हाइलाइट्स
- rabies एक ऐसा संक्रमण है, जिसका एक बार लक्षण प्रकट होने पर कोई इलाज संभव नहीं होता
- संक्रमित व्यक्ति को जल से भय (हाइड्रोफोबिया) होता है और वह मानसिक रूप से असंतुलित हो जाता है
- बीमारी का संक्रमण लार, खून, दांत या नाखून से दूसरों में भी फैल सकता है
- rabies के प्रारंभिक लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन जल्द ही जानलेवा रूप ले लेते हैं
- कुत्ते, बिल्ली या सियार के काटने के बाद तुरंत एंटी-रेबीज टीका लगवाना आवश्यक है
रेबीज: इंसान को मौत से पहले तड़पाने वाली सबसे भयानक बीमारी
क्या है rabies?
Rabies एक वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों—विशेषकर कुत्ते, बिल्ली, सियार, या चमगादड़—के काटने या खरोंचने से फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता है।
इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात यह है कि जैसे ही इसके लक्षण प्रकट होते हैं, इलाज की कोई संभावना नहीं रह जाती। रोगी निश्चित मृत्यु की ओर अग्रसर हो जाता है। यही कारण है कि rabies को दुनिया की सबसे भयावह बीमारियों में से एक माना जाता है।
Rabies का वायरस कैसे काम करता है?
संक्रमण का तरीका
Rabies वायरस आमतौर पर जानवरों की लार के माध्यम से फैलता है। यदि किसी संक्रमित जानवर का दांत या पंजा त्वचा को खरोंच देता है, तो वायरस सीधे शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह वायरस न्यूरोट्रॉपिक होता है—यानि यह सीधे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के तंत्रिका कोशिकाओं में प्रवेश करता है।
हाइड्रोफोबिया: पानी से डर
Rabies के लक्षणों में सबसे प्रमुख लक्षण होता है हाइड्रोफोबिया, यानी पानी से डर। रोगी को पीने में अत्यधिक कठिनाई होती है और वह पानी को देखकर बुरी तरह से चिल्लाने लगता है। यह मानसिक संतुलन को पूरी तरह बिगाड़ देता है।
रेबीज का कोई इलाज नहीं है
अगर किसी को रेबीज हो गए तो उसका मरना तय है
लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि इस बीमारी में इंसान बहुत तड़प कर मरता है
रेबीज का वायरस उसे हाइड्रोफोबिक कर देता है वह पागल हो जाता है पानी देखकर भागता है और उसके ब्लड सिरम और लार में भी रेबीज के वायरस होते… pic.twitter.com/iul2b80qBd
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) June 29, 2025
संक्रमण फैलने का दूसरा तरीका
बहुत कम लोगों को यह ज्ञात है कि rabies से संक्रमित व्यक्ति के लार, खून या दांतों के संपर्क में आने से भी वायरस दूसरों में फैल सकता है।
यदि कोई व्यक्ति rabies से ग्रसित है और उसके खून या लार में वायरस मौजूद है, तो उसके दांत या नाखून से खरोंचने मात्र से भी दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
इसलिए, rabies के रोगियों की देखभाल में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और दस्ताने, मास्क जैसे सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करना आवश्यक है।
लक्षणों को पहचानिए, लापरवाही न कीजिए
आरंभिक लक्षण:
- काटे गए स्थान पर झनझनाहट या जलन
- बुखार और कमजोरी
- बेचैनी और चिड़चिड़ापन
उन्नत लक्षण:
- पानी से डर (Hydrophobia)
- भ्रम की स्थिति और पागलपन
- अत्यधिक लार आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- अंततः कोमा और मृत्यु
जैसे ही rabies के लक्षण प्रकट होते हैं, रोगी को बचाना लगभग असंभव हो जाता है। इसलिए, समय रहते रोकथाम ही सबसे बड़ा इलाज है।
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
काटने के तुरंत बाद क्या करें?
- घाव को बहते पानी से कम से कम 10 मिनट तक धोएं।
- साबुन और एंटीसेप्टिक का प्रयोग करें।
- फौरन नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल जाकर एंटी-रेबीज टीका लगवाएं।
- पूरे टीकाकरण शृंखला को पूरा करें – सामान्यतः 0, 3, 7, 14 और 28वें दिन।
- अगर जानवर पागल था, तो इम्यूनोग्लोब्युलिन का इंजेक्शन भी आवश्यक हो सकता है।
भारत में rabies की स्थिति
भारत में rabies से हर साल लगभग 20,000 लोगों की मौत होती है, जो वैश्विक आंकड़े का 36% है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह एक रोके जा सकने वाली बीमारी है, फिर भी भारत में इसके मामलों की संख्या चिंताजनक बनी हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और टीकाकरण न होना इस आंकड़े को और भयावह बनाता है।
सरकारी और सामाजिक भूमिका
सरकार को चाहिए कि वह rabies के प्रति जागरूकता अभियान चलाए, खासकर उन इलाकों में जहां पालतू या आवारा जानवरों की संख्या अधिक है। इसके अलावा, स्कूलों में बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य शिक्षा के तहत rabies के खतरे और बचाव के तरीकों की जानकारी दी जानी चाहिए।
जीवन की रक्षा आपके हाथ में है
Rabies एक ऐसी बीमारी है, जो एक साधारण खरोंच से शुरू होकर मृत्यु तक पहुंचा सकती है। यह एक धीमा, दर्दनाक और असहाय बना देने वाला संक्रमण है, जिससे बचने का एकमात्र तरीका समय पर सावधानी और एंटी-रेबीज टीका है।
कृपया किसी भी कुत्ते, बिल्ली, सियार या चमगादड़ के काटने या खरोंचने पर इसे हल्के में न लें। समय पर उठाया गया एक कदम आपकी और आपके परिवार की जान बचा सकता है।