हाइलाइट्स
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हरियाणा के थाने में ‘Police Misconduct’ की घटना से फैली सनसनी
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नशे में धुत सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने युवक को मारा थप्पड़
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₹7000 की डिमांड ने मामले को और भी गंभीर बना दिया
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पति संजय ने आत्म-सम्मान में जवाबी हमला करते हुए सब इंस्पेक्टर को पीटा
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विभाग ने सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया
हरियाणा पुलिस पर एक और दाग: थाने के अंदर नशे में धुत अधिकारी की करतूत
हरियाणा के कुरुक्षेत्र ज़िले में पुलिस थाने के भीतर ‘Police Misconduct’ का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे पुलिस तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला पति-पत्नी के एक सामान्य झगड़े से शुरू हुआ, लेकिन थाने पहुंचते ही यह मामला एक बड़े प्रशासनिक बवाल में बदल गया।
थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने शराब के नशे में पति संजय के साथ मारपीट कर दी और उससे ₹7000 की रिश्वत की मांग कर डाली। लेकिन इस बार आम आदमी चुप नहीं बैठा। संजय ने ना केवल पलट कर जवाब दिया, बल्कि राजेश कुमार की वर्दी तक फाड़ दी। यह घटना ‘Police Misconduct’ की बढ़ती घटनाओं पर प्रकाश डालती है।
झगड़ा शुरू हुआ पति-पत्नी के बीच, लेकिन थाने में बदल गया दिशा
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक पति संजय पत्नी गीता का आपस में झगड़ा होता है दोनों थाने जाते हैं ।
थाने में मौजूद सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार दारू पीकर टल्ली थे और शराब के नशे में बेवजह संजय को थप्पड़ मार देते हैं, और ₹7000 की डिमांड करते है।
संजय भी पलट कर कायदे से सब इंस्पेक्टर… pic.twitter.com/Y9JC60Yx7K
— Kavish Aziz (@azizkavish) July 7, 2025
गुह्याल गाँव की घटना
कुरुक्षेत्र के गुह्याल गाँव निवासी संजय और उसकी पत्नी गीता के बीच घरेलू विवाद इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया। दोनों पक्ष शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे थे। लेकिन वहां जो हुआ, उसने पूरे घटनाक्रम का रुख ही बदल दिया।
सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार की नशे में हरकतें
स्थानीय लोगों के अनुसार सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार उस समय नशे में धुत थे। जैसे ही संजय ने अपनी बात रखनी शुरू की, राजेश ने गाली-गलौज करते हुए उसे एक जोरदार थप्पड़ मार दिया और ₹7000 की रिश्वत की मांग की। यह सीधा-सीधा ‘Police Misconduct’ का मामला है, जो न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि पुलिस आचार संहिता की भी अवहेलना है।
जब आम आदमी ने पुलिस की वर्दी उतार दी
संजय का पलटवार
थाने में संजय ने सब इंस्पेक्टर की इस हरकत का विरोध किया और आत्म-सम्मान के तहत राजेश कुमार को धक्का देते हुए मारपीट कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय ने न केवल जवाबी थप्पड़ मारा बल्कि राजेश की वर्दी भी फाड़ दी। यह दृश्य थाने में मौजूद सभी के लिए हैरान करने वाला था।
Police Misconduct पर फूटा जनता का गुस्सा
घटना के बाद वहां मौजूद कई लोगों ने राजेश कुमार की हालत पर अफसोस नहीं, बल्कि संजय का समर्थन किया। पुलिस विभाग के अधिकारियों को मौके पर आना पड़ा और मामले को शांत कराने के लिए सीनियर अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
सब इंस्पेक्टर को किया गया निलंबित
जांच समिति गठित
इस गंभीर ‘Police Misconduct’ के मामले में पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एक जांच समिति भी गठित की गई है जो पता लगाएगी कि आखिर थाने में शराब कहां से आई और ड्यूटी पर तैनात अधिकारी कैसे नशे में था।
प्रारंभिक जांच में शराब पीने की पुष्टि
प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि राजेश कुमार शराब के नशे में थे। विभाग ने यह भी माना है कि ऐसी घटनाएं पुलिस की साख को बर्बाद करती हैं और जनता के भरोसे को तोड़ती हैं।
Police Misconduct: क्या यह कोई नया ट्रेंड बनता जा रहा है?
हरियाणा ही नहीं, देश के कई हिस्सों में पुलिस द्वारा दुरुपयोग और ‘Police Misconduct’ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पिछले एक साल में ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कम से कम 35 मामले सामने आ चुके हैं जहां पुलिस अधिकारियों पर बदसलूकी, अवैध वसूली और आम लोगों के साथ मारपीट के आरोप लगे हैं।
जनता का भरोसा कैसे लौटे?
सुधार की सख्त जरूरत
‘Police Misconduct’ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग को सख्त कदम उठाने होंगे। केवल सस्पेंशन से बात नहीं बनेगी, बल्कि पुलिस स्टेशनों में ऑडिट सिस्टम, सीसीटीवी की निगरानी, नशा परीक्षण और पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन जैसे ठोस उपाय लागू करने होंगे।
पुलिस सुधार आयोग की निष्क्रियता पर सवाल
हालांकि पुलिस सुधार आयोग की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई थी, लेकिन अधिकतर मामलों में कोई भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। ऐसे में संजय जैसा नागरिक जो अन्याय के सामने झुका नहीं, वह आने वाले समय में बदलाव का प्रतीक बन सकता है।
क्या वर्दी का डर खत्म हो रहा है?
‘Police Misconduct’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक समस्या बन चुकी है। कुरुक्षेत्र की यह घटना बताती है कि जब आम आदमी अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है, तो वह बदलाव की शुरुआत कर सकता है। हालांकि कानून को हाथ में लेना उचित नहीं, लेकिन यह घटना पुलिस विभाग के भीतर फैले भ्रष्टाचार और मनमानी की तरफ इशारा जरूर करती है।
पुलिस की वर्दी देश की सुरक्षा और न्याय का प्रतीक मानी जाती है, लेकिन जब वही वर्दी नशे में धुत होकर आम नागरिक पर हाथ उठाए, तो सवाल उठना लाज़मी है।