हाइलाइट्स
- Temple Note in Bangladesh को लेकर बांग्लादेश में मचा धार्मिक विवाद
- 20 टका के नोट पर काली मां मंदिर और बौद्ध मठ की तस्वीरें, मुस्लिम समुदाय में विरोध
- मुस्लिम मौलवियों ने जारी किया फतवा, ‘मंदिर वाला नोट’ लेना इस्लाम के खिलाफ बताया
- बाजार में ‘Temple Note in Bangladesh’ को स्वीकारने से लोग कर रहे हैं इनकार
- सरकार की चुप्पी से बढ़ी असमंजस की स्थिति, सोशल मीडिया पर बहस तेज
Temple Note in Bangladesh: बांग्लादेश में 20 टका के ‘मंदिर वाले नोट’ पर धार्मिक संग्राम
बांग्लादेश में हाल ही में जारी किया गया एक नया 20 टका का नोट एक बड़े धार्मिक विवाद का कारण बन गया है। इस नोट पर एक ओर प्रसिद्ध काली मां मंदिर और दूसरी ओर एक प्राचीन बौद्ध मठ की तस्वीर छपी है। इस बदलाव के बाद देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समुदाय के लोग इसे ‘हराम’ और इस्लाम के खिलाफ बताते हुए Temple Note in Bangladesh को लेने से इनकार कर रहे हैं।
नोट पर मंदिर और मठ की छवि: क्या है मामला?
नए 20 टका के नोट में बांग्लादेश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दिखाने के उद्देश्य से दो धार्मिक स्थलों की तस्वीरें छापी गई हैं — एक काली मां का मंदिर, जो बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, और दूसरा एक बौद्ध मठ, जो चटगांव क्षेत्र में है।
यह पहली बार है जब बांग्लादेश के करेंसी नोट पर एक हिंदू और एक बौद्ध धार्मिक स्थल को एक साथ दर्शाया गया है।
मुस्लिम समुदाय का विरोध: ‘यह इस्लाम में नाजायज’
बांग्लादेश के कई मुस्लिम संगठनों और मौलवियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि किसी भी धार्मिक प्रतीक विशेषकर मंदिरों की छवि वाले नोट को इस्लाम में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मौलवियों का फतवा:
देश के कई प्रमुख मौलवियों ने Temple Note in Bangladesh को लेकर फतवा जारी किया है कि “मंदिर वाले नोट” को लेना, छूना या उपयोग करना इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि ऐसे नोट को अपने पास रखने से ‘गुनाह’ हो सकता है।
बांग्लादेश में 20 टका का नोट उस पर एक तरफ काली मां के मंदिर की तस्वीर है दूसरी तरफ एक बौद्ध मठ की तस्वीर है
और यह बौद्ध मठ और काली मां का मंदिर बांग्लादेश में ही है उसकी तस्वीर लगाई गई है
अब कोई भी मुस्लिम 20 टका का नोट स्वीकार नहीं करता वह कहता है कि यह हमारे इस्लाम में… pic.twitter.com/JQkSaMPEE8
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) July 16, 2025
बाजार में मचा कोहराम: व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान
बाजार में अब इस 20 टका के नोट को लेकर अजीब स्थिति बन गई है। कई दुकानदार ग्राहक से साफ कह देते हैं – “मंदिर वाला नोट मत देना।” वहीं ग्राहक भी नोट को वापस करने की मांग करते हैं।
रिटेल मार्केट में हालात:
- दुकानदारों ने पोस्टर लगाए – ‘Temple Note in Bangladesh नहीं लिया जाएगा’
- ग्राहकों में डर – कोई धार्मिक आरोप न लगे
- ATM से निकलने वाले Temple Note को भी लोग फाड़ रहे हैं या बदलवा रहे हैं
सोशल मीडिया पर गहराया विवाद
Temple Note in Bangladesh विवाद ने सोशल मीडिया पर धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बहस को हवा दी है।
कुछ चर्चित कमेंट्स:
- “एक धर्मनिरपेक्ष देश में धार्मिक स्थलों की तस्वीरें क्यों?”
- “यह बांग्लादेश की विविधता दिखाने का प्रतीक है”
- “इस्लाम खतरे में नहीं, कट्टर सोच से देश खतरे में है”
सरकार की चुप्पी पर सवाल
सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ना ही बांग्लादेश बैंक ने और ना ही वित्त मंत्रालय ने इस विवादास्पद नोट पर स्थिति स्पष्ट की है। इससे आम जनता और खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में भ्रम और तनाव की स्थिति बनी हुई है।
क्या यह धार्मिक सौहार्द के प्रयास का हिस्सा था?
कुछ जानकार मानते हैं कि यह नया नोट Temple Note in Bangladesh वास्तव में देश की सांस्कृतिक विविधता और सहिष्णुता को दर्शाने का प्रयास था। बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम धर्म के लोग सदियों से साथ रहते आए हैं। लेकिन राजनीतिक और धार्मिक उग्रता ने इस सकारात्मक पहल को भी विवादित बना दिया।
इतिहास में पहली बार नहीं: करेंसी विवाद पहले भी हुए हैं
यह पहली बार नहीं है जब किसी देश में करेंसी को लेकर धार्मिक विवाद हुआ हो:
- भारत में भी 500 और 2000 के नोट पर ‘नंदी बैल’ की तस्वीर को लेकर विवाद हुआ था
- पाकिस्तान में कुरान की आयतों के इस्तेमाल पर बहस होती रही है
- श्रीलंका में बुद्ध की तस्वीर के कारण मुस्लिम समूहों ने विरोध किया था
इसलिए Temple Note in Bangladesh विवाद को एक बड़े दक्षिण एशियाई परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा सकता है।
क्या होगा आगे?
बांग्लादेश में सरकार के सामने अब यह चुनौती है कि वह:
- धार्मिक भावनाओं का सम्मान करे
- नोट की कानूनी वैधता को बनाए रखे
- और बाजार में करेंसी फ्लो को सुचारु करे
यदि सरकार समय पर हस्तक्षेप नहीं करती, तो Temple Note in Bangladesh विवाद एक बड़े धार्मिक विभाजन को जन्म दे सकता है।
नोट से बड़ा बन गया है मुद्दा
20 टका का नोट सिर्फ मुद्रा नहीं, अब धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है। Temple Note in Bangladesh आज एक प्रतीक बन गया है – इस्लामिक कट्टरता बनाम सांस्कृतिक समावेशिता का। इस मुद्दे पर यदि संवाद नहीं हुआ, तो यह विवाद बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।