हाइलाइट्स
- ऋषभ पंत ने गरीब छात्रा की पढ़ाई का जिम्मा उठाया
- आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार को मिली नई उम्मीद
- एक स्थानीय ठेकेदार ने सेतु बनकर पहुंचाई मदद
- सोशल मीडिया पर क्रिकेटर की सराहना हो रही
- छात्रा ने 83% अंक लाकर दिखाया हुनर
घटना की शुरुआत कैसे हुई
भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत एक बार फिर अपने सद्गुणों और दरियादिली के कारण सुर्खियों में हैं। कर्नाटक के बिलागी तालुक स्थित रबाकवी गांव की एक होनहार छात्रा ज्योति कनबूर मठ, जो ऋषभ पंत की सहायता से अब अपने सपनों की उड़ान भर पा रही है, आर्थिक कठिनाइयों के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह रही थी। ऋषभ पंत को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने न सिर्फ तुरंत मदद की बल्कि आगामी फीस भी वहन करने का वादा किया।
कौन हैं ज्योति और क्या है उनकी कहानी?
पिता की चाय टपरी से घर चलता है
ज्योति कनबूर मठ प्रतिभाशाली छात्रा है जिसने 12वीं कक्षा में शानदार 83% अंक अर्जित किए। वह आगे बीसीए यानी बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स करना चाहती थी, लेकिन आर्थिक हालात उसकी सबसे बड़ी बाधा बन गए। चाय की छोटी-सी टपरी चलाने वाले उसके पिता तीर्थय्या के लिए ऋषभ पंत जैसे किसी मददगार तक पहुँचना आसान नहीं था।
पढ़ाई के सपने और टूटती उम्मीदें
ऐसा नहीं था कि ज्योति ने कोशिश नहीं की। वह कई कॉलेजों में गई, आवेदन भरकर राहत की उम्मीद की, लेकिन कहीं भी फीस माफ नहीं हुई। सपना आंखों में पल रहा था लेकिन जेब में इतने पैसे नहीं थे कि वह कॉलेज में दाखिला ले सके। तभी किस्मत ने करवट बदली।
मदद की कड़ी कैसे जुड़ी?
स्थानीय ठेकेदार बने सेतु
गांव के ठेकेदार अनिल हुनाशिकट्टी ने ज्योति के परिवार से संवाद किया और भरोसा दिया कि वह पढ़ाई रुकने नहीं देंगे। उन्होंने बेंगलुरु में रहने वाले अपने कुछ दोस्तों से संपर्क किया। इनमें से एक दोस्त भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के करीबी निकले। वहीं से ऋषभ पंत तक यह भावनात्मक कहानी पहुँची।
ऋषभ पंत का त्वरित फैसला
जब ऋषभ पंत ने जाना कि एक होनहार छात्रा सिर्फ पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है, तो उन्होंने तुरंत कॉलेज अकाउंट में 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए और वादा किया कि आगे की पूरी फीस भी वे ही भरेंगे। कॉलेज ने जब परिवार को सूचना दी तो वे भावुक होकर रो पड़े और ऋषभ पंत का आभार जताया।
सोशल मीडिया पर ऋषभ पंत की सराहना
फैंस बोले- रियल हीरो हैं ऋषभ पंत
सोशल मीडिया पर ऋषभ पंत की ये मानवीय पहल तेजी से वायरल हो रही है। ट्विटर, इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक तक लोग उन्हें “रियल लाइफ हीरो” बता रहे हैं। ऋषभ पंत के इस काम को भारतीय क्रिकेटरों के सामाजिक दायित्व निभाने का एक बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है।
‘क्रिकेट के मैदान से बड़ा दिल’
कई यूजर्स ने लिखा कि ऋषभ पंत सिर्फ चौके-छक्के मारने में ही नहीं बल्कि दिल जीतने में भी नंबर वन हैं। अक्सर क्रिकेटर अपनी कमाई को लग्जरी में खर्च करते हैं, लेकिन ऋषभ पंत ने शिक्षा और समाजसेवा को प्राथमिकता देकर युवा वर्ग के लिए मिसाल बनकर उभरे हैं।
ज्योति की प्रतिक्रिया – कुछ यूं छलका भावनाओं का सैलाब
ज्योति ने मीडिया से कहा कि उसे ऐसा लग रहा है जैसे ईश्वर ने ऋषभ पंत के रूप में देवदूत भेजा हो। वह बोले बिना रो पड़ी और कहा कि वह पूरी लगन से पढ़ाई करेगी ताकि एक दिन ऋषभ पंत का नाम ऊँचा कर सके। ऋषभ पंत ने भी संदेश भेजा कि पढ़ाई जारी रखो, आर्थिक बोझ की चिंता न करो।
ऋषभ पंत पर भरोसा – भारतीय क्रिकेट का उदार चेहरा
पहले भी कर चुके हैं मदद
यह कोई पहला मौका नहीं है जब ऋषभ पंत ने इस तरह किसी की सहायता की हो। इससे पहले भी उत्तराखंड में आई आपदा के दौरान उन्होंने कई परिवारों को सहायता राशि भेजी थी। ऋषभ पंत का मानना है कि यदि भगवान ने उन्हें सक्षम बनाया है तो उन्हें समाज को वापस देना चाहिए।
युवाओं के लिए प्रेरणा
ऋषभ पंत आज के युवाओं के लिए न केवल एक क्रिकेट आइकन हैं, बल्कि समाजसेवा के प्रतीक बन चुके हैं। उनका यह कदम विद्यार्थियों को यह संदेश देता है कि मेहनत और लगन से पढ़ने वालों की मदद खुद आगे बढ़कर की जा सकती है।
समाज में बदलाव की नई लहर
ऋषभ पंत का यह कार्य यह साबित करता है कि यदि कद्दावर हस्तियां समाज की भलाई के लिए ठान लें तो अनगिनत सपने साकार हो सकते हैं। अब यह सिर्फ ज्योति की जीत नहीं है, बल्कि उस सोच की जीत है जिसमें ऋषभ पंत जैसे रोल मॉडल शिक्षा को देश की रीढ़ मानते हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में अन्य सितारे भी ऋषभ पंत की तरह समाज uplift करने वाले इस पथ पर आगे बढ़ेंगे।