हाइलाइट्स
- गला घोंटू गैंग का आतंक दिल्ली में लगातार बढ़ता जा रहा है
- शकरपुर में महिला पर पीछे से हमला कर जेवर लूटे गए
- वारदात महज कुछ सेकंड में पूरी कर आरोपी फरार हो गए
- सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस जांच में जुटी
- इससे पहले भी पालम इलाके में सामने आया था ऐसा मामला
दिल्ली में बढ़ रहा “गला घोंटू गैंग” का खौफ
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हाल के दिनों में अपराध का एक नया और खतरनाक चेहरा सामने आया है। इसे लोग गला घोंटू गैंग के नाम से पहचानने लगे हैं। यह गैंग खासतौर पर सड़क पर अकेले चल रहे लोगों, खासकर महिलाओं, को अपना निशाना बनाता है। उनकी चालाकी और तेज़ी इतनी होती है कि महज कुछ ही सेकंड में वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।
शकरपुर की वारदात – सीसीटीवी में कैद अपराध
पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में 7 अगस्त की रात को एक महिला के साथ हुई वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि महिला गली से गुजर रही थी, तभी पीछे से एक युवक अचानक दौड़कर आता है और महिला का गला घोंटू गैंग वाला अंदाज़ अपनाकर दोनों हाथों से उसका गला दबा देता है। महिला बेहोश होकर जमीन पर गिर जाती है।
सोने के जेवर लूटकर स्कूटी से फरार
महिला के गिरते ही आरोपी तेजी से उसके कानों से कुंडल और गले से चेन खींच लेता है। कुछ ही पल में स्कूटी पर सवार उसके दो साथी मौके पर पहुंचते हैं, आरोपी पीछे बैठता है और पूरा गला घोंटू गैंग बिना किसी हिचकिचाहट के फरार हो जाता है।
पुलिस की सक्रियता और जांच
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गला घोंटू गैंग की पहचान कर ली गई है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस गैंग ने दिल्ली में आतंक मचाया हो।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
इससे पहले दिल्ली के पालम इलाके से भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक महिला को उसी तरीके से निशाना बनाया गया था। जांच में पता चला कि यह गला घोंटू गैंग वारदात के लिए सुनसान सड़कों या कम भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का चयन करता है। उनका मुख्य उद्देश्य सोने-चांदी के जेवर, मोबाइल फोन और नकदी लूटना होता है।
गैंग का तरीका – महज सेकंडों में वारदात
गला घोंटू गैंग की खासियत यह है कि वे पीड़ित को संभलने का मौका ही नहीं देते। उनके तरीके में तीन मुख्य चरण होते हैं:
- पीछा करना: शिकार को चुपचाप फॉलो करना।
- अचानक हमला: पीछे से गला दबाकर पीड़ित को बेहोश करना।
- फरार: लूट के बाद तुरंत बाइक या स्कूटी से भाग निकलना।
महिलाओं पर बढ़ते हमले – चिंता का विषय
अपराध विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली में महिलाओं पर होने वाले ऐसे हमले समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। गला घोंटू गैंग जैसे गिरोह न केवल संपत्ति छीनते हैं, बल्कि पीड़ित की जान को भी खतरे में डालते हैं।
आम जनता के लिए सुरक्षा सुझाव
पुलिस और सुरक्षा विशेषज्ञ नागरिकों को सतर्क रहने और कुछ एहतियाती कदम अपनाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि गला घोंटू गैंग जैसी घटनाओं से बचा जा सके:
- सुनसान गलियों में अकेले पैदल चलने से बचें।
- सोने-चांदी के जेवर खुले में न पहनें, खासकर रात के समय।
- आसपास किसी संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
- मोबाइल में नजदीकी पुलिस स्टेशन का नंबर सेव रखें।
- घर लौटते समय किसी भरोसेमंद साथी के साथ ही आएं।
दिल्ली पुलिस की रणनीति
दिल्ली पुलिस ने ऐसे गैंग्स पर नकेल कसने के लिए विशेष टीम बनाई है। इसके तहत:
- अपराध-प्रवण क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाएगी।
- सीसीटीवी नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा।
- रात के समय स्कूटी और बाइक सवार संदिग्धों की जांच की जाएगी।
- मुखबिर तंत्र को और सक्रिय किया जाएगा।
राजधानी दिल्ली का ये CCTV आपको हिला देगा…
ये घटना दिल्ली के शकरपुर की है, जहां एक युवक पीछे से आकर महिला का गला दबाता है, जिससे वह बेहोश होकर गिर जाती है. इसके बाद वह कान के कुंडल और गले की चेन छीन लेता है और स्कूटी पर अपने साथियों के साथ फरार हो जाता है.#delhi | #cctv |… pic.twitter.com/gSVD2Wg0te
— NDTV India (@ndtvindia) August 8, 2025
अपराध पर लगाम के लिए सामूहिक प्रयास ज़रूरी
विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी गला घोंटू गैंग जैसे अपराधियों पर रोक लगाने के लिए सहयोग करना होगा। मोहल्ला स्तर पर निगरानी समितियां बनाना, गली-मोहल्लों में सीसीटीवी कैमरे लगाना और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देना, ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने में मददगार हो सकता है।
दिल्ली में गला घोंटू गैंग का आतंक बढ़ता जा रहा है और यह अपराध समाज में असुरक्षा की भावना को गहरा कर रहा है। इस गैंग की तेज़ और खतरनाक वारदातें न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि लोगों की जान को भी जोखिम में डालती हैं। समय रहते पुलिस, प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयासों से ही ऐसे गिरोहों पर रोक लगाई जा सकती है।