A फॉर अखिलेश, D फॉर डिंपल’ से भड़का बवाल: सहारनपुर में PDA पाठशाला चला रहे सपा नेता पर FIR दर्ज

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हाइलाइट्स 

  • ‘पीडीए पाठशाला’ के कारण सपा नेता फरहाद गाढ़ा पर दर्ज हुआ मुकदमा
  • सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बच्चों को सिखाया गया ‘ए फॉर अखिलेश’, ‘बी फॉर बाबासाहेब’
  • डॉ. आंबेडकर समिति ने संविधान निर्माता के नाम के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए की शिकायत
  • पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर दी है, फरहाद गाढ़ा की गिरफ्तारी के प्रयास जारी
  • सपा नेता ने बताया कि ‘पीडीए पाठशाला’ का उद्देश्य गरीब बच्चों को मुफ्त और जागरूकता भरी शिक्षा देना है

क्या है ‘पीडीए पाठशाला’ विवाद?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में समाजवादी पार्टी के नेता फरहाद आलम गाढ़ा द्वारा चलाई जा रही अनूठी पीडीए पाठशाला अब राजनीतिक और कानूनी पचड़ों में फंस गई है। यह पाठशाला जो अब तक एक नवाचार के रूप में देखी जा रही थी, अचानक सुर्खियों में आ गई जब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में छोटे-छोटे बच्चे ‘ए फॉर अखिलेश’, ‘बी फॉर भीमराव’, और ‘एम फॉर मुलायम’ जैसे राजनीतिक नाम दोहराते नजर आए।

शिकायत और FIR का पूरा मामला

शिकायतकर्ता कौन हैं?

कोतवाली रामपुर मनिहारान क्षेत्र के कल्लरपुर गुर्जर गांव निवासी मेम सिंह, जो डॉ. भीमराव आंबेडकर समिति के एक पदाधिकारी हैं, ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है।

आरोप क्या लगे हैं?

शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि पीडीए पाठशाला में डॉ. भीमराव आंबेडकर जैसे संवैधानिक व्यक्तित्व को राजनीतिक रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।

पुलिस की कार्रवाई

सहारनपुर के एसपी सिटी व्योम बिंदल ने पुष्टि की है कि शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है और फरहाद गाढ़ा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या यह कृत्य किसी राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया गया।

वायरल वीडियो ने भड़काया विवाद

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बच्चों को यह बोलते देखा गया:

  • A for Akhilesh (अखिलेश यादव)
  • B for Babasaheb (डॉ. आंबेडकर)
  • C for Chaudhary Charan Singh
  • D for Dimple Yadav

इस वीडियो ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। भाजपा समर्थकों और विपक्षी नेताओं ने इसे शिक्षा का राजनीतिकरण बताते हुए जमकर आलोचना की।

फरहाद गाढ़ा का पक्ष

क्या बोले फरहाद?

फरहाद गाढ़ा ने अपनी सफाई में कहा,

“मुझे मुकदमे की जानकारी मीडिया से मिली। मेरी पीडीए पाठशाला का उद्देश्य बच्चों को सामाजिक न्याय और जागरूकता के साथ पढ़ाना है। यह किसी को आहत करने के लिए नहीं किया गया।”

उन्होंने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वे हमेशा वंचित तबके के लिए खड़े रहेंगे। उनका मानना है कि समाजवादी विचारधारा से बच्चों को परिचित कराना कोई अपराध नहीं है।

पीडीए पाठशाला: मकसद और मिशन

पीडीए का मतलब क्या है?

पीडीए‘ का मतलब है पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। सपा नेता फरहाद गाढ़ा का कहना है कि इस पाठशाला का उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षा देना है जो सरकारी स्कूल बंद होने या संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

पाठशाला में क्या होता है?

फरहाद के अनुसार, उनकी पाठशाला में:

  • 60 से अधिक बच्चे नियमित रूप से पढ़ते हैं
  • शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक चेतना और राजनीतिक समझ विकसित की जाती है
  • बच्चों को संविधान, लोकतंत्र और नेताओं की भूमिका के बारे में सरल भाषा में बताया जाता है

राजनीतिक एजेंडा या सामाजिक पहल?

यह बहस का विषय बन गया है कि क्या पीडीए पाठशाला एक सामाजिक पहल है या एक राजनीतिक एजेंडा? आलोचक कहते हैं कि बच्चों के कोमल दिमाग पर राजनीतिक विचारधाराएं थोपना गलत है। वहीं समर्थक मानते हैं कि यह नवाचार है जो समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बना सकता है।

शिक्षा के जानकारों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए
  • बच्चों को निष्पक्ष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पढ़ाया जाना चाहिए
  • हालांकि, यदि सामाजिक जागरूकता और अधिकारों की समझ विकसित की जाए, तो यह सकारात्मक भी हो सकता है

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

पुलिस जांच कर रही है कि क्या इस पाठशाला में पढ़ाई जा रही सामग्री भारतीय दंड संहिता या शिक्षा कानूनों का उल्लंघन करती है। यदि फरहाद दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

सवाल अभी बाकी हैं

पीडीए पाठशाला फिलहाल एक सवालों से भरा हुआ प्रयोग बन गई है। जहां एक ओर यह पहल गरीबों को शिक्षा देने का नया तरीका बताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस पर राजनीतिक एजेंडा थोपने का आरोप है।

क्या फरहाद गाढ़ा का यह प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाएगा या विवादों के गर्त में चला जाएगा — इसका जवाब आने वाला समय देगा।

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