school admission

नन्ही बच्ची की मासूम गुहार ने रोक दी CM योगी की सभा… फिर जो हुआ उसने सबको चौंका दिया!

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हाइलाइट्स

  • एक बच्ची ने जनता दर्शन में सीएम योगी से school admission के लिए की भावुक गुहार
  • सीएम योगी ने मुस्कुराकर पूछा—”किसमें कराना है एडमिशन, 10वीं में या 11वीं में?”
  • बच्ची की एप्लीकेशन गृह सचिव संजय प्रसाद को दी गई, आदेश- तुरंत हो school admission
  • यह भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है
  • जनता दरबार में आई जनता की समस्याएं सुनते-सुनते सीएम ने बच्ची से की दुलार भरी बात

जनता दरबार में पहुंची एक छोटी बच्ची की बड़ी उम्मीद

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हर हफ्ते लगने वाला जनता दरबार न सिर्फ़ जनता की समस्याओं को हल करने का माध्यम बन चुका है, बल्कि कभी-कभी यह मानवीय संवेदनाओं का दृश्य भी बन जाता है। ऐसा ही एक मार्मिक क्षण उस समय देखने को मिला जब एक नन्ही बच्ची school admission की गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बोली—“प्लीज़… मेरा स्कूल में एडमिशन करा दीजिए।”

जब सीएम योगी ने मुस्कुराकर पूछा—”10वीं या 11वीं में?”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमजन से मिलने के दौरान बेहद सख्त प्रशासनिक रुख के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बच्चों के मामले में उनका हृदय कई बार कोमल हो उठता है। जैसे ही नन्ही बच्ची ने अपनी मासूमियत के साथ कहा—”प्लीज़… मेरा स्कूल में एडमिशन करा दीजिए”, मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया—”किसमें कराना है, 10वीं में या 11वीं में?”

इस पर वहां मौजूद सभी लोग मुस्कुरा उठे। मुख्यमंत्री की यह हल्की-फुल्की लेकिन भावनात्मक प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है।

 बच्ची की एप्लीकेशन सीधे गृह सचिव को सौंपी

मुख्यमंत्री योगी ने बच्ची की बात को न केवल गंभीरता से सुना, बल्कि तुरंत प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश भी दिए। उन्होंने बच्ची की लिखित एप्लीकेशन गृह सचिव संजय प्रसाद को सौंपी और कहा—”इसका school admission तुरंत सुनिश्चित किया जाए।”

यह मात्र एक औपचारिक आदेश नहीं था, बल्कि उत्तर प्रदेश प्रशासन के मुखिया की संवेदनशीलता और तत्परता का परिचायक था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भावुक वीडियो

सीएम योगी और बच्ची के बीच हुई यह संवाद मीडिया कैमरों में कैद हो गया और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर वायरल हो गया। Twitter, Facebook, Instagram और WhatsApp ग्रुप्स में इस वीडियो ने लोगों का दिल जीत लिया।

लोगों ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की तारीफ़ करते हुए कहा कि एक सशक्त नेता वही होता है जो जनता की छोटी से छोटी समस्या को भी गंभीरता से ले और उसका हल निकालने में देरी न करे।

 शिक्षा के अधिकार की मिसाल बनी यह पहल

भारत में शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। परंतु ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आज भी कई बच्चे school admission से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में एक मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत रूप से इस मामले में रुचि लेना न सिर्फ़ एक मिसाल है बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।

बच्ची कौन थी? कहाँ से आई थी?

अब तक की जानकारी के अनुसार बच्ची उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण क्षेत्र से थी और आर्थिक तंगी के चलते उसका school admission नहीं हो पाया था। परिवार की हालत ऐसी नहीं थी कि वह किसी निजी स्कूल में दाखिला ले सके। यही वजह थी कि वह अपने माता-पिता के साथ मुख्यमंत्री के दरबार में पहुँची और वहाँ उसने अपनी भावनाएं शब्दों में ढाल दीं।

 क्या शिक्षा विभाग ने उठाया त्वरित कदम?

इस घटना के तुरंत बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और स्थानीय प्रशासन को आदेश भेजे गए। संबंधित जिले के जिला अधिकारी को बच्ची का school admission जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार बच्ची को निकटतम सरकारी विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर दाखिला दिलाया जाएगा और उसकी आवश्यक शैक्षिक सामग्री की व्यवस्था भी की जाएगी।

 लोगों की प्रतिक्रियाएं: “नेता ऐसा ही होना चाहिए”

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं बेहद सकारात्मक रहीं। एक यूज़र ने लिखा—
“नेता वो नहीं जो सिर्फ भाषण दे, बल्कि वो है जो एक बच्ची की आँखों में सपनों को पढ़ ले।”
एक अन्य यूज़र ने लिखा—
“CM योगी ने फिर साबित किया कि वह न केवल एक प्रशासक हैं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक भी हैं।”

 विपक्ष ने क्या कहा?

हालाँकि विपक्ष की ओर से कोई विशेष बयान नहीं आया, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की सकारात्मक पहलें भाजपा की जनसंवेदनशील छवि को और सुदृढ़ करती हैं।

 एक वीडियो ने छू लिया पूरे देश का दिल

school admission को लेकर एक बच्ची की मासूम सी मांग और एक मुख्यमंत्री की संवेदनशील प्रतिक्रिया ने ये सिद्ध कर दिया कि प्रशासन तब ही जीवंत होता है जब वह मानवीय हो। यह घटना सिर्फ एक वीडियो या खबर नहीं है, बल्कि उस भरोसे की झलक है जो एक आम नागरिक को लोकतंत्र में होना चाहिए।

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