South Kashmir

Islamist आतंकियों ने South Kashmir में हिंदू पर्यटकों को पहचान कर मारी गोली, मुस्लिम न होने पर किया हमला

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हाइलाइट्स:

आतंकियों का ‘टारगेटेड’ हमला: धार्मिक पहचान के आधार पर गोलियां

South Kashmir के अनंतनाग जिले में रविवार की रात को जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। Islamist आतंकवादियों ने एक पर्यटक वाहन को घेरकर उसमें मौजूद यात्रियों से उनकी पहचान पूछी। जब ये पता चला कि वे हिंदू हैं और मुस्लिम नहीं, तो उन्हें गोली मार दी गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने यात्रियों से आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र दिखाने को कहा। इसके बाद उन्होंने पुरुष यात्रियों के पैंट तक उतरवाए ताकि यह जांच सकें कि वे मुस्लिम हैं या नहीं। यह अमानवीय और बर्बरता की हद तक गया कृत्य पूरे देश में निंदा का विषय बना हुआ है।

स्थानीय अस्पताल में भर्ती, कई की हालत नाज़ुक

घायल यात्रियों को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और एक महिला की हालत अत्यंत नाज़ुक बताई जा रही है। सभी घायलों को श्रीनगर के SKIMS अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

हॉस्पिटल स्टाफ ने पुष्टि की कि घायलों की शिनाख्त पर्यटक के तौर पर हुई है जो कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आए थे और South Kashmir की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने निकले थे।

यह कोई पहली घटना नहीं: South Kashmir में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले

यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है जब South Kashmir में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया हो। बीते कुछ वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, बाहरी मज़दूरों और हिंदू तीर्थयात्रियों को चुनकर निशाना बनाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह South Kashmir में आतंकियों की एक नई रणनीति है, जिसका उद्देश्य डर का माहौल फैलाना और पर्यटन उद्योग को बर्बाद करना है।

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया: “बर्बरता की हद”

केंद्र सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। गृहमंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा:

“South Kashmir में निर्दोष पर्यटकों पर हमला, मानवता पर हमला है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अगुवाई में सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाई गई है। सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस को संयुक्त ऑपरेशन के आदेश दिए गए हैं।

South Kashmir में सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा ऑपरेशन

घटना के बाद से पूरे South Kashmir क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। आतंकियों के छिपने की आशंका वाले क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन जारी है।

सेना ने चेतावनी दी है कि जो भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें जल्द ही गिरफ्तार या मुठभेड़ में ढेर किया जाएगा। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से भी सहयोग की अपील की है ताकि आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

पर्यटन उद्योग पर असर: South Kashmir में डर का माहौल

यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब गर्मियों में लाखों पर्यटक South Kashmir और खासतौर पर पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग का रुख करते हैं। इस घटना के बाद कई ट्रैवल एजेंसियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है और पर्यटक डरे हुए हैं।

एक ट्रैवल ऑपरेटर ने कहा:

“अगर सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती, तो कोई South Kashmir क्यों जाएगा? अब तो पहचान पूछकर गोली मारी जा रही है।”

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संवेदनाएं

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी इस घटना पर चिंता जताई है। हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स ने इन नेताओं की “नरम प्रतिक्रियाओं” पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि वे आतंकियों की आलोचना करने से बचते हैं।

क्या South Kashmir सुरक्षित है? उठते सवाल

अब बड़ा सवाल यही है — क्या अब भी South Kashmir में गैर-मुस्लिम पर्यटक या नागरिक सुरक्षित हैं? क्या धार्मिक पहचान जानने के लिए कपड़े उतरवाना अब ‘नया सामान्य’ बनता जा रहा है?

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आतंकी इस तरह धार्मिक पहचान के आधार पर हमले करते रहेंगे, तो South Kashmir न केवल पर्यटकों के लिए, बल्कि वहां के शांतिप्रिय नागरिकों के लिए भी खतरा बन जाएगा।

अब ज़रूरत है निर्णायक कार्रवाई की

यह घटना हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद की कोई जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं होता — लेकिन उसका असर ज़रूर होता है। South Kashmir को फिर से सुरक्षित, सुंदर और पर्यटन के लिए उपयुक्त बनाने के लिए अब निर्णायक और ठोस कदम उठाने होंगे।

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