हाइलाइट्स
- sexual harassment मामले में महिला के पिता ने आरोपी युवक पर जानलेवा हमला कर दिया
- डकोर के एक गांव में हैंडपंप पर पानी भरते वक्त महिला से की गई अश्लील हरकत
- शराब के नशे में धुत युवक की हरकतों से नाराज पिता ने लाठी से किया हमला
- दो घंटे तक घायल अवस्था में पड़ा रहा युवक, बाद में मौके पर हुई मौत
- पुलिस ने महिला के पिता को हिरासत में लिया, मामले की जांच जारी
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के डकोर थाना क्षेत्र के एक गांव में बुधवार को एक sexual harassment की घटना ने नाटकीय मोड़ ले लिया। हैंडपंप पर पानी भरने गई महिला से गांव के ही युवक ने छेड़खानी कर दी। महिला ने जब यह बात अपने पिता को बताई, तो उन्होंने गुस्से में आकर युवक पर लाठी से कई वार कर दिए। युवक दो घंटे तक बेहोशी की हालत में वहीं पड़ा रहा और आखिरकार उसकी मौत हो गई। यह घटना न केवल सामाजिक संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि sexual harassment के मामलों में आम जनता की प्रतिक्रिया और कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े करती है।
घटना का पूरा विवरण
हैंडपंप से शुरू हुई कहानी
यह घटना डकोर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में हुई। पीड़िता तीन महीने से अपने मायके में रह रही थी। बुधवार को वह सुबह हैंडपंप से पानी भरने गई थी। वहां गांव का ही 20 वर्षीय युवक कल्लू राजपूत शराब के नशे में बैठा था। जैसे ही महिला वहां पहुंची, युवक ने उस पर अभद्र टिप्पणी की और कथित रूप से sexual harassment किया। महिला ने इसका विरोध किया तो युवक गाली-गलौज पर उतर आया।
गुस्से में आया पिता, किया हमला
महिला यह घटना सुनकर रोती हुई अपने घर पहुंची और पिता को पूरी बात बताई। गुस्से से भरकर पिता राकेश ने लाठी उठाई और सीधा हैंडपंप की ओर दौड़े। वहां कल्लू अब भी मौजूद था। राकेश ने युवक के सिर पर एक के बाद एक कई वार कर दिए, जिससे वह अचेत हो गया।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और युवक की मौत
दो घंटे तक कोई नहीं आया पास
युवक कल्लू जमीन पर पड़ा रहा, पर गांव के लोगों ने उसे नशे की हालत समझ कर नजरअंदाज कर दिया। किसी ने न तो उसे उठाया और न ही डॉक्टर को बुलाया। दो घंटे बाद जब किसी ने उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी, तब जाकर पास जाकर देखा गया। तब तक बहुत देर हो चुकी थी – युवक की मौत हो चुकी थी।
मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही सीओ उरई अर्चना सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। प्रारंभिक जांच के बाद महिला के पिता राकेश को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस का कहना है कि अभी तक sexual harassment की पुष्टि नहीं हो पाई है और मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस की प्राथमिक जांच और बयान
क्या बोले सीओ अर्चना सिंह?
सीओ अर्चना सिंह ने बयान दिया,
“युवक ने महिला से अभद्रता की थी, sexual harassment की पुष्टि नहीं हुई है। आरोपी को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट से यह साफ होगा कि मौत किस कारण से हुई। यदि यह साबित होता है कि सिर में लगी चोट से मौत हुई है, तो मामला हत्या की धारा में बढ़ सकता है।
सामाजिक और कानूनी सवाल
क्या यह न्याय है या अंधा गुस्सा?
इस घटना ने समाज में sexual harassment के मामलों को लेकर आमजन की प्रतिक्रिया पर विचार करने की आवश्यकता पैदा कर दी है। क्या आरोपी युवक को मारना समाधान था? क्या पिता को कानून के हवाले मामला नहीं सौंपना चाहिए था?
कानून का सहारा या खुद की अदालत?
किसी भी sexual harassment मामले में कानून अपना काम करता है, लेकिन अगर लोग खुद सजा देने लगें, तो समाज में अराजकता फैल सकती है। यह घटना इसी प्रकार की एक चेतावनी है कि भावनाओं के वशीभूत होकर कानून को अपने हाथ में लेना घातक हो सकता है।
गांव में तनाव का माहौल
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। युवक के परिजन सदमे में हैं और महिला के पिता की गिरफ्तारी के बाद गांव दो गुटों में बंट गया है। कुछ लोग पिता के पक्ष में हैं और उसे नायक मानते हैं, तो वहीं कुछ कानून के रास्ते को सही ठहरा रहे हैं।
क्या कहता है भारतीय कानून?
भारतीय दंड संहिता में sexual harassment पर प्रावधान
IPC की धारा 354 के तहत sexual harassment एक गंभीर अपराध है, जिसमें दोषी पाए जाने पर 1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
आत्मरक्षा और प्रतिक्रिया की सीमा
हालांकि, आत्मरक्षा का अधिकार भी भारतीय कानून देता है, लेकिन उसकी एक सीमा है। किसी को मार डालना इस सीमा से बाहर जाता है और इसे हत्या या गैर इरादतन हत्या माना जा सकता है।
इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि sexual harassment के मामलों में समाज किस कदर संवेदनशील हो चुका है। हालांकि, भावनात्मक प्रतिक्रिया को समझा जा सकता है, लेकिन न्याय की प्रक्रिया को हाथ में लेना न तो कानूनी है और न ही नैतिक। कानून और व्यवस्था ही समाज को संतुलित बनाए रखती है।
इस घटना से यह सीख लेनी चाहिए कि किसी भी प्रकार की यौन हिंसा या sexual harassment के मामले में तुरंत पुलिस में शिकायत करें और आरोपी को कानून के हवाले करें। तभी न्यायसंगत और सुसंगत समाधान मिल सकता है।