हाइलाइट्स
– पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा ने उजागर किया कि कैसे पिता अपनी ही बेटियों के साथ बलात्कार करते हैं।
– माताएं अपनी बेटियों को गर्भपात के लिए ले जाती हैं, लेकिन पुलिस में शिकायत नहीं करतीं।
– पीड़िताएं डर और सामाजिक दबाव के कारण चुप रहने को मजबूर हैं।
– धार्मिक और सामाजिक मान्यताएं ऐसे अपराधों को बढ़ावा देती हैं।
– पाकिस्तानी कानून व्यवस्था और न्याय प्रणाली में महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता साफ दिखाई देती है।
पाकिस्तान में बेटियों के साथ यौन हिंसा का स्याह सच
एक डॉक्टर की आवाज़ जिसने उजागर किया अंधेरा
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा सुनकर पूरा समाज स्तब्ध है। एक अनाम डॉक्टर ने बताया कि कैसे कई मामलों में पिता अपनी ही बेटियों के साथ बलात्कार करते हैं, और माताएं इसका विरोध करने की बजाय गर्भपात कराने ले जाती हैं। यह सच्चाई न सिर्फ़ पाकिस्तानी समाज की कुरीतियों को दिखाती है, बल्कि महिलाओं के प्रति घृणित मानसिकता को भी उजागर करती है।
“अब्बू ही करते हैं रेप, अम्मी करवाती हैं अबोर्शन”
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा बताता है कि कई मामलों में पिता अपनी नाबालिग बेटियों के साथ यौन हिंसा करते हैं। जब ये लड़कियां गर्भवती हो जाती हैं, तो उनकी माताएं उन्हें गर्भपात कराने के लिए क्लीनिक ले जाती हैं। डॉक्टर ने बताया कि जब वे पीड़िताओं से पुलिस में शिकायत करने को कहती हैं, तो जवाब मिलता है – “वो हमारे वालिद हैं, हम उनका विरोध कैसे कर सकते हैं?”
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा
– बेटियों के साथ रेप करते हैं उनके अब्बू
– अबोर्शन कराने लाती हैं उनकी अम्मियांपुलिस के पास जाने का कहें तो कहती हैं
– वालिद हैं, उनका विरोध कैसे कर सकते हैं ?
आख़िर ये कौन सी सभ्यता है जहां बेटी से बाप रेप करता है और मां विरोध नहीं… pic.twitter.com/HQW3SctTvO
— VINI💞 (@Vini__007) July 9, 2025
क्यों चुप रह जाती हैं पीड़िताएं?
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा यह भी बताता है कि सामाजिक दबाव, धार्मिक कट्टरता और पितृसत्तात्मक मानसिकता के कारण पीड़िताएं चुप रह जाती हैं। पाकिस्तान जैसे देश में, जहां महिलाओं को “इज़्ज़त” का प्रतीक माना जाता है, ऐसे मामलों को दबा दिया जाता है। अगर कोई लड़की शिकायत करने की हिम्मत भी करती है, तो उसे ही समाज में बदनाम कर दिया जाता है।
पाकिस्तानी समाज और कानून व्यवस्था की विफलता
कानून होते हुए भी न्याय क्यों नहीं?
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा यह सवाल उठाता है कि आखिर क्यों पाकिस्तानी कानून व्यवस्था ऐसे मामलों में निष्क्रिय है। वहां बलात्कार और यौन हिंसा के खिलाफ कानून तो हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं होता। पुलिस अक्सर ऐसे मामलों को “पारिवारिक मामला” बताकर दबा देती है। जज भी धार्मिक और सामाजिक दबाव में फैसले लेने से कतराते हैं।
महिलाओं की स्थिति: एक डरावनी हकीकत
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा साबित करता है कि पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति कितनी भयावह है। वहां लड़कियों को जन्म लेते ही एक अभिशाप समझा जाता है। उन्हें शिक्षा, आज़ादी और न्याय से वंचित रखा जाता है। ऐसे में, जब उनके साथ उनके ही परिवार के लोग यौन हिंसा करते हैं, तो उनके पास चुप रहने के अलावा कोई चारा नहीं होता।
क्या है समाधान?
शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा यह साबित करता है कि समाज में शिक्षा और जागरूकता की सख्त जरूरत है। लड़कियों को उनके अधिकारों के बारे में बताना होगा। साथ ही, पुरुषों को भी महिलाओं के प्रति सम्मान की शिक्षा देनी होगी।
कानूनी सुधार और सख्त कार्रवाई
पाकिस्तान सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाए जाने चाहिए। साथ ही, पुलिस और न्यायिक प्रणाली में महिला अधिकारियों की संख्या बढ़ानी होगी।
एक सभ्य समाज की पुकार
पाकिस्तानी महिला डॉक्टर का दर्दनाक खुलासा हमें यह याद दिलाता है कि अगर समाज में महिलाओं को सुरक्षित नहीं रखा गया, तो वह सभ्यता नहीं, बर्बरता है। पाकिस्तान को अपनी सोच बदलनी होगी, वरना ऐसे ही मामले उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड को और खराब करते रहेंगे।