सरकार को उनके फैसले नहीं थोपने चाहिए।”

उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली सरकार ने उस पुराने प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है, और सभी महिलाओं को सुरक्षित कार्यस्थल का भरोसा दिलाया है।

सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनजीओ ने दिल्ली सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। ‘झुग्गी अधिकार मंच’ के संयोजक अजय साहनी ने कहा, “यह फैसला ऐतिहासिक है। वर्षों से हम यही मांग कर रहे थे कि झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी जब तक पुनर्वास न हो। अब पहली बार कोई सरकार इतनी संवेदनशीलता दिखा रही है।”

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह सब आगामी नगर निगम चुनाव को देखते हुए किया गया है। उनका कहना है कि पहले भी ऐसी घोषणाएं हुईं, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं बदला।

इसके जवाब में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार की नीयत साफ है और कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से हो रही है।

एक उम्मीद की किरण

रेखा गुप्ता का यह ऐलान सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए आशा की किरण है जो वर्षों से बेघर होने के डर में जी रहे थे। यदि वाकई इस फैसले को जमीनी स्तर पर लागू किया गया और झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी जैसी नीति का ईमानदारी से पालन हुआ, तो यह दिल्ली के सामाजिक ताने-बाने में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

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