हाइलाइट्स
- Spitting in milk का वीडियो CCTV में कैद, आरोपी दूधिया की हरकत देख लोग हैरान
- आरोपी की पहचान मोहम्मद शरीफ उर्फ पप्पू के रूप में हुई
- वीडियो में दिखा दूध में थूककर फिर ग्राहकों को देना
- अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने गोमती नगर थाने में दी तहरीर
- शहरवासियों में आक्रोश, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
लखनऊ में दूध के नाम पर धोखा: आखिर कब थमेगा ‘Spitting in milk’ जैसे मामलों का सिलसिला?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक शर्मनाक और खौफनाक घटना सामने आई है, जिसने लोगों के बीच डर और गुस्से की लहर दौड़ा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने दूध में थूकने यानी Spitting in milk की घिनौनी साजिश को उजागर कर दिया है।
यह वीडियो लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र के एक मकान में लगे CCTV कैमरे से सामने आया है। वीडियो में देखा गया कि एक दूधिया दूध देने से पहले उस डिब्बे में थूकता है और फिर वही दूध घरवालों को सौंप देता है। यह घटना एक बार नहीं, कई बार दोहराई गई है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ का बड़ा मामला सामने आया है।
आरोपी की पहचान: नाम पप्पू बताया, असल नाम मोहम्मद शरीफ
इस मामले में जिसने सबसे अधिक लोगों को चौंकाया, वह थी आरोपी की पहचान। शुरुआत में वह खुद को ‘पप्पू’ के नाम से इलाके में पहचानता रहा, लेकिन CCTV फुटेज और स्थानीय लोगों की छानबीन के बाद उसकी असली पहचान मोहम्मद शरीफ के रूप में हुई।
बताया जा रहा है कि शरीफ लंबे समय से इस इलाके में दूध बांटने का काम कर रहा था और इसी दौरान वह Spitting in milk की हरकत को अंजाम देता रहा। कई परिवारों ने अब जाकर खुलासा किया है कि उन्हें दूध में अजीब गंध और स्वाद का अनुभव होता था, लेकिन वे इसे नजरअंदाज कर देते थे।
लखनऊ: थूकने के बाद लोगों को देता था दूध, घर के CCTV में कैद हुई करतूत pic.twitter.com/YJGqf2zeob
— RajKumar Kabir (@rajkumarkabir14) July 5, 2025
वीडियो में दिखी साजिश: दूध में थूकने के बाद किया सील
CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी शरीफ एक दूध का डिब्बा लेकर घर के बाहर खड़ा है। वह पहले डिब्बे का ढक्कन खोलता है, फिर उसमें थूकता है, और दोबारा उसे सील कर देता है। उसके बाद वह दूध बिना किसी हिचकिचाहट के संबंधित परिवार को सौंप देता है।
यह Spitting in milk का मामला केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक और धार्मिक साजिश के रूप में देखा जा रहा है, खासतौर पर तब जब आरोपी ने अपनी पहचान छुपाकर यह काम किया।
हिंदू महासभा की तीखी प्रतिक्रिया: थूक जिहाद करार
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह महज एक गंदगी फैलाने का मामला नहीं बल्कि Spitting in milk को एक ‘थूक जिहाद’ के रूप में देखना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि महासभा ने गोमती नगर थाने में इस घटना को लेकर तहरीर दी है और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि इससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि यह एक सोची-समझी साजिश है।
स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश: दूध का बहिष्कार शुरू
घटना के वायरल होते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। स्थानीय निवासियों ने दूध के पारंपरिक स्त्रोतों से दूध लेना बंद कर दिया है। कई लोगों ने Spitting in milk की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी कड़ी नाराजगी जताई है और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है।
लोगों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरी सप्लाई चेन की जांच की मांग करता है। कहीं और भी तो ऐसी घटनाएं नहीं हो रही? यह सवाल अब हर घर में उठ रहा है।
पुलिस का बयान: मामले की जांच जारी
गोमती नगर पुलिस ने मीडिया को बताया है कि Spitting in milk की शिकायत मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। CCTV फुटेज को सबूत के तौर पर कब्जे में लिया गया है और आरोपी की तलाश जारी है।
पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपी की पहचान और ठिकाने के संबंध में कई सुराग मिल चुके हैं और जल्द ही उसे हिरासत में लिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर भी सवाल
इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि अगर Spitting in milk जैसी घटनाएं हो रही हैं, तो खाद्य और स्वास्थ्य विभाग क्या कर रहा है? क्या दूध की गुणवत्ता की जांच सिर्फ फैक्ट्रियों तक सीमित है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले को केवल धार्मिक नजरिए से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संकट के रूप में भी देखा जाना चाहिए। यह घटना संक्रमण और महामारी का कारण बन सकती थी।
न्यायिक कार्रवाई की मांग तेज: उदाहरण बननी चाहिए यह सजा
हिंदू संगठनों के साथ-साथ आम जनता भी यह मांग कर रही है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि Spitting in milk जैसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि यदि यह मामला हल्के में लिया गया, तो इसका असर पूरे समाज पर पड़ेगा।
सतर्कता ही सुरक्षा है
यह घटना हमें इस ओर इशारा करती है कि हमारी रोजमर्रा की चीजों में भी अब विश्वास करना मुश्किल हो गया है। Spitting in milk जैसे कृत्य न केवल अमानवीय हैं, बल्कि समाज को तोड़ने का एक कुत्सित प्रयास भी हैं। जरूरी है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो, समाज सजग रहे और कानून अपना काम ईमानदारी से करे।