सैम ऑल्टमैन ने GPT-5 लॉन्च पर कहा कुछ ऐसा, जिसे सुनकर ट्रंप को लगेगा सबसे बड़ा झटका

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हाइलाइट्स

  • सैम ऑल्टमैन ने GPT-5 लॉन्च के दौरान भारत को ‘उभरता हुआ बाजार’ बताया।
  • ट्रंप भारत में अमेरिकी कंपनियों के निवेश पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • OpenAI ने GPT-5 में स्पीड, सटीकता और रीजनिंग में बड़ा सुधार किया है।
  • भारतीय बाजार के लिए बहुभाषी फीचर्स पर तेजी से काम चल रहा है।
  • जल्द ही सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर आकर लोकल पार्टनर्स से मुलाकात करेंगे।

भारत-अमेरिका रिश्तों में टैरिफ की खटास और नया मोड़

इन दिनों भारत और अमेरिका के रिश्ते व्यापारिक टैरिफ और पॉलिसी विवादों के चलते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश कम करने और वैकल्पिक बाजारों की तलाश करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन इसी बीच, OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने दोनों देशों के भविष्य को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

GPT-5 लॉन्च पर क्या बोले सैम ऑल्टमैन

हाल ही में OpenAI ने अपने चैटबॉट ChatGPT का नया और बेहतर संस्करण GPT-5 लॉन्च किया। इस मौके पर सैम ऑल्टमैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि GPT-5 की स्पीड, मैथमैटिकल कैपेबिलिटी, और लॉजिकल रीजनिंग पिछले सभी वर्ज़न से कहीं ज्यादा उन्नत होगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ टेक्नोलॉजी में नहीं, बल्कि यूजर एक्सपीरियंस में भी क्रांति लाने वाला कदम है।

भारत को बताया ‘उभरता हुआ बाजार’

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सैम ऑल्टमैन ने भारत को लेकर अपनी रणनीति खुलकर साझा की। उन्होंने कहा,

“भारत आने वाले समय में न केवल यूजरबेस के मामले में, बल्कि तकनीकी इनोवेशन और मार्केट डिमांड में भी अमेरिका से आगे निकल सकता है।”

उनके मुताबिक, भारत में इंटरनेट पेनिट्रेशन, डिजिटल पेमेंट्स, और टेक्नोलॉजी अपनाने की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है। यही वजह है कि OpenAI भारत के लिए विशेष फीचर्स और बहुभाषी सपोर्ट सिस्टम विकसित कर रहा है।

ट्रंप की नीति को सीधी चुनौती?

जहां ट्रंप भारत में अमेरिकी निवेश को सीमित करने की बात कर रहे हैं, वहीं सैम ऑल्टमैन का यह बयान उनकी नीतियों के विपरीत जाता है। ट्रंप का मानना है कि भारत सस्ते लेबर और टैक्स पॉलिसी के जरिए अमेरिकी कंपनियों को अपने पक्ष में खींच रहा है, लेकिन OpenAI के सीईओ का मानना है कि यह सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

GPT-5 में भारत के लिए खास फीचर्स

सैम ऑल्टमैन ने बताया कि GPT-5 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह भारत के अलग-अलग भाषाई और सांस्कृतिक संदर्भों में सटीक जवाब दे सके। इसके लिए—

  • हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी समेत 20 से ज्यादा भाषाओं का सपोर्ट जोड़ा जाएगा।
  • भारतीय बाजार में छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए किफायती सब्सक्रिप्शन प्लान लाए जाएंगे।
  • लोकल डेटा प्राइवेसी कानूनों के मुताबिक सर्वर लोकेशन और सिक्योरिटी फीचर्स को कस्टमाइज किया जाएगा।

भारतीय बाजार में संभावनाएं क्यों देख रहे हैं सैम ऑल्टमैन

सैम ऑल्टमैन का मानना है कि भारत में टेक्नोलॉजी अपनाने की दर और युवा आबादी का अनुपात दुनिया में सबसे बड़ा अवसर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय डेवलपर्स और स्टार्टअप्स की नवाचार क्षमता OpenAI के मिशन को मजबूत करेगी।

भारत दौरे की तैयारी

बातचीत के अंत में सैम ऑल्टमैन ने यह भी खुलासा किया कि वह जल्द ही भारत का दौरा करेंगे। इस दौरे में वह—

  • भारतीय आईटी कंपनियों से सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
  • लोकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के साथ AI ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करेंगे।
  • सरकार के साथ मिलकर AI एथिक्स और रेगुलेशन पर काम करेंगे।

विश्लेषण: क्या बदल जाएगा भारत-अमेरिका का समीकरण?

विशेषज्ञों का मानना है कि सैम ऑल्टमैन का यह बयान सिर्फ एक व्यावसायिक रणनीति नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की तकनीकी कूटनीति में भी बदलाव का संकेत है। यदि OpenAI जैसे बड़े प्लेटफॉर्म भारत में अपना निवेश और सहयोग बढ़ाते हैं, तो यह दोनों देशों के बीच तकनीकी साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।

एक ओर ट्रंप भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी ओर सैम ऑल्टमैन का यह बयान भारतीय बाजार के महत्व को दुनिया के सामने उजागर कर रहा है। GPT-5 के जरिए OpenAI न केवल टेक्नोलॉजी के स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी नई दिशा तय कर सकता है। अब देखना यह है कि ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन इस नए समीकरण को कैसे लेते हैं।

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