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राजस्थान के बारां में रहस्यमयी हादसा: तालाब में एक साथ 75 भैंसों की मौत से फैली सनसनी, क्या ये कोई हादसा है या कोई साजिश?

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हाइलाइट्स

  • Rajasthan News: बारां जिले के जलवाड़ा गांव में तालाब में करंट दौड़ने से 75 भैंसों की मौत
  • घटना नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के जलवाड़ा गांव की, जहां तालाब में बैठी भैंसे दोपहर में मृत पाई गईं।
  • ग्रामीणों का आरोप- विद्युत विभाग की लापरवाही से हुआ हादसा, पोल में स्पार्किंग से फैला करंट।
  • प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची, ग्रामीणों को पोस्टमार्टम के लिए मनाने की कोशिश जारी।
  • 70 लाख से अधिक का आर्थिक नुकसान, ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर किया प्रदर्शन।

बारां में दर्दनाक हादसा: एक ही तालाब में 75 भैंसों की सामूहिक मौत

Rajasthan News के तहत राजस्थान के बारां जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ ग्रामीणों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे प्रशासन को भी हरकत में ला दिया है। बारां के नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जलवाड़ा गांव में सोमवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक तालाब में 75 भैंसें मृत अवस्था में पाई गईं।

हादसे की वजह: विद्युत पोल में स्पार्किंग से तालाब में फैला करंट?

स्थानीय निवासियों और चश्मदीदों के अनुसार, Rajasthan News रिपोर्ट में बताया गया है कि तालाब के पास स्थित विद्युत पोल में दोपहर के समय अचानक स्पार्किंग हुई। आशंका जताई जा रही है कि स्पार्किंग के चलते करंट तालाब के पानी में फैल गया और उसी समय वहां बैठी करीब 75 भैंसें इसकी चपेट में आ गईं। सभी भैंसों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

घटना का दृश्य: तालाब में मृत भैंसों का भयावह नजारा

तालाब के पास से गुजर रहे एक व्यक्ति ने सबसे पहले इन मृत भैंसों को देखा और तुरंत ग्रामीणों को सूचना दी। इसके बाद गांव में कोहराम मच गया और सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। यह दृश्य अत्यंत भयावह था—एक ही जगह पर दर्जनों मरी हुई भैंसें तैरती हुई दिखाई दे रही थीं।

प्रशासन हरकत में, ग्रामीणों की नाराजगी

सूचना मिलते ही नाहरगढ़ थाना अधिकारी धर्मपाल यादव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर दिवांशु शर्मा, एसपी राजकुमार चौधरी, एएसपी राजेश चौधरी और एसडीएम अभयराज सिंह तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और भैंसों का पोस्टमार्टम करवाने की अपील की। लेकिन ग्रामीणों ने साफ मना कर दिया और कहा कि जब तक मुआवजे की घोषणा नहीं होती, वे शवों का पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे।

ग्रामीणों का भारी नुकसान: 70 लाख से ज्यादा की क्षति

Rajasthan News से जुड़ी जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों का दावा है कि इन 75 भैंसों की कुल कीमत लगभग 70 लाख रुपये से अधिक है। कई परिवारों की आजीविका इन्हीं पशुओं पर निर्भर थी। भैंसों की मौत से न केवल आर्थिक झटका लगा है, बल्कि ग्रामीणों का भावनात्मक संतुलन भी डगमगा गया है।

ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप और विरोध

ग्रामीणों का आरोप है कि विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। वे कह रहे हैं कि अगर समय पर विभाग ने पोल की मरम्मत की होती या करंट सुरक्षा उपाय अपनाए होते तो यह दर्दनाक घटना नहीं होती। इसी के चलते ग्रामीणों ने Rajasthan News की सुर्खियों में आने वाली इस घटना को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।

पोस्टमार्टम को लेकर असहमति

नाहरगढ़ थानाधिकारी धर्मपाल यादव ने स्पष्ट किया कि मौत के वास्तविक कारण की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम जरूरी है। लेकिन गांव के लोग इस प्रक्रिया के लिए सहमत नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन को यह साफ कह दिया है कि बिना मुआवजा तय हुए वे किसी भी तरह की जांच नहीं होने देंगे।

क्या है आगे की कार्यवाही?

Rajasthan News रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन का प्रयास है कि किसी प्रकार से ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पोस्टमार्टम के लिए राजी किया जाए ताकि कानूनी प्रक्रिया पूरी हो सके। वहीं, विद्युत विभाग से भी जवाब-तलब किया गया है और मामले की तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। अगर जांच में विभाग की लापरवाही साबित होती है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

प्रशासन के लिए चेतावनी: लापरवाही पर हो सख्त कार्रवाई

यह हादसा Rajasthan News की उन घटनाओं में से एक है जो यह बताती हैं कि प्रशासनिक और तकनीकी ढांचे में जरा सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है। अब सवाल यह है कि क्या इस घटना के दोषियों को सज़ा मिलेगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा।

 मानव जीवन की तरह पशुओं की जान भी अनमोल

इस हादसे ने फिर साबित कर दिया कि Rajasthan News जैसी खबरें केवल आंकड़े नहीं होतीं, बल्कि इंसानी संवेदनाओं से जुड़ी होती हैं। भैंसों की सामूहिक मौत न केवल ग्रामीणों के लिए आर्थिक त्रासदी है, बल्कि यह प्रशासन और बिजली विभाग के लिए आत्ममंथन का विषय भी है। अब देखना यह होगा कि पीड़ितों को न्याय मिलता है या नहीं।

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