हाइलाइट्स
- कौशांबी में एम्बुलेंस न मिलने पर बाइक से महिला का शव ले जाने का वीडियो वायरल।
- योगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल।
- परिजनों ने शव को श्मशान घाट तक पहुँचाने के लिए बाइक का किया उपयोग।
- वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान।
- इस घटना से यूपी के स्वास्थ्य ढांचे की खामियों की ओर ध्यान आकर्षित हुआ।
कौशांबी जिले के कड़ा धाम थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला के शव को एम्बुलेंस न मिलने पर परिजनों ने बाइक पर लादकर श्मशान घाट तक पहुँचाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने संज्ञान लिया है। इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।
घटना का विवरण
कड़ा धाम थाना क्षेत्र के एक गाँव में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने अस्पताल से शव वाहन की मांग की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। अंततः, परिजनों ने शव को बाइक पर लादकर श्मशान घाट तक पहुँचाया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
इस घटना से स्पष्ट होता है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियाँ हैं। अस्पतालों में शव वाहन की उपलब्धता नहीं होना, परिजनों की मदद के लिए कोई तंत्र न होना, और अधिकारियों की लापरवाही ने इस घटना को जन्म दिया। यह घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती है।
एम्बुलेंस न मिलने पर कौशाम्बी में बाइक से महिला का शव ले जा रहे है
योगी सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है pic.twitter.com/FwOAWdfP4S
— Surya Samajwadi (@surya_samajwadi) September 8, 2025
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए हैं। कड़ा धाम थाना पुलिस ने शव वाहन की उपलब्धता और अस्पताल की लापरवाही को लेकर जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। अस्पतालों में आवश्यक सुविधाओं की कमी, कर्मचारियों की लापरवाही, और प्रशासनिक ढाँचे की कमजोरी ने इस स्थिति को जन्म दिया है। सरकार की स्वास्थ्य नीतियाँ और योजनाएँ केवल कागजों तक सीमित हैं, जबकि जमीनी स्तर पर इनका कोई प्रभाव नहीं दिखाई देता।
कौशांबी में हुई यह घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। सरकार और प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेकर सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। सिर्फ जांच और कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में वास्तविक सुधार की आवश्यकता है। तभी हम ऐसी घटनाओं से बच सकते हैं और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं।