फोकस कीवर्ड: Operation Sindoor
📰 हाइलाइट्स (H3)
- Operation Sindoor के तहत भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर पाकिस्तान को दी चेतावनी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में चला यह अभियान बना शहीदों को श्रद्धांजलि।
- पाकिस्तान में स्कूल-कॉलेज बंद, आतंकी संगठनों में मचा हड़कंप।
- बहावलपुर से लेकर मुजफ्फराबाद तक भारतीय मिसाइलों ने मचाई तबाही।
- रक्षा विशेषज्ञों ने कहा- पाकिस्तान के पास अब पलटवार की नहीं कोई हिम्मत।
पाकिस्तान में मची खलबली: Operation Sindoor ने बदल दिया खेल का नियम
22 अप्रैल 2025 की रात को भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया Operation Sindoor अब एक ऐसा अभियान बन चुका है जिसने न केवल पाकिस्तान की नींव हिला दी है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सैन्य और राजनीतिक दृढ़ता को भी स्थापित कर दिया है। यह ऑपरेशन दरअसल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक कायराना आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।
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स्थानीय युवक की बहादुरी बनी प्रेरणा
इस हमले में एक स्थानीय युवक सैयद आदिल हुसैन शाह ने कई पर्यटकों की जान बचाते हुए खुद शहादत पाई। यह घटना पूरे देश के लिए एक गहरे सदमे की तरह थी, और जनता के बीच आक्रोश का ज्वार उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत ही उच्चस्तरीय बैठकें कर Operation Sindoor की रूपरेखा तय की।
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9 ठिकाने, 24 मिसाइलें, आतंकियों की तबाही
Operation Sindoor के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन स्थानों में बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली और मुजफ्फराबाद शामिल हैं। ऑपरेशन में 24 उच्च-परिशुद्धता मिसाइलों और ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया गया। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के कई शीर्ष कमांडर मारे गए।
बहावलपुर में सबसे बड़ा नुकसान
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार अकेले बहावलपुर में ही करीब 30 आतंकवादी मारे गए हैं। यह वही इलाका है जिसे जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। वहीं, मुरीदके में लश्कर के एक बड़े ट्रेनिंग कैंप को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।
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रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान बना सुर्खी
भारत के इस हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार में घबराहट साफ दिखी। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बयान में कहा कि “अगर भारत Operation Sindoor को रोक देता है, तो हम कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे।” यह बयान खुद बयां करता है कि पाकिस्तान की स्थिति कितनी अस्थिर है।
स्कूल-कॉलेज बंद, सेना हाई अलर्ट पर
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए। साथ ही, कई बड़े शहरों में कर्फ्यू जैसे हालात बना दिए गए। आतंकवादी संगठनों के शीर्ष नेता अपने अड्डे बदलने लगे हैं और उनमें अफरातफरी का माहौल है।
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‘युद्ध नहीं, न्याय की मांग थी यह कार्रवाई’
ब्रिगेडियर (रि.) गोविंद सिसोदिया ने बताया कि Operation Sindoor का उद्देश्य युद्ध नहीं था, बल्कि यह एक सटीक न्यायिक प्रतिकार था। उन्होंने कहा, “भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद को सीमा पार से पोषण देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
‘पाकिस्तान के पास विकल्प नहीं बचे’
अन्य रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य स्थिति इतनी कमजोर है कि वह भारत के इस कदम का कोई प्रभावी जवाब नहीं दे सकता। उनके अनुसार पाकिस्तान कोई प्रतीकात्मक कदम तो उठा सकता है लेकिन वास्तविक पलटवार की हिम्मत नहीं है।
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आतंक के खिलाफ सख्त रुख को सराहना
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने भारत के इस कदम को ‘आत्मरक्षा में लिया गया वैध कदम’ बताया है। वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह सख्त नीति अब दूसरे देशों के लिए उदाहरण बन रही है।
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शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
इस ऑपरेशन ने न केवल भारतीय सेना की ताकत को दिखाया बल्कि यह शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी बन गया है। आम जनता से लेकर राजनीतिक नेतृत्व तक सभी ने इस मिशन की सराहना की है।
क्या आगे और बढ़ेगा यह अभियान?
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार Operation Sindoor का यह केवल पहला चरण था। यदि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने की कोशिश जारी रहती है, तो अगला चरण और भी व्यापक और विध्वंसक हो सकता है।
अब भारत नहीं करेगा बर्दाश्त
भारत ने Operation Sindoor के जरिए एक नया संदेश दिया है—अब बर्दाश्त नहीं होगा। अब आतंकवाद का जवाब शांति वार्ताओं से नहीं, बल्कि सटीक और निर्णायक कार्रवाई से दिया जाएगा। यह ऑपरेशन भारतीय सैन्य इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बनकर उभरा है।