डीजल के नए रेट से मच गई हलचल! आधी रात से लागू हुए बदलाव, जानिए किसे मिली बड़ी राहत

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हाइलाइट्स

  • petrol diesel ki kimat today में बड़ा बदलाव, डीज़ल हुआ 12.84 रुपए सस्ता
  • पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं, राहत सिर्फ डीज़ल और अन्य ईंधन में
  • सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती कीमतों के बाद लिया फैसला
  • केरोसिन और लाइट डीज़ल की कीमतों में भी भारी कटौती, कारोबारियों को राहत
  • पेट्रोल-डीजल पर नई लेवी और मार्जिन बढ़ाए जाने से पूरी राहत नहीं मिली जनता को

देश में ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। petrol diesel ki kimat today को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से जारी ताज़ा अधिसूचना में कहा गया है कि डीज़ल की कीमत में 12.84 रुपए की बड़ी कटौती की गई है। हालांकि, पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह राहत ऐसे समय में दी गई है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

डीज़ल की कीमत में बड़ी कटौती

सरकार ने घोषणा की है कि हाई-स्पीड डीज़ल अब 272.99 रुपए प्रति लीटर में मिलेगा, जो पहले 285.83 रुपए प्रति लीटर था। यानी कारोबारियों और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को अब सीधी राहत मिलेगी।

कीमतों की नई लिस्ट:

  • पेट्रोल (सुपर): 264.61 रुपए प्रति लीटर (बिना बदलाव)
  • हाई-स्पीड डीज़ल: 272.99 रुपए प्रति लीटर (12.84 रुपए की कटौती)
  • लाइट डीज़ल: 162.37 रुपए प्रति लीटर (8.20 रुपए की कटौती)
  • केरोसिन ऑयल: 178.27 रुपए प्रति लीटर (7.19 रुपए की कटौती)

इस कटौती का सीधा असर आम जनता और विशेषकर मालवाहक गाड़ियों पर पड़ेगा। डीज़ल की सस्ती कीमतें परिवहन लागत को कम करेंगी, जिससे आने वाले समय में जरूरी सामानों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है।

पेट्रोल की कीमत क्यों नहीं घटी?

petrol diesel ki kimat today की घोषणा में पेट्रोल की कीमतों को जस का तस रखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने पेट्रोल पर पहले से ही भारी लेवी और टैक्स बढ़ा रखे हैं, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार की राहत सीधे तौर पर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाती।

दरअसल, हाल ही में पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपए की अतिरिक्त लेवी लगाई गई है। इसके चलते पेट्रोल की दर 264.61 रुपए प्रति लीटर पर ही स्थिर बनी हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार का असर

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में तेजी से गिरावट आई है। पिछले एक महीने में कच्चे तेल की कीमत लगभग 10% तक नीचे आई है। इसी को देखते हुए सरकार ने डीज़ल, लाइट डीज़ल और केरोसिन पर राहत दी है।

जानकारों का कहना है:

  • अगर कच्चे तेल की गिरावट आगे भी जारी रहती है, तो आने वाले हफ्तों में पेट्रोल पर भी राहत संभव है।
  • सरकार घरेलू राजस्व संतुलन बनाए रखने के लिए पेट्रोल पर टैक्स घटाने से फिलहाल बच रही है।

नई लेवी और मार्जिन से राहत आधी ही

हालांकि petrol diesel ki kimat today में कटौती की गई है, लेकिन सरकार ने साथ ही कई नई लेवी और मार्जिन भी लागू कर दिए हैं।

अहम बदलाव:

  • डीज़ल पर लेवी 74.51 रुपए से बढ़ाकर 77.01 रुपए प्रति लीटर की गई।
  • पेट्रोल पर लेवी 75.52 रुपए से बढ़ाकर 78.02 रुपए प्रति लीटर की गई।
  • दोनों पर 2.50 रुपए का “क्लाइमेट सपोर्ट लेवी” जोड़ा गया।
  • डीलरों का मार्जिन 8.64 रुपए और वितरकों का मार्जिन 7.87 रुपए प्रति लीटर तय किया गया।

इससे साफ है कि सरकार ने जहां एक ओर डीज़ल की कीमत घटाकर राहत देने की कोशिश की है, वहीं टैक्स और लेवी बढ़ाकर राजस्व घाटा पूरा करने का रास्ता भी निकाला है।

आम जनता पर असर

petrol diesel ki kimat today का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ेगा। डीज़ल सस्ता होने से माल ढुलाई की लागत घटेगी और इसका फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचने की संभावना है।

संभावित असर:

  • सब्जी, अनाज और अन्य रोजमर्रा की चीज़ें सस्ती हो सकती हैं।
  • किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि कृषि कार्यों में डीज़ल की खपत सबसे ज्यादा होती है।
  • पेट्रोल के दाम स्थिर रहने से निजी वाहन मालिकों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी।

विशेषज्ञों की राय

ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि petrol diesel ki kimat today पर सरकार का फैसला संतुलित है। डीज़ल पर कटौती से जहां कारोबारी वर्ग को राहत मिलेगी, वहीं पेट्रोल पर टैक्स और लेवी बढ़ाकर सरकार ने राजस्व बनाए रखा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरावट लंबे समय तक जारी रहती है, तो सरकार को आने वाले महीनों में पेट्रोल पर भी राहत देनी होगी, वरना जनता में असंतोष बढ़ सकता है।

petrol diesel ki kimat today के तहत डीज़ल में 12.84 रुपए की बड़ी कटौती निश्चित रूप से कारोबारियों और किसानों के लिए राहत भरी खबर है। हालांकि, पेट्रोल की कीमतों में स्थिरता और नई लेवी से जनता को पूरी राहत नहीं मिल पा रही है। आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार की चाल यह तय करेगी कि क्या पेट्रोल पर भी राहत संभव है या नहीं।

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