भारत पर हमले की साजिश: शमा परवीन अंसारी का अलकायदा कनेक्शन आया सामने!

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हाइलाइट्स

  • शमा परवीन अंसारी पर अलकायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का प्रचार करने का गंभीर आरोप
  • बेंगलुरु से गिरफ्तारी, सोशल मीडिया पर भड़काऊ और जिहादी सामग्री फैलाने का आरोप
  • फेसबुक व इंस्टाग्राम पर 10 हजार से अधिक फॉलोअर्स, दो पेज और एक अकाउंट से करता थी प्रचार
  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख से भारत पर हमला करने की खुली अपील
  • यूएपीए की धाराओं में मामला दर्ज, अन्य चार आरोपियों से भी थी डिजिटल कनेक्शन

गुजरात एटीएस का खुलासा: भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा

गुजरात पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में एक महिला शमा परवीन अंसारी की गिरफ्तारी से जुड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है। एटीएस के अनुसार, शमा परवीन अंसारी न सिर्फ भारत विरोधी प्रचार में लिप्त थी, बल्कि उसने सीधे तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भारत पर हमले की मांग की थी।

यह गिरफ्तारी 29 जुलाई को बेंगलुरु से की गई, जब शमा परवीन अंसारी को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘अलकायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ (AQIS) का प्रचार करते हुए पकड़ा गया।

शमा परवीन अंसारी की डिजिटल सक्रियता

सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी प्रचार

शमा परवीन अंसारी सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय थी। वह दो फेसबुक पेज और एक इंस्टाग्राम हैंडल चला रही थी, जिन पर उसके कुल मिलाकर 10,000 से अधिक फॉलोअर्स थे। गुजरात एटीएस के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए वह AQIS और अन्य कट्टरपंथी विचारधाराओं का प्रचार कर रही थी।

वीडियो और पोस्ट: भारत के खिलाफ भड़काऊ अभियान

शमा परवीन अंसारी द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट में कई वीडियो शामिल थे जो भारत विरोधी थे। एक पोस्ट में उसने जनरल मुनीर से अपील करते हुए कहा था—

“आपके पास एक सुनहरा मौका है… इस्लाम के प्रचार के लिए खिलाफत योजना को अपनाएं, मुस्लिम भूमि को एकीकृत करें, और हिंदुत्व और यहूदी को खत्म करने के लिए आगे बढ़ें… इसलिए आगे बढ़ें।”

ऑपरेशन सिंदूर के बाद किया उकसाव

पाकिस्तान को भारत पर हमले के लिए उकसाना

भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दो दिन बाद, 9 जुलाई को शमा परवीन अंसारी ने यह पोस्ट शेयर की। यह एक सुनियोजित और रणनीतिक अपील थी, जो दर्शाती है कि वह केवल एक प्रचारक नहीं बल्कि एक सक्रिय उकसाने वाली भूमिका निभा रही थी।

इंस्टाग्राम पर धार्मिक कट्टरता का प्रसार

धर्मगुरु का वीडियो: सेना को समर्थन देने वालों की निंदा

शमा परवीन अंसारी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक ऐसा वीडियो शेयर किया, जिसमें एक इस्लामी धर्मगुरु भारतीय मुसलमानों की आलोचना कर रहा था जो भारतीय सेना को समर्थन दे रहे थे। इस वीडियो का उद्देश्य था भारतीय मुस्लिम समुदाय को सेना और सरकार के खिलाफ भड़काना।

लाल मस्जिद का वीडियो: भारत में खिलाफत लाने का आह्वान

एक अन्य क्लिप में लाल मस्जिद, लाहौर के इमाम अब्दुल अजीज को भारत में सशस्त्र क्रांति के ज़रिए खिलाफत स्थापित करने का संदेश देते देखा गया। यह क्लिप शमा परवीन अंसारी ने अपने प्लेटफॉर्म पर साझा की थी।

गजवा-ए-हिंद और आतंकवाद का प्रचार

AQIS नेता का बयान

शमा परवीन अंसारी द्वारा शेयर किया गया एक तीसरा वीडियो AQIS के नेता का था, जिसमें वह गजवा-ए-हिंद के विचार को फैलाते हुए हिंदू समुदाय और भारतीय लोकतांत्रिक संस्थाओं को निशाना बनाने की बात कर रहा था। ऐसे वीडियो सिर्फ विचारधारा नहीं, बल्कि हिंसा को बढ़ावा देने का सीधा माध्यम हैं।

पहले से थी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त

अन्य गिरफ्तारियों से लिंक

गुजरात एटीएस ने बताया कि शमा परवीन अंसारी उन चार अन्य संदिग्धों से डिजिटल रूप से जुड़ी हुई थी जिन्हें दो सप्ताह पहले भड़काऊ कंटेंट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह नेटवर्क एक संगठित साइबर-प्रचार युद्ध की तरह काम कर रहा था।

कठोर कानूनों के तहत कार्रवाई

यूएपीए के तहत केस दर्ज

शमा परवीन अंसारी समेत सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एटीएस और राष्ट्रीय जांच एजेंसियां अब इन संदिग्धों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क और वित्तीय स्रोतों की जांच में जुटी हैं।

क्या कहती है ये गिरफ्तारी?

शमा परवीन अंसारी की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, यह उस खतरनाक डिजिटल आतंकवाद की तस्वीर है जो भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की सुरक्षा और अखंडता को चुनौती दे रहा है। सोशल मीडिया अब सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं रहा, यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जहां कट्टरपंथी सोच आसानी से फैल सकती है।

 सतर्कता और कार्रवाई ही एकमात्र विकल्प

भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए शमा परवीन अंसारी जैसे मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। देश को न केवल सीमाओं पर सतर्क रहना है, बल्कि डिजिटल सीमाओं की भी सुरक्षा करनी है। इस प्रकार की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि विचारधारा और तकनीक के मिश्रण से आतंकवाद ने एक नया रूप ले लिया है।

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