सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती ने रेलवे ट्रैक पर दौड़ाई कार, 2 घंटे तक बाधित रहा रेल यातायात – देखिए वीडियो

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हाइलाइट्स 

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती ने करीब 7 किलोमीटर तक railway track पर चलाई कार, रेलवे संचालन में मचा हड़कंप
  • रंगारेड्डी जिले के नागुलापल्ली-शंकरपल्ली मार्ग की घटना, दो घंटे तक बाधित रहा ट्रेन यातायात
  • युवती को रोकने पर स्थानीय लोगों को चाकू दिखाकर किया भयभीत, बढ़ा दी कार की स्पीड
  • लोको पायलट की सतर्कता से टली बड़ी दुर्घटना, समय रहते ट्रेन रोकी गई
  • पुलिस जांच में सामने आया युवती का मानसिक तनाव, हिरासत में लेकर की जा रही पूछताछ

रेलवे ट्रैक पर कार की रफ्तार ने उड़ाए होश

तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में गुरुवार की सुबह एक ऐसी घटना सामने आई जिसने न सिर्फ रेल प्रशासन को बल्कि आम लोगों को भी चौंका दिया। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवती ने railway track पर करीब 7 किलोमीटर तक कार चलाई, जिससे इस रूट की कई ट्रेनों को रोकना पड़ा और करीब 2 घंटे तक railway track पर यातायात पूरी तरह से ठप रहा।

यह घटना नागुलापल्ली से शंकरपल्ली के बीच की है, जहाँ सुबह करीब 8:30 बजे एक युवती ने अचानक अपनी कार को railway track पर उतार दिया और पूरी रफ्तार में उसे दौड़ाने लगी। इस अप्रत्याशित दृश्य को देख राहगीरों और स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया।

ट्रेन चालक की सतर्कता से टली बड़ी दुर्घटना

इसी railway track पर एक ट्रेन आ रही थी, जिसके लोको पायलट ने दूर से ही कार को ट्रैक पर देखा। उसने तुरंत ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी। यदि समय रहते ट्रेन को न रोका जाता, तो यह घटना एक भीषण दुर्घटना में बदल सकती थी।

रेलवे अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत ट्रैक को ब्लॉक किया और अन्य सभी ट्रेनों को समय-समय पर रोका गया। इसके चलते हैदराबाद-विशाखापत्तनम सहित कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ।

स्थानीय लोगों को धमकाया, बढ़ाई कार की स्पीड

जब स्थानीय लोगों ने युवती को कार से बाहर निकालने का प्रयास किया, तो उसने चाकू निकालकर उन्हें डराया और कार की स्पीड और बढ़ा दी। इससे साफ था कि युवती किसी मानसिक दबाव या असंतुलन से जूझ रही थी। हालांकि बाद में एक युवक ने साहस दिखाकर कार के आगे आकर उसे रोका, जिसके बाद युवती को नीचे उतारा जा सका।

पुलिस की जांच: मानसिक स्वास्थ्य का मामला

रंगारेड्डी पुलिस ने युवती को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि युवती एक निजी आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत है और पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थी।

पुलिस ने बताया कि युवती का नाम श्रुति रेड्डी (काल्पनिक नाम) है, और वह साइबराबाद क्षेत्र में अकेली रह रही थी। युवती के परिजनों को सूचना दे दी गई है, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम उसकी काउंसलिंग में लगी हुई है।

घटना का वीडियो वायरल, लोग हैरान

इस घटना का वीडियो स्थानीय लोगों द्वारा रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाला गया, जो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि युवती तेज रफ्तार में कार को railway track पर चला रही है और लोग उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि कार के बोनट पर एक कपड़ा लिपटा हुआ है और कार कई बार ट्रैक के किनारे झूलती हुई चलती है, जिससे प्रतीत होता है कि युवती की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं थी।

रेलवे और प्रशासन ने दिए निर्देश

रेलवे बोर्ड और दक्षिण मध्य रेलवे के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के आदेश दे दिए हैं। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए railway track पर निगरानी कैमरे लगाने की बात कही गई है।

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि –

“इस तरह की घटनाएं न केवल रेलवे संचालन के लिए खतरनाक हैं, बल्कि आम नागरिकों की जान भी खतरे में डालती हैं। हम संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर ठोस कार्य योजना बनाएंगे।”

कानूनी कार्रवाई तय, हो सकती है सजा

तेलंगाना पुलिस ने युवती पर रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सार्वजनिक जीवन को खतरे में डालने और शांति भंग करने की धाराओं में केस दर्ज किया है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे तीन से पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

हालांकि यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि युवती की मानसिक स्थिति को देखते हुए किसी भी निर्णय में चिकित्सा रिपोर्ट को विशेष महत्व दिया जाए।

मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना खतरनाक

यह घटना एक बार फिर से इस बात की ओर इशारा करती है कि देश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। तेज प्रतिस्पर्धा, अकेलापन और तनाव के चलते आज युवा वर्ग में मानसिक असंतुलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि —

“ऐसे मामलों में समय रहते काउंसलिंग और समर्थन से बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता है। समाज और परिवार को मिलकर युवाओं की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।”

 सतर्कता और सहानुभूति दोनों जरूरी

रेलवे ट्रैक पर कार चलाना कोई सामान्य घटना नहीं है। इस मामले में युवती की मानसिक स्थिति, रेल प्रशासन की सतर्कता और स्थानीय लोगों की सूझबूझ – तीनों ने मिलकर एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। लेकिन इस घटना ने देश में मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच एक गंभीर संवाद की आवश्यकता को भी उजागर किया है।

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