1500 हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाकर रच रहा था खतरनाक साजिश, छांगुर बाबा के प्लान से उठ चुका है परदा!

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हाइलाइट्स

  • Religious Conversion नेटवर्क से जुड़े छांगुर बाबा पर 1500 से अधिक हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने का आरोप
  • ATS की 7 दिन की रिमांड पर चल रहे छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीना
  • विधवा, निसंतान और मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं को बनाता था टारगेट
  • चमत्कार और इलाज के नाम पर शुरू करता था Religious Conversion का ब्रेनवॉश
  • ATS और खुफिया एजेंसियां इंटरनेशनल कनेक्शन की भी कर रही जांच

उत्तर प्रदेश के बालरामपुर से सामने आया Religious Conversion का मामला एक बार फिर पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस केस में गिरफ्तार किए गए छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीना को लेकर नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। ये दोनों वर्तमान में ATS की 7 दिन की रिमांड में हैं, और उनसे भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसियां गहन पूछताछ कर रही हैं।

ATS के शिकंजे में धर्मांतरण गिरोह

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते शनिवार को बालरामपुर जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया है कि ये दोनों एक संगठित Religious Conversion नेटवर्क चला रहे थे, जिसका मकसद हजारों हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाना और इस्लामिक दावा नेटवर्क खड़ा करना था।

किस तरह करता था ब्रेनवॉश?

छांगुर बाबा एक कथित ‘चमत्कारी तांत्रिक’ के रूप में महिलाओं को झांसे में लेता था। वह खासकर:

  • विधवाओं,
  • निसंतान महिलाओं,
  • मानसिक रूप से अस्थिर लड़कियों,
  • और पति द्वारा त्यागी गई महिलाओं

को निशाना बनाता था। इलाज और चमत्कार के नाम पर वह इन महिलाओं से संपर्क स्थापित करता था। फिर धीरे-धीरे अपने धार्मिक विचार और इस्लाम की शिक्षाएं इन पर थोपता था। यही Religious Conversion का शुरुआती तरीका था।

चमत्कार के नाम पर शुरू होती थी साजिश (H4)

पूछताछ में यह सामने आया है कि छांगुर बाबा इन महिलाओं को “जिन्न” से मुक्ति, औलाद प्राप्ति और मानसिक समस्याओं से छुटकारे के नाम पर फंसाता था। इलाज के दौरान वह उन्हें अलग-थलग कर देता था, जिससे परिवार का प्रभाव खत्म हो जाए और वह उन्हें अपने प्रभाव में ला सके। नसरीन, जो कभी हिंदू थी, छांगुर के कहने पर इस्लाम कबूल कर चुकी थी और अब उसका सबसे बड़ा सहारा बन गई थी।

इंटरनेशनल कनेक्शन की पड़ताल में ATS

Religious Conversion के इस केस की गंभीरता को देखते हुए भारत की कई खुफिया एजेंसियां भी इस केस में शामिल हो चुकी हैं। छांगुर बाबा और नसरीन के मोबाइल, लैपटॉप और बैंक अकाउंट्स की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में कुछ विदेशी नंबर और संदिग्ध लेन-देन सामने आए हैं, जिससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि यह गिरोह विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर रहा था।

कौन हैं छांगुर बाबा और नसरीन?

छांगुर बाबा का असली नाम अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय लोग उसे तांत्रिक, पीर बाबा और “चमत्कारी बाबा” कहकर पुकारते थे। नसरीन, जिसका असली नाम नीतू रोहरा है, पहले हिंदू थी और कथित रूप से छांगुर बाबा के संपर्क में आने के बाद इस्लाम में धर्मांतरित हो गई। दोनों मिलकर बालरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बहराइच और लखनऊ सहित यूपी के कई जिलों में धर्मांतरण की गतिविधियां चला रहे थे।

महिलाएं ही क्यों थीं निशाने पर?

Religious Conversion के इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य था — समाज में मानसिक, आर्थिक या पारिवारिक रूप से कमजोर महिलाओं को निशाना बनाना। ऐसे मामलों में प्रतिरोध की संभावना कम होती है और समाज भी इनकी आवाज को अक्सर अनदेखा कर देता है। ATS सूत्रों के मुताबिक, बाबा ने इन महिलाओं को मुस्लिम बनाकर एक नेटवर्क खड़ा करने की साजिश रची थी जो भारत में इस्लामिक दावा फैलाने में उपयोग किया जा सके।

न्यायालय की भूमिका और आगे की कार्रवाई

ATS ने छांगुर बाबा और नसरीन को कोर्ट में पेश कर 7 दिन की रिमांड प्राप्त की है। इस दौरान एजेंसियां:

  • मोबाइल डेटा का विश्लेषण,
  • सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच,
  • और कथित पीड़ित महिलाओं के बयान

एकत्र कर रही हैं। ATS की टीम अब तक इस केस से जुड़े कई और संदिग्धों की पहचान कर चुकी है। आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

समाज में फैली सनसनी

Religious Conversion का यह मामला ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। हिंदू संगठनों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच की मांग की है। कई सामाजिक संगठनों ने पीड़ित महिलाओं की पहचान उजागर न करने और उन्हें पुनर्वास देने की अपील भी की है।

साजिश सिर्फ धर्मांतरण की नहीं, सामाजिक ताने-बाने पर हमला

Religious Conversion गिरोह की यह साजिश केवल धर्म बदलने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके जरिए समाज में एक नया धार्मिक-सामाजिक ढांचा खड़ा करने की योजना थी। ATS की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, इस साजिश के और भी गहरे स्तर सामने आ सकते हैं। इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि Religious Conversion सिर्फ व्यक्तिगत आस्था का मामला नहीं, बल्कि संगठित नेटवर्क का हिस्सा भी हो सकता है।

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