हाइलाइट्स
- पाकिस्तानी कनेक्शन से जुड़ा मामला बिहार के नवादा की 10वीं की छात्रा से सामने आया
- छात्रा घरवालों की फटकार के बाद घर से भागकर प्रयागराज पहुंची
- इंस्टाग्राम पर पाकिस्तानी युवक से चैटिंग करती थी छात्रा
- महाबोधि एक्सप्रेस में आरपीएफ ने छात्रा को पकड़ा, बुर्का पहनकर मिली
- खुफिया एजेंसियां अब पाकिस्तानी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं
घटना की शुरुआत
बिहार के नवादा जिले में रहने वाली 10वीं की एक छात्रा अचानक घर से लापता हो गई। परिवार ने काफी खोजबीन के बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से पता लगाया कि छात्रा प्रयागराज पहुंच चुकी है। वहां महाबोधि एक्सप्रेस में सवार छात्रा को आरपीएफ ने पकड़ा।
जब पुलिस ने गहन पूछताछ की तो छात्रा का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया। उसके मोबाइल से मिले चैट्स और कॉल रिकॉर्ड ने साफ कर दिया कि वह लंबे समय से पाकिस्तान के युवक से बातचीत कर रही थी।
पाकिस्तानी युवक से बातचीत का खुलासा
जांच में यह सामने आया कि छात्रा लगातार इंस्टाग्राम पर एक पाकिस्तानी युवक से चैट करती थी। परिजनों ने बताया कि वह घंटों मोबाइल पर समय बिताती थी। इसी को लेकर घरवालों ने उसे कई बार फटकार भी लगाई। नाराज होकर छात्रा घर से निकल गई और दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़ी।
आरपीएफ ने जब महाबोधि एक्सप्रेस में उसे ढूंढा तो वह बुर्का पहने मिली। उसी समय वह पाकिस्तानी युवक से चैटिंग कर रही थी। पुलिस के आते ही युवक ने उसे ब्लॉक कर दिया। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तानी कनेक्शन की गंभीरता और बढ़ा दी।
ऑनलाइन दोस्ती से खतरनाक सफर
छात्रा ने पूछताछ में बताया कि कुछ महीने पहले उसकी दोस्ती एक पंजाब निवासी युवती से इंस्टाग्राम पर हुई थी। उसी युवती ने उसे दिल्ली का टिकट बुक कराने में मदद की। धीरे-धीरे यह ऑनलाइन दोस्ती उसे ऐसे रास्ते पर ले गई जहां उसका सामना पाकिस्तानी युवक से हुआ।
युवक से बातचीत ने उसकी सोच और व्यवहार को प्रभावित किया। पुलिस को शक है कि छात्रा किसी बड़े जाल में फंसने वाली थी। यही कारण है कि पाकिस्तानी कनेक्शन की तहकीकात अब खुफिया एजेंसियों को सौंपी गई है।
चाइल्ड लाइन की काउंसलिंग
छात्रा को बचाने के बाद उसे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया। चाइल्ड लाइन की टीम ने उसकी काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान धीरे-धीरे पूरा पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया। छात्रा ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से सोशल मीडिया पर इस युवक से बातचीत करती थी और उससे प्रभावित होकर घर से भागी थी।
खुफिया एजेंसियों की सतर्कता
इस मामले के सामने आते ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं। लोकल और सेंट्रल एजेंसियों ने छात्रा से पूछताछ की। हालांकि अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह साफ हो कि यह आतंकी संगठन से जुड़ा मामला है या सिर्फ एक व्यक्तिगत संबंध का परिणाम।
फिर भी, पाकिस्तानी कनेक्शन ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह करने के ऐसे मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। यही वजह है कि जांच एजेंसियां इसे हल्के में नहीं ले रही हैं।
सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की जरूरत
यह घटना साफ करती है कि सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर किसी से दोस्ती करना खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर किशोर और छात्र-छात्राएं अक्सर ऐसे झांसे में आ जाते हैं। पुलिस ने भी इस केस में चेतावनी दी है कि हर अभिभावक को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
क्योंकि इस छात्रा के मामले में भी एक साधारण चैटिंग ने उसे पाकिस्तानी कनेक्शन तक पहुंचा दिया। अगर समय पर पुलिस और आरपीएफ सक्रिय नहीं होती तो नतीजा गंभीर हो सकता था।
नवादा की इस छात्रा का मामला केवल एक परिवार की परेशानी नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कैसे मासूम बच्चों को खतरनाक रास्ते पर ले जा सकता है, यह इसकी मिसाल है।
फिलहाल छात्रा सुरक्षित है और काउंसलिंग की जा रही है, लेकिन उसका पाकिस्तानी कनेक्शन अब भी जांच के घेरे में है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस बात की जांच कर रही हैं कि कहीं यह मामला किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं।