21 साल की लड़की की चीख: भाई डाल रहा धर्मांतरण का दबाव, बोली- मैं हिंदू हूँ, मुझे मुस्लिम मत बनाओ

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हाइलाइट्स

  • धर्मांतरण का दबाव: प्रयागराज की युवती रीतिका कुशवाहा ने पुलिस से शिकायत की है कि उसका भाई उस पर जबरन धर्मांतरण का दबाव डाल रहा है।
  • परिवार में मौलवियों की आवाजाही बढ़ी, घर को मजार जैसा माहौल बनाने की कोशिश।
  • छोटी बहन राधिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद स्थिति और गंभीर हुई।
  • भाई राहुल पर पहले भी बमबाजी और अन्य आपराधिक मामलों के आरोप दर्ज हैं।
  • पुलिस ने आरोपी भाई को हिस्ट्रीशीटर मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।

प्रयागराज की रीतिका कुशवाहा पर धर्मांतरण का दबाव, भाई पर गंभीर आरोप

प्रयागराज में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू परिवार की बेटी रीतिका कुशवाहा ने अपने ही भाई पर जबरन धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। रीतिका ने पुलिस से अपील की है कि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, क्योंकि उसका भाई लगातार उसे और उसकी बहनों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा है।

यह मामला प्रयागराज के कैंट थाना क्षेत्र के राजापुर उचवागढ़ी मोहल्ले का है, जहाँ रीतिका अपने परिवार के साथ रहती है। पाँच भाई-बहनों में सबसे छोटी रीतिका का कहना है कि उसके भाई राहुल कुशवाहा ने आपराधिक प्रवृत्ति और बाहरी प्रभाव में आकर पूरा घर ही धार्मिक दबाव के माहौल में बदल दिया है।

रीतिका कुशवाहा की आपबीती

रीतिका ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में कहा कि उसके भाई राहुल ने घर में मौलवियों का आना-जाना शुरू कर दिया है। वह उसे और अन्य बहनों को दरगाह ले जाता है और दुआ-ताबीज बाँधने के लिए मजबूर करता है। विरोध करने पर न केवल शारीरिक हिंसा की जाती है बल्कि मानसिक प्रताड़ना भी दी जाती है।

रीतिका का आरोप है कि छोटी बहन राधिका ने जब इस दबाव का विरोध किया तो उसे बीमार बताकर मौलवी के पास ले जाया गया। इसके बाद उसकी अचानक मौत हो गई। रीतिका का कहना है कि बहन की मौत के बाद अब वह खुद भी लगातार निशाने पर है।

परिवार की स्थिति और माँ की तबीयत

रीतिका ने बताया कि पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और माँ मानसिक संतुलन खो बैठी हैं। ऐसे में बड़े भाई राहुल ने घर की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली थी। लेकिन 2023 में उसने जेल से बाहर आने के बाद एजाज नामक अपराधी की पत्नी रूबिया को अपने घर ला लिया। इसके बाद घर का माहौल पूरी तरह बदल गया।

आपराधिक इतिहास में घिरा राहुल कुशवाहा

रीतिका कुशवाहा ने अपने बयान में बताया कि उसका भाई राहुल पहले भी अपराधों में लिप्त रहा है। वह बमबाजी जैसे मामलों में जेल जा चुका है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, राहुल पर चोरी, राहजनी और गैंगस्टर एक्ट के भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राहुल कुशवाहा दारागंज थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। थाना कैंट प्रभारी इंस्पेक्टर का कहना है कि रीतिका की शिकायत दर्ज कर ली गई है और आरोपी की तलाश की जा रही है।

बहनों का आरोप: भाई ने घर को मजार बना दिया

रीतिका की बड़ी बहन कंचन, जिसकी शादी जयपुर में हुई है, का कहना है कि भाई ने पूरे घर को मजार जैसा बना दिया है। उसकी हरकतों के कारण परिवार बिखर चुका है। कंचन ने आरोप लगाया कि राहुल अपराधियों की संगत में पड़कर पूरी तरह से बदल गया है और अब उसकी सोच सिर्फ धर्मांतरण कराने तक सीमित हो गई है।

दूसरी ओर छोटे भाई कुणाल ने भी बताया कि उसे भी दरगाह ले जाकर धर्म बदलने का दबाव बनाया गया था। इससे परेशान होकर वह कुछ समय दिल्ली चला गया था, लेकिन बहन राधिका की मौत के बाद वापस लौट आया।

राधिका की मौत ने उठाए कई सवाल

परिवार के मुताबिक, राधिका की मौत एक साल पहले हुई थी, जब उसने भाई के दबाव का विरोध किया था। उस पर बीमारी का बहाना बनाकर मौलाना के पास ले जाया गया। अचानक उसकी मौत ने परिवार को झकझोर दिया, लेकिन आरोपों की गंभीरता के बावजूद पुलिस ने तब कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

अब रीतिका की ओर से दर्ज की गई शिकायत ने एक बार फिर इस मामले को सुर्खियों में ला दिया है।

पुलिस की कार्रवाई और अगली प्रक्रिया

कैंट थाना पुलिस का कहना है कि रीतिका कुशवाहा और उसकी बहन ने जो शिकायत दर्ज कराई है, उसमें धर्मांतरण के दबाव, मारपीट और अश्लील हरकतों तक के आरोप शामिल हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी राहुल की तलाश तेज कर दी गई है।

पड़ोसियों के अनुसार भी राहुल अपराधियों के साथ रहता है और उसका आचरण लंबे समय से संदिग्ध रहा है।

समाज में उठे सवाल

इस घटना ने प्रयागराज ही नहीं बल्कि पूरे समाज में एक गंभीर बहस को जन्म दिया है। सवाल यह है कि जब परिवार का ही सदस्य धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे, तो पीड़ित कहाँ जाए? रीतिका कुशवाहा के साहस ने कई और पीड़ितों को भी सामने आने की हिम्मत दी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है।

प्रयागराज का यह मामला केवल एक परिवार की निजी समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। जबरन धर्मांतरण जैसे मामले न केवल सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करते हैं बल्कि पारिवारिक रिश्तों में भी दरार डालते हैं।

रीतिका कुशवाहा की शिकायत पर क्या न्याय मिलेगा, यह आने वाला समय बताएगा, लेकिन फिलहाल यह घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

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