हाइलाइट्स
- South Kolkata Law College Case में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा पर लगे हैं गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप
- जांच में खुलासा: आरोपियों ने पीड़िताओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल किया
- छात्राओं के बयान: मनोजीत पहले भी देता था फ्लैट पर चलने का ऑफर
- विशेष जांच दल कर रहा है सात घंटे की सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच
- पीड़िता ने कॉलेज में दाखिले के पहले दिन से ही अनुभव किया था डर और दबाव
South Kolkata Law College Case: एक संगठित यौन शोषण का खुलासा
South Kolkata Law College Case सिर्फ एक बलात्कार की घटना नहीं है, बल्कि यह छात्राओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न का एक संगठित ढांचा उजागर करता है। घटना ने न केवल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साफ किया है कि किस तरह कुछ छात्र और पूर्व छात्र मिलकर वर्षों से लड़कियों को अपने शिकंजे में फंसा रहे थे।
अपराध का मनोविज्ञान: कैसे फंसाते थे छात्राएं
आपत्तिजनक वीडियो बनाकर करते थे ब्लैकमेल
जांच में पाया गया कि South Kolkata Law College Case के मुख्य आरोपी—मनोजीत मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद—लड़कियों को अकेले फ्लैट पर बुलाते थे, फिर उनका यौन शोषण करते और मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्डिंग करते। ये वीडियो बाद में पीड़िताओं को डराने और चुप कराने के लिए उपयोग किए जाते थे।
छात्राओं की गवाही से खुला राज
एक द्वितीय वर्ष की छात्रा ने बताया कि एक कॉलेज पिकनिक के दौरान मनोजीत ने उसे और उसकी दोस्त को एक कमरे में चलने को कहा था। छात्रा ने मना कर दिया, लेकिन उसकी दोस्त साथ गई। बाद में उसने बताया कि मनोजीत ने उसे आपत्तिजनक तरीके से छुआ और धमकी दी कि शिकायत करने पर वह गवाह नहीं जुटा पाएगी।
जांच की दिशा: एक गहन साजिश
पहले दिन से पीड़िता थी टारगेट
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि South Kolkata Law College Case में आरोपियों ने कॉलेज में दाखिले के पहले दिन से ही पीड़िता को निशाना बना रखा था। यह घटना एक अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी।
सीसीटीवी फुटेज से मिले सबूत
सात घंटे की लंबी सीसीटीवी फुटेज की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि पीड़िता को जबरदस्ती गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ। आरोपी गार्ड की भूमिका भी संदेह के घेरे में है और उसे भी गिरफ्तार किया गया है।
South Kolkata Law College Case में कानूनी कार्रवाई
विशेष जांच दल कर रहा है व्यापक जांच
इस हाई-प्रोफाइल South Kolkata Law College Case की जांच के लिए एक 9 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है। अधिकारियों ने प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद के घरों की तलाशी ली और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।
मोबाइल से वीडियो क्लिप मिलने की आशंका
पुलिस अधिकारियों ने यह भी संभावना जताई है कि 25 जून की सामूहिक दुष्कर्म की घटना को भी आरोपियों ने रिकॉर्ड किया हो। अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वीडियो क्लिप कहीं और साझा की गई है या नहीं।
गार्ड की भूमिका और लापरवाही
South Kolkata Law College Case में यह भी पाया गया कि कॉलेज का सुरक्षा गार्ड न केवल घटनास्थल पर मौजूद था, बल्कि उसने दुष्कर्म की प्रक्रिया को सहज बनाने में भूमिका निभाई। गार्ड रूम को ही अपराध स्थल के रूप में इस्तेमाल करना अपने आप में गंभीर प्रशासनिक चूक है।
कॉलेज प्रशासन पर सवाल
पहले क्यों नहीं हुई कोई कार्रवाई?
कई छात्राओं ने बताया कि वे पहले भी मनोजीत मिश्रा की हरकतों से परेशान थीं, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। यह इंगित करता है कि कॉलेज प्रशासन ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया।
छात्रों का विरोध
घटना के बाद कॉलेज में विरोध-प्रदर्शन तेज़ हो गया है। छात्राएं और अभिभावक कॉलेज प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी South Kolkata Law College Case को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।
आगे की राह: क्या बदलना ज़रूरी है?
South Kolkata Law College Case ने यह साबित कर दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा केवल दीवारों और कैमरों से नहीं, बल्कि एक मजबूत और निष्पक्ष प्रशासन से सुनिश्चित होती है। यह ज़रूरी है कि—
- कॉलेजों में लैंगिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण हो
- शिकायत निवारण प्रणाली पारदर्शी और सशक्त हो
- हर छात्रा को मानसिक, कानूनी और सामाजिक सहायता मिले
- पीड़िताओं के साथ न्याय में देरी न हो
South Kolkata Law College Case सिर्फ एक कानून कॉलेज का मामला नहीं है, यह हमारे समाज की उस सच्चाई को उजागर करता है, जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है। अगर अब भी इस पर कठोर कार्रवाई और समाजिक चेतना नहीं बढ़ी, तो आने वाले समय में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति निश्चित है।