हाइलाइट्स
- Tantrik Fraud के चक्कर में फंसे आगरा के परिवार ने गंवाई बेटी की जान
- ट्रेन में मिले युवक ने दिया ‘ऊपरी बाधा’ का डर, हरिद्वार ले जाकर तांत्रिक से मिलवाया
- पूजा-पाठ के नाम पर मांगे जाते रहे लाखों रुपये, अंत में बेटी की मौत
- मौत के बाद भी 3.5 लाख की और मांग ने खोली आंखें
- FIR दर्ज, आरोपी फरार, पुलिस ने बिजनौर में शुरू की छापेमारी
उत्तर प्रदेश के आगरा से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न केवल दिल दहला देने वाला है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह Tantrik Fraud आज भी मासूम लोगों को शिकार बना रहा है। यह कहानी है एक 15 वर्षीय किशोरी की, जिसे ‘ऊपरी बाधा’ के नाम पर झूठे तंत्र-मंत्र में उलझाकर उसकी जान तक ले ली गई और परिवार को आर्थिक व मानसिक रूप से तोड़ दिया गया।
दिल्ली से शुरू हुआ Tantrik Fraud का सफर
ट्रेन में हुई मुलाकात बनी बर्बादी की शुरुआत
सदर क्षेत्र निवासी महिला ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2021 में वह अपनी बीमार बेटी को दिल्ली के डॉक्टर से दिखा कर लौट रही थीं। उसी दौरान ट्रेन में दीपक नामक युवक से मुलाकात हुई। दीपक ने लड़की को देखकर दावा किया कि उस पर “ऊपरी चक्कर” है, और उसका इलाज किसी डॉक्टर से नहीं, बल्कि एक खास गुरु हरिद्वार में कर सकते हैं। यहीं से शुरू हुआ Tantrik Fraud का जाल।
हरिद्वार का मल्लू उर्फ विजय बना कथित तांत्रिक
दीपक की बातों पर भरोसा कर परिवार हरिद्वार पहुंचा, जहां दीपक ने उन्हें मल्लू उर्फ विजय नामक एक कथित तांत्रिक से मिलवाया। उसने दावा किया कि बच्ची पर प्रेतबाधा है और 31,000 रुपये की पूजा से शुरुआत की। इसके बाद पूजा-पाठ की एक लंबी श्रृंखला चली, जिसमें Tantrik Fraud ने धीरे-धीरे परिवार से 11 लाख रुपये ऐंठ लिए।
श्मशान में कराई गई तांत्रिक पूजा, फिर भी न बची जान
रात के अंधेरे में हुई अंधविश्वास की जादूगरी
एक दिन मल्लू ने परिवार को बिजनौर के नहटौर गांव बुलाया। वहां श्मशान के पास रात के समय एक गुप्त पूजा कराई गई, जिसमें और 4 लाख रुपये लिए गए। यह दावा किया गया कि अब लड़की को 70% आराम मिल गया है। मगर Tantrik Fraud का यह तंत्र यहीं नहीं रुका।
मोबाइल भी मांगा, फिर और रकम
पूजा के बाद तांत्रिक ने एक नया मोबाइल फोन मांगा, जो परिवार ने तुरंत खरीद कर दे दिया। इसके बाद 50,000, फिर 1 लाख, फिर 2 लाख… इस तरह एक-एक कर 11 लाख रुपये जाते रहे। लेकिन 9 जनवरी 2025 को बेटी की तबीयत फिर से बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद भी 3.5 लाख की मांग: खुल गई पोल
“माता नाराज हैं, और पूजा करनी होगी”
बेटी की मौत के बाद जब परिवार सदमे में था, उसी समय तांत्रिक ने कहा कि “माता नाराज हैं” और 3.5 लाख रुपये और दो, वरना संकट बना रहेगा। यहीं से परिवार को समझ आया कि वे एक सुनियोजित Tantrik Fraud का शिकार हो चुके हैं।
FIR दर्ज, आरोपी फरार – पुलिस की कार्रवाई शुरू
DCP सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस मामले में मल्लू उर्फ विजय, दीपक, सचिन, कल्लन सिंह (बिजनौर निवासी) और अर्जुन सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। सभी आरोपी फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए एक विशेष पुलिस टीम को बिजनौर भेजा गया है।
Tantrik Fraud का कानून से टकराव: क्यों ज़रूरी है सख्ती?
अंधविश्वास: अपराधियों का सबसे आसान हथियार
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। आज भी कई ग्रामीण और शहरी इलाके ऐसे हैं जहां तंत्र-मंत्र और Tantrik Fraud का अंधविश्वास इतना गहरा बैठा है कि लोग डॉक्टरों की जगह झाड़-फूंक को तरजीह देते हैं।
सरकार और समाज को उठाने होंगे ठोस कदम
- अंधविश्वास के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
- Tantrik Fraud को गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाना चाहिए।
- सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया के ज़रिए फर्जी बाबाओं के खिलाफ सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए।
- स्कूली शिक्षा में ‘विज्ञान बनाम अंधविश्वास’ जैसे विषय शामिल करने चाहिए।
समाप्ति विचार: अब भी नहीं जागे तो फिर कब?
यह घटना हमें एक बड़ा सवाल छोड़ जाती है — क्या हम 21वीं सदी में रहकर भी अंधविश्वास में जी रहे हैं? Tantrik Fraud जैसे अपराध तब तक फलते-फूलते रहेंगे जब तक समाज उन्हें सवालों के कठघरे में खड़ा नहीं करता। आज समय है सोच बदलने का, विज्ञान और विवेक को अपनाने का, ताकि फिर कोई मासूम बच्ची अंधविश्वास की भेंट न चढ़े।