हाइलाइट्स
- S-400 Air Defense System India ने पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले को हवा में ही नष्ट कर दिया
- पाकिस्तान ने एक साथ 300 से 400 मिसाइलें और ड्रोन भेजे थे, तीन दिन तक चला हमला
- भारतीय सेना की तत्परता और रूसी तकनीक की ताकत ने देश को बड़े नुकसान से बचाया
- S-400 की चार रेंज की मिसाइलें एक साथ काम कर सकती हैं, 400 किमी दूर तक मारक क्षमता
- यह घटना भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की वैश्विक प्रतिष्ठा को और मजबूत करती है
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला और भारत की मुस्तैदी
8 मई की रात भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव एक नए स्तर पर पहुंच गया जब पाकिस्तान ने भारत पर एक संगठित जवाबी हमले की कोशिश की। यह हमला कथित रूप से ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय कार्रवाई के जवाब में था, जिसमें भारत ने सीमापार आतंकी अड्डों को निशाना बनाया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की ओर से करीब 300 से 400 मिसाइलें और ड्रोन भारतीय सीमाओं की ओर भेजे गए।
हालांकि, भारत की S-400 Air Defense System India ने तुरंत एक्शन लेते हुए दुश्मन के अधिकांश हथियारों को हवा में ही नष्ट कर दिया। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह हमला करीब तीन दिनों तक चलता रहा, लेकिन हमारी डिफेंस प्रणाली ने किसी भी खतरे को ज़मीन तक पहुंचने नहीं दिया।
क्या है S-400 Air Defense System India?
रूस की अभूतपूर्व तकनीक
S-400 Air Defense System India रूस द्वारा विकसित की गई एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली है, जिसे भारत ने साल 2018 में एक बड़े सौदे के तहत खरीदा था। इस प्रणाली को दुनिया के सबसे प्रभावी और भरोसेमंद डिफेंस सिस्टम में गिना जाता है।
भारत ने इस सिस्टम के 5 स्क्वॉड्रन करीब 35,000 करोड़ रुपये में खरीदे, और इसे विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरों को देखते हुए पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया गया।
रडार और मिसाइल क्षमताएं
S-400 में एक साथ चार अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें होती हैं, जो विभिन्न रेंज में टारगेट को खत्म करने में सक्षम हैं। यह सिस्टम:
- एक बार में 72 मिसाइलें दाग सकता है
- 600 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है
- 400 किलोमीटर तक के टारगेट को सटीकता से मार सकता है
- -50°C से 70°C तक के तापमान में काम कर सकता है
S-400 की चार मिसाइलें: हर दूरी पर सुरक्षा
1. 48N6E3
250 किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल तेज़ और सटीक हमला करती है।
2. 40N6E
S-400 की सबसे लंबी रेंज वाली मिसाइल, जो 400 किमी दूर तक निशाना बना सकती है। इसकी कीमत लगभग 1-2 मिलियन डॉलर होती है।
3. 9M96E
यह कम दूरी की लेकिन अत्यंत तेज और चपल मिसाइल है, जो त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त है।
4. 9M96E2
9M96E का ही उच्च संस्करण, जो टारगेट के आसपास इंटरसेप्शन क्षमता को और बेहतर करता है।
एक मिसाइल की कीमत कितनी?
S-400 Air Defense System India की मिसाइलों की कीमत इनके प्रकार के अनुसार बदलती है:
- 40N6E मिसाइल: 1–2 मिलियन डॉलर (लगभग 8–16 करोड़ रुपये)
- 48N6E3, 9M96E, और 9M96E2: 3 लाख डॉलर से 1 मिलियन डॉलर तक
यह कीमतें उच्च तकनीक, रेंज, और सटीकता को दर्शाती हैं, जो भारत की सुरक्षा के लिए आवश्यक निवेश मानी जाती हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीति और कूटनीति
भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा किया गया हमला केवल सैन्य नहीं बल्कि कूटनीतिक दबाव की एक रणनीति थी। लेकिन S-400 Air Defense System India की प्रभावी तैनाती और सेना की मुस्तैदी ने पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम कर दिया।
भारतीय रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना भारत की रक्षा प्रणाली की डिटरेंस कैपेसिटी को दर्शाती है। अब यह साफ है कि भारत के पास सिर्फ जवाबी हमला करने की क्षमता ही नहीं, बल्कि रक्षात्मक रूप से अवरोधक भी है।
क्या कहती है अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया?
रूस, अमेरिका, और अन्य रक्षा विशेषज्ञों ने S-400 Air Defense System India की इस सफलता को एक “गेम चेंजर” करार दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस घटना से भारत की वैश्विक सामरिक स्थिति और मजबूत हुई है।
अमेरिका द्वारा CAATSA प्रतिबंधों की आशंका के बावजूद भारत ने S-400 खरीदा, और आज यह फैसला रणनीतिक रूप से सटीक साबित हुआ है।
भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली का भविष्य
भारत अब अपने एयर डिफेंस को और भी बहुस्तरीय बनाने की दिशा में काम कर रहा है। S-400 के साथ-साथ, DRDO द्वारा विकसित Akash-NG, XRSAM, और इजरायली सिस्टम्स की तकनीकें भी एकीकृत की जा रही हैं।
भविष्य में भारत के पास एक ऐसा नेटवर्क होगा जो:
- अंतरिक्ष में भी दुश्मन की गतिविधियों को ट्रैक कर सके
- बैलिस्टिक मिसाइल्स और हाइपरसोनिक हथियारों को भी रोक सके
- आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे
S-400 Air Defense System India न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि यह देश की सामरिक और वैश्विक ताकत का प्रतीक बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर यह साबित हो गया है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि रोकथाम और नियंत्रण की नीति पर भी काम कर रहा है।
यह प्रणाली भारत को न सिर्फ वर्तमान खतरों से सुरक्षित करती है, बल्कि भविष्य की युद्ध रणनीतियों में भी उसे अग्रणी बनाती है।