Private Part Cutting

रामपुर में किन्नरों ने रची खौफनाक साजिश: कोल्ड ड्रिंक में नशा देकर डांसर युवक का गुप्तांग काटा, बेहोशी टूटी तो टूटी ज़िंदगी

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हाइलाइट्स

  • Private Part Cutting के मामले में रामपुर के युवक के साथ दर्दनाक और अमानवीय घटना सामने आई
  • कोल्ड ड्रिंक में नशा मिलाकर युवक को किया गया बेहोश, होश आने पर कटा मिला प्राइवेट पार्ट
  • पीड़ित की हालत नाजुक, शाहबाद सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया
  • आरोपी किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग परिजनों ने की, थाने में मामला दर्ज
  • पुलिस जांच में जुटी, मेडिकल रिपोर्ट के बाद जल्द होगी गिरफ्तारी

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। “Private Part Cutting” की यह घटना उस समय घटी जब एक शादीशुदा युवक को उसके पुराने परिचितों—जो किन्नर समुदाय से थे—ने कोल्ड ड्रिंक में नशा देकर उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया। यह मामला केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज में फैले विकृत मानसिकता की एक ज्वलंत मिसाल है।

 घटना की पृष्ठभूमि: कैसे हुई शुरुआत?

रामपुर के पटवाई क्षेत्र का निवासी 26 वर्षीय युवक, जो पेशे से एक लोकल डांसर है, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बिसौली क्षेत्र (जिला बदायूं) जा रहा था। रास्ते में शाहबाद कस्बे में उसे पुराने परिचित कुछ किन्नर मिले। युवक को लगा यह एक सामान्य मुलाकात है, परंतु कुछ ही देर में बात खतरनाक मोड़ ले लेती है।

किन्नरों ने युवक को झूठे आरोपों में घेर लिया कि वह लंबे समय से संपर्क में नहीं था और एक किन्नर को शादी का झांसा देकर छोड़ चुका है। इसके बाद उसे जबरदस्ती शाहबाद के एक गांव में ले जाया गया।

 कोल्ड ड्रिंक में नशा, फिर Private Part Cutting

युवक के अनुसार, वहां उसे कोल्ड ड्रिंक ऑफर की गई जिसमें पहले से नशीला पदार्थ मिलाया गया था। जैसे ही उसने पेय पीया, कुछ ही देर में बेहोश हो गया। जब उसे होश आया, तो वह दर्द से कराह रहा था और पाया कि उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया गया है। इस वीभत्स “Private Part Cutting” की घटना ने उसे शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी तोड़ दिया।

डॉक्टरों ने हालत को बताया नाजुक

परिवार को किसी तरह घटना की जानकारी मिली और वे तुरंत उसे शाहबाद सीएचसी लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने युवक की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एक वरिष्ठ चिकित्सक के अनुसार, “यह मामला बेहद संवेदनशील है। युवक की शारीरिक और मानसिक हालत बेहद खराब है।”

 पुलिस ने शुरू की जांच

शाहबाद कोतवाली प्रभारी पंकज पंत ने बताया, “हमें सूचना मिली कि कुछ किन्नरों ने युवक के साथ अमानवीय कृत्य किया है। अभी तहरीर नहीं दी गई है, लेकिन मेडिकल करवाया जा चुका है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि Private Part Cutting जैसा जघन्य अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने पीड़ित के बयान दर्ज कर लिए हैं और आरोपी किन्नरों की तलाश शुरू कर दी है।

 परिवार का गुस्सा और न्याय की मांग

पीड़ित युवक के भाइयों और पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर है। परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि वे इस मामले को लेकर डीएम और एसपी तक जाएंगे और आरोपियों को कठोरतम सजा दिलवाने की मांग करेंगे। उनका कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा का प्रश्न है।

 सामाजिक दृष्टिकोण और “Private Part Cutting” की क्रूरता

इस प्रकार की घटनाएं केवल कानूनी या पुलिसिया मामला नहीं, समाज में फैली उस मानसिकता का आईना हैं जिसमें विरोध या अपमान का बदला शरीर की ऐसी क्षति से लिया जाता है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।
“Private Part Cutting” जैसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हमारे समाज में असहमति या झगड़े का यही समाधान बचा है?

 क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326A और 326B के अंतर्गत किसी के शरीर को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त करने पर कठोर सजा का प्रावधान है। यदि यह अपराध पूर्व नियोजित हो और नशे की हालत में किया गया हो, तो सजा और भी कड़ी हो सकती है। Private Part Cutting जैसे मामले को ‘गंभीर शारीरिक हमले’ की श्रेणी में रखा जाता है, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

 मानसिक स्वास्थ्य और समाज की भूमिका

इस घटना ने पीड़ित को गहरी मानसिक चोट दी है। डॉक्टर्स का मानना है कि वह लंबे समय तक ट्रॉमा से जूझ सकता है। ऐसे मामलों में समाज की भूमिका बेहद अहम होती है। पीड़ित के लिए मानसिक काउंसलिंग, सामाजिक सहयोग और कानूनी सहायता आवश्यक है।

 अब खामोशी नहीं, कार्रवाई ज़रूरी

“Private Part Cutting” जैसी घटनाएं हमारी सामाजिक और नैतिक संरचना पर करारा तमाचा हैं। अब वक्त है कि ऐसे अपराधों को सिर्फ खबरों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि कठोरतम कानूनी कार्रवाई कर समाज में उदाहरण पेश किया जाए।

समाज, पुलिस, न्याय व्यवस्था और मीडिया—सबकी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे अपराधों को गंभीरता से लिया जाए और पीड़ित को न्याय दिलाया जाए।

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