हाइलाइट्स
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Tata Power के कर्मचारियों पर ओडिशा के मुकुंददासपुर गांव में हमला, बिजली चोरी पर टोकने से भड़का आरोपित।
- आरोपी मोहम्मद शम्सुद्दीन पर पहले से भी कई विवादित गतिविधियों में शामिल होने के आरोप।
- कर्मचारियों ने बिजली बिल बकाया व चोरी पर बातचीत की थी, उसी दौरान हुआ हमला।
- गांव में बढ़ा तनाव, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू की।
- मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज, सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील।
घटना का संक्षिप्त विवरण: Mukundadaspur बना हिंसा का केंद्र
ओडिशा के कटक ज़िले के मुकुंददासपुर गांव में उस समय तनाव फैल गया जब Tata Power के फील्ड स्टाफ पर एक स्थानीय व्यक्ति मोहम्मद शम्सुद्दीन ने कथित रूप से जानलेवा हमला कर दिया। घटना तब हुई जब बिजली विभाग की टीम गांव में लंबे समय से बिना भुगतान के चल रही अवैध बिजली आपूर्ति को काटने पहुंची।
Tata Power के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी के घर की बिजली कनेक्शन से जुड़ी शिकायतें पहले से थीं, जिसमें बिजली चोरी और कई महीनों से बिल न चुकाने का मामला शामिल था। इस कार्रवाई के दौरान ही शम्सुद्दीन ने कर्मचारियों से बहस की और हथियार से हमला कर दिया।
Tata Power के कर्मचारियों पर हमला: क्या हुआ उस दिन?
Odisha: Mohammad Shamsuddin brutally attacked Tata Power employees in Mukundadaspur, after confrontation over electricity theft and unpaid bills since many months.
As Former PM Manmohan Singh once famously said, “Muslims must have the first claim on resources.” pic.twitter.com/E5cjl9JuLU
— Treeni (@TheTreeni) July 9, 2025
बिल वसूली और चोरी रोकने गई थी टीम
Tata Power की दो सदस्यीय टीम नियमित जांच और बकाया बिल वसूली के लिए मुकुंददासपुर पहुंची थी। गांव के कई उपभोक्ताओं पर कई महीनों से बिजली बिल बकाया था, वहीं कुछ मामलों में अवैध कनेक्शन का भी संदेह था।
हमला अचानक हुआ, कर्मचारी गंभीर रूप से घायल
टीम जैसे ही मोहम्मद शम्सुद्दीन के घर पहुंची और बातचीत शुरू की, वैसे ही आरोपी ने गुस्से में आकर छुरी से एक कर्मचारी पर हमला कर दिया। दूसरा कर्मचारी किसी तरह भागकर जान बचाने में सफल रहा। घायल को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और हालत स्थिर बताई जा रही है।
पूर्व विवादों से जुड़ा रहा है आरोपी
स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट्स में नाम पहले भी आया
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोहम्मद शम्सुद्दीन पहले भी कुछ आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है। बिजली चोरी, अवैध निर्माण और स्थानीय पंचायत सदस्यों से झगड़े जैसी कई शिकायतें पहले से दर्ज हैं।
गांव में डर का माहौल, महिलाएं और बच्चे दहशत में
इस हमले के बाद मुकुंददासपुर गांव में भय का वातावरण बन गया है। Tata Power के अधिकारी अब सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, ताकि वे बिना डर के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
पुलिस की भूमिका और कार्रवाई
FIR दर्ज, आरोपी फरार
घटना के बाद Tata Power अधिकारियों ने तत्काल थाने में शिकायत दर्ज कराई। मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
गांव में पुलिस बल तैनात, स्थिति नियंत्रण में
स्थानीय प्रशासन ने गांव में पुलिस बल की तैनाती की है ताकि स्थिति और न बिगड़े। अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
बिजली चोरी की बढ़ती घटनाएं: Tata Power की बड़ी चुनौती
ओडिशा में बढ़ रहे ऐसे मामले
हाल के वर्षों में ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी के मामलों में इजाफा हुआ है। Tata Power जैसी कंपनियों के लिए यह न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा भी खतरे में रहती है।
सख्त नियमों की मांग
Tata Power के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, कर्मचारियों को सुरक्षा देने के लिए एक नीति तैयार होनी चाहिए।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
धार्मिक एंगल को लेकर बढ़ रही है बहस
घटना के बाद कुछ संगठनों ने धार्मिक आधार पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पुराने बयान “मुसलमानों को संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए” को उद्धृत करते हुए कई लोग सोशल मीडिया पर इसे ‘सिस्टम का पक्षपात’ करार दे रहे हैं।
सामाजिक संगठनों की अपील
हालांकि, कई सामाजिक संगठनों ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए। उनका कहना है कि यह एक व्यक्ति विशेष की हरकत है, ना कि पूरे समुदाय की।
कर्मचारियों की सुरक्षा पर फिर उठा सवाल
Mukundadaspur की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि Tata Power जैसी कंपनियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना कितना खतरनाक होता जा रहा है। जहां एक ओर बिजली चोरी और बकाया भुगतान की समस्याएं हैं, वहीं कर्मचारियों की सुरक्षा की भी गंभीर चुनौती सामने आ रही है।
सरकार और प्रशासन को न केवल इस मामले में त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए, बल्कि भविष्य में ऐसे हमलों से बचाव के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस और सुरक्षा उपाय भी अपनाने चाहिए।