स्पर्म डोनेशन से हर महीने कमाता है ₹2.5 लाख, लेकिन नहीं जान सकता अपने 2500 बच्चों का नाम – खुलासा होने के बाद सामने आया देश-विदेश का चौंकाने वाला सच!

Latest News

Table of Contents

हाइलाइट्स

  • स्पर्म डोनेशन पर भारत में अब भी बना है सामाजिक टैबू और शर्म का माहौल
  • विदेशों में इसे एक सम्मानजनक और उच्च आमदनी वाला प्रोफेशन माना जाता है
  • भारत में एक डोनेशन पर औसतन 500 से 2000 रुपये तक की कमाई
  • अमेरिका में एक डोनेशन पर ₹8000 से ₹12,000 तक मिलते हैं
  • योग्य डोनर की विदेशों में लाखों रुपये तक की मासिक कमाई संभव

भारत में स्पर्म डोनेशन: शर्म, डर और जानकारी की कमी

सामाजिक कलंक बना स्पर्म डोनेशन

भारत में जब 2012 में आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘विक्की डोनर’ आई थी, तो लगा कि समाज में स्पर्म डोनेशन को लेकर सोच बदलेगी. लेकिन एक दशक बाद भी स्थिति वैसी की वैसी बनी हुई है. आज भी आम लोग स्पर्म डोनेशन को गलत नजर से देखते हैं, इसे अश्लीलता या अनैतिक कार्य से जोड़ते हैं.

जानकारी और जागरूकता का अभाव

ज्यादातर लोग स्पर्म डोनेशन के वैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं से अनजान हैं. स्कूल या कॉलेज स्तर पर कभी इस विषय पर खुलकर बात नहीं होती. नतीजा यह कि युवा वर्ग, जो डोनेशन कर सकता है, खुद ही इसे लेकर शर्मिंदगी या संकोच महसूस करता है.

भारत में स्पर्म डोनेशन से कितनी कमाई?

मामूली रकम, लेकिन संभावनाएं मौजूद

भारत में स्पर्म डोनेशन से होने वाली आमदनी सीमित है. ज्यादातर स्पर्म बैंक एक बार के डोनेशन के लिए ₹500 से ₹2000 तक देते हैं. यदि कोई डोनर सप्ताह में दो बार डोनेट करे, तो वह महीने में ₹4000 से ₹8000 तक कमा सकता है.

बड़े शहरों में बेहतर अवसर

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में स्पर्म डोनेशन की मांग ज्यादा है. यहां डोनर ₹8000 से ₹15000 तक प्रति माह कमा सकते हैं. यदि किसी डोनर की शैक्षणिक पृष्ठभूमि MBBS, IIT या IIM जैसी हो, या उसकी शारीरिक विशेषताएं जैसे गोरा रंग, नीली आंखें या लंबा कद हो, तो उसकी डिमांड और कमाई दोनों बढ़ सकती हैं.

विदेश में स्पर्म डोनेशन: एक सम्मानजनक प्रोफेशन

अमेरिका और यूरोप में खुला और पेशेवर रवैया

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में स्पर्म डोनेशन को न केवल स्वीकारा जाता है बल्कि इसे एक प्रोफेशन की तरह देखा जाता है. वहां डोनर्स को न केवल अच्छा पैसा मिलता है, बल्कि उन्हें मेडिकल सुविधाएं और हेल्थ चेकअप भी फ्री में दिए जाते हैं.

अमेरिका में लाखों की कमाई

सीएटल स्पर्म बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एक बार के डोनेशन पर $100 (₹8400) मिलते हैं. यदि कोई महीने में 15 बार डोनेट करे, तो यह रकम ₹1.26 लाख तक पहुंच जाती है. कैलिफोर्निया स्पर्म बैंक में एक डोनेशन पर $150 (₹12,600) मिलते हैं. यूरोपियन स्पर्म बैंक €40 (₹3600) प्रति डोनेशन देता है.

बोनस और मेडिकल लाभ

Cryos International जैसे स्पर्म बैंक डोनर्स को बोनस, फर्टिलिटी टेस्ट, एनुअल चेकअप और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं भी देते हैं. कुछ मामलों में छह महीने में ₹8.4 लाख तक की आमदनी संभव हो सकती है.

डोनर का खुलासा: 2500 बच्चों का बायोलॉजिकल पिता

सोशल मीडिया पर चौंकाने वाला खुलासा

हाल ही में एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वह पिछले कई सालों से स्पर्म डोनेशन कर रहा है और उसके डोनेशन से दुनिया में 2500 से अधिक बच्चे जन्म ले चुके हैं. उसने बताया कि इससे हर महीने उसकी ₹2.5 लाख की अतिरिक्त कमाई होती है.

बच्चे संपर्क कर सकते हैं, पर डोनर नहीं

उस व्यक्ति ने यह भी बताया कि जिन बच्चों का जन्म उसके स्पर्म से हुआ है, वे 18 साल की उम्र के बाद उससे संपर्क कर सकते हैं, लेकिन डोनर को उनकी जानकारी लेने का अधिकार नहीं होता.

भारत बनाम विदेश: सोच में है बड़ा अंतर

भारत में सामाजिक डर, विदेश में प्रोफेशनल सम्मान

जहां भारत में स्पर्म डोनेशन को गुप्त और शर्मनाक माना जाता है, वहीं विदेशों में इसे समाज सेवा और आय के स्रोत के रूप में देखा जाता है. वहां की सरकारें और संस्थान डोनर्स को सभी आवश्यक सहयोग और सुरक्षा प्रदान करते हैं.

बदलाव की जरूरत

भारत में स्पर्म डोनेशन को लेकर सही जानकारी और खुली चर्चा की सख्त जरूरत है. स्कूल और कॉलेजों में यौन शिक्षा को जरूरी बनाना होगा ताकि युवा इस विषय को समझें और सही निर्णय ले सकें.

स्पर्म डोनेशन: सिर्फ पैसा नहीं, एक सामाजिक योगदान

स्पर्म डोनेशन सिर्फ पैसे कमाने का साधन नहीं है, बल्कि यह उन दंपत्तियों के लिए आशा की किरण है जो प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्त नहीं कर सकते. इस प्रोसेस के माध्यम से किसी की जिंदगी में खुशियां लौटाई जा सकती हैं.

भारत में स्पर्म डोनेशन पर अभी भी समाज का रवैया संकीर्ण है. वहीं, विदेशों में यह एक सामान्य और सम्मानजनक प्रोफेशन है. आवश्यकता है कि भारत भी इस दिशा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाए और लोगों को जागरूक करे. तभी यह क्षेत्र न केवल युवाओं के लिए आमदनी का स्रोत बन पाएगा, बल्कि निःसंतान दंपत्तियों के लिए उम्मीद की किरण भी साबित होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *