एक झुंड आया… और चारों तरफ सिर्फ कुत्ते ही कुत्ते थे! जान बची या गई? जानिए उस खतरनाक मंजर में क्या करना चाहिए

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हाइलाइट्स

  • आवारा कुत्ते के झुंड के घेरने पर जान बचाने के लिए अपनाएं ये 5 जरूरी सावधानियां
  • डरकर भागना या चिल्लाना बन सकता है आपकी जान का दुश्मन
  • आंखों में सीधे देखने से कुत्ते हो सकते हैं आक्रामक
  • जानिए कौन-से इशारे कुत्तों को भड़का सकते हैं
  • स्थानीय प्रशासन को समय पर सूचित करना है सबसे प्रभावी तरीका

आवारा कुत्ते: बढ़ती जनसंख्या और बढ़ता खतरा

भारत में आवारा कुत्ते वर्षों से एक गंभीर समस्या बने हुए हैं। चाहे गांव हो या शहर, सड़क किनारे बैठे, गली-नुक्कड़ पर झुंड में घूमते या फिर कचरे के ढेर के पास कुछ तलाशते ये कुत्ते आम तस्वीर बन चुके हैं। लेकिन समस्या तब गंभीर हो जाती है जब ये आवारा कुत्ते झुंड बनाकर इंसानों पर हमला कर देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 20,000 लोगों की मौत आवारा कुत्ते के काटने से हो जाती है।

अचानक घेर लें तो क्या करें?

कई बार ऐसा होता है जब कोई व्यक्ति अकेले रास्ते से गुजर रहा होता है और अचानक आवारा कुत्ते का एक झुंड उसे घेर लेता है। इस स्थिति में अधिकतर लोग घबरा जाते हैं और भागने या चिल्लाने की कोशिश करते हैं। यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है, लेकिन ये दोनों ही कदम आपकी सुरक्षा के लिए सबसे खतरनाक साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसे हालात में किन गलतियों से बचना चाहिए और कैसे अपनी जान की हिफाजत करनी चाहिए।

खुद को ऐसे बचाएं: झुंड में घिरे तो क्या करें

1. ना भागें और ना चिल्लाएं

आवारा कुत्ते की सबसे बड़ी प्रतिक्रिया तेज मूवमेंट पर होती है। अगर आप अचानक भागते हैं या चिल्लाते हैं, तो कुत्ता आपको शिकार समझकर हमला कर सकता है। बेहतर है कि आप वहीं खड़े हो जाएं, अपने हाथ सीने पर मोड़ लें और कुत्ते की आंखों में न देखें।

2. आंखों में आंखें न मिलाएं

आवारा कुत्ते की आंखों में सीधे देखने से वे आक्रामक हो सकते हैं। यह उनके लिए चुनौती की तरह होता है। इसलिए जब भी आप उनके झुंड में फंसें, आंखों में देखने से बचें और नजरें दूसरी दिशा में रखें।

3. धीरे-धीरे पीछे हटें

यदि कुत्तों का झुंड आपके बहुत पास नहीं है, तो आप धीरे-धीरे कदम पीछे ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, कोई भी हरकत अचानक न हो। शांत और धीमी चाल ही यहां काम आती है।

बचाव के वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण

कुत्ते एक संवेदनशील प्राणी हैं। आवारा कुत्ते विशेष रूप से शोर, आक्रमण, और तेज हरकतों से डर जाते हैं या उत्तेजित हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कुत्ते किसी इंसान के आत्मविश्वास और ऊर्जा को भांप सकते हैं। अगर आप घबराए हुए हैं, तो कुत्ते आपकी कमजोरी का फायदा उठा सकते हैं।

क्यों न करें ये गलतियां?

1. चिल्लाने से कुत्ते भड़क सकते हैं

आवारा कुत्ते चिल्लाने को खतरे की घंटी समझते हैं और इस पर हमला कर सकते हैं। शांत रहना सबसे बड़ा हथियार है।

2. दौड़ने से आपकी जान जोखिम में पड़ सकती है

कुत्ते के स्वभाव में शिकार का पीछा करना होता है। जैसे ही आप दौड़ेंगे, कुत्ता आपको अपना शिकार समझ कर दौड़ पड़ेगा।

जब कुत्ता सूंघे तो क्या करें?

अगर कोई आवारा कुत्ता आपको सूंघ रहा है, तो घबराएं नहीं। न ही हाथ हिलाएं और न ही उसे भगाने की कोशिश करें। सामान्य रूप से खड़े रहें। इससे कुत्ते को आपमें कोई खतरा नजर नहीं आएगा और वह आगे बढ़ जाएगा।

प्रशासन की भूमिका और आम नागरिकों की जिम्मेदारी

आवारा कुत्ते की समस्या केवल व्यक्तिगत नहीं है। ये एक सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का मामला है।

स्थानीय निकायों की लापरवाही

शहरों में नगर निगमों को आवारा कुत्ते की संख्या को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन पर्याप्त टीकाकरण, नसबंदी, और पुनर्वास योजनाएं ना होने के कारण यह संकट गहराता जा रहा है।

आम नागरिक क्या कर सकते हैं?

  • आसपास के इलाके में आवारा कुत्ते की संख्या ज्यादा है तो पशु नियंत्रण विभाग को सूचित करें।
  • मोहल्ले में सामूहिक रूप से नसबंदी और टीकाकरण अभियान की मांग करें।
  • बच्चों को अकेले बाहर न भेजें, खासकर सुबह और रात के समय।
  • खुले कूड़े और खाने के सामान को सार्वजनिक स्थलों पर न फेंकें, यह कुत्तों को आकर्षित करता है।

कानून क्या कहता है?

भारत में आवारा कुत्ते को मारना अपराध है। भारतीय पशु कल्याण कानून के तहत कुत्तों को संरक्षित किया गया है। लेकिन साथ ही, आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है।

सतर्कता ही सुरक्षा है

आवारा कुत्ते हमारे समाज का हिस्सा हैं, लेकिन बढ़ती जनसंख्या और प्रशासन की उदासीनता से यह समस्या अब जानलेवा बनती जा रही है। डरने या भागने की बजाय समझदारी से काम लें, सही जानकारी रखें और प्रशासन को समय पर सूचित करें। जागरूक नागरिक ही इस संकट से समाज को बचा सकते हैं।

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