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जिसने मांगा था जीवनसाथी, उसे मिली मौत: एक वीडियो से शुरू हुई दोस्ती ने रच दी मौत की खौफनाक साजिश

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हाइलाइट्स 

  • Social media पर वायरल वीडियो देखकर युवती को मिली शादी की साजिश रचने की प्रेरणा
  • मुस्लिम युवती ने खुशी तिवारी नाम से हिंदू बनकर रचाई शादी
  • शादी के कुछ ही दिन बाद पति इंद्र कुमार तिवारी की हत्या कर शव फेंका गया
  • संपत्ति और पैसों के लालच में रची गई थी पूरी योजना
  • सोशल मीडिया और सेंट्रल पोर्टल की मदद से पुलिस ने सुलझाया मामला

हत्या, छल और सोशल मीडिया का जाल: कुशीनगर से उठी सनसनी

उत्तर प्रदेश का कुशीनगर ज़िला एक दिल दहला देने वाले अपराध का गवाह बना है। एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें Social media की एक पोस्ट ने एक व्यक्ति की जान ले ली। मृतक 45 वर्षीय इंद्र कुमार तिवारी, मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के निवासी थे। संस्कृत के आचार्य और शिक्षाविद् होने के बावजूद उनका विवाह नहीं हो पा रहा था। उन्होंने यह सवाल कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के दरबार में उठाया था, जो बाद में Social media पर वायरल हो गया।

इसी वीडियो को देखकर गोरखपुर की रहने वाली एक मुस्लिम युवती ने एक ऐसी साजिश रची जिसने पुलिस तक को चौंका दिया।

Social media से जुड़ी एक मौत की स्क्रिप्ट

 वायरल वीडियो से उपजा षड्यंत्र

जब इंद्र कुमार तिवारी का वीडियो Social media पर वायरल हुआ, तो यह गोरखपुर की साहिबा बानो तक पहुंचा। युवती ने इंद्र की आर्थिक स्थिति और शादी को लेकर उनकी व्यथा देखी। इसके बाद साहिबा बानो ने Social media के माध्यम से ही इंद्र से संपर्क किया और खुद को ‘खुशी तिवारी’ नामक हिंदू युवती बताया।

झूठी पहचान और नकली प्यार: शादी की असली सच्चाई

 गोरखपुर में हुई शादी, पीछे था लालच

साहिबा उर्फ खुशी तिवारी ने इंद्र कुमार को यह विश्वास दिलाया कि वह एक ब्राह्मण युवती है और अविवाहित है। इंद्र, जो शादी के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहे थे, इस प्रस्ताव से उत्साहित हो गए और गोरखपुर पहुंचे। वहीं मंदिर में दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली।

शादी के दौरान साहिबा ने इंद्र से भारी मात्रा में गहने और नकदी हासिल कर ली। शादी के कुछ ही दिनों बाद उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इंद्र की हत्या कर दी और शव को कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र में फेंक दिया।

Social media से सुराग, फिर खुलने लगी साजिश की परतें

जब कुशीनगर पुलिस को 6 जून को अज्ञात शव मिला, तब उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस ने शव की तस्वीरें Social media पर पोस्ट की और सेंट्रल पोर्टल की मदद से पहचान की प्रक्रिया शुरू की। कुछ दिनों बाद मृतक के भाई अजय तिवारी ने शव की पहचान की और बताया कि उनका भाई इंद्र शादी के लिए गोरखपुर गया था।

पुलिस जांच से खुला मामला, मास्टरमाइंड निकली पत्नी

एसपी संतोष कुमार ने प्रेस को बताया कि जांच में यह सामने आया कि साहिबा बानो देवरिया की निवासी है और गोरखपुर में एक युवक के साथ पहले से रह रही थी। उसने ही इस पूरी साजिश की योजना बनाई।

 पुलिस के सामने कबूला जुर्म

गिरफ्तारी के बाद साहिबा ने कबूला कि उसने संपत्ति के लालच में इंद्र से नकली पहचान के जरिए शादी की और फिर उसकी हत्या कर दी। पुलिस को उसके सहयोगियों की भी तलाश है।

Social media बना अपराध का उपकरण या सूचना का जरिया?

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि Social media का दोहरा चेहरा कितना खतरनाक हो सकता है। जहां यह एक व्यक्ति की शादी की उम्मीद बन सकता है, वहीं यही प्लेटफॉर्म अपराधियों के लिए साजिश रचने का औजार भी बन सकता है।

इस मामले से जुड़े गहरे सवाल

  1. क्या Social media की स्वतंत्रता पर कुछ मर्यादा जरूरी है?
  2. क्या विवाह से पहले पहचान की पूरी जांच होनी चाहिए?
  3. क्या कानून में ऐसे अपराधों के लिए और कठोर दंड होने चाहिए?

जनता में डर और अविश्वास का माहौल

इंद्र कुमार तिवारी की हत्या ने न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। Social media के ज़रिए आए दिन नए रिश्ते बनते हैं, लेकिन यह घटना इस बात की चेतावनी है कि सतर्कता बेहद जरूरी है।

एक शिक्षाप्रद लेकिन डरावनी घटना

यह घटना सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक और डिजिटल परिवर्तन की कहानी है, जहां Social media रिश्तों का नया मंच बनता जा रहा है। लेकिन इसके साथ जुड़ी जिम्मेदारियों को समझना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

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