हाइलाइट्स
- Operation Sindoor के तहत भारत ने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद
- बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों को पहुंचा भारी नुकसान
- कम से कम 30 आतंकी मारे गए, पाकिस्तान में लगी आपातकाल की घोषणा
- पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) पर छाए संकट के बादल, विदेशी खिलाड़ियों के लौटने की आशंका
- लाहौर, रावलपिंडी और मुल्तान में शेड्यूल PSL के मैच खतरे में
भारत का कड़ा जवाब: Operation Sindoor की शुरुआत
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों पर एक साथ हवाई और ज़मीनी हमले किए। इस जवाबी कार्रवाई को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने Operation Sindoor का नाम दिया है। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, RAW और वायुसेना के संयुक्त प्रयास से अंजाम दिया गया, जिसमें बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, और कोटली जैसे क्षेत्रों को टारगेट किया गया।
बहावलपुर में आतंकी संगठनों पर कहर
लश्कर और जैश के ठिकानों को किया तबाह
Operation Sindoor के तहत भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को सीधा निशाना बनाया। बहावलपुर में स्थित जैश का बड़ा ट्रेनिंग कैंप पूरी तरह तबाह हो गया है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में जैश के 12 से अधिक प्रशिक्षकों की मौत हुई है। लश्कर के एक गुप्त बंकर को भी ध्वस्त कर दिया गया है जिसमें 18 आतंकी मौजूद थे।
सटीक इंटेलिजेंस के आधार पर हमला
इस पूरे Operation Sindoor की योजना महीनों पहले शुरू हो चुकी थी। खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी के आधार पर टारगेट्स चुने गए थे। भारतीय सेना ने सीमापार जाकर POK के कोटली और बाग में मौजूद आतंकी ठिकानों को भी नष्ट किया। इन ठिकानों पर हमले के समय वहां मौजूद आतंकियों को भागने का मौका तक नहीं मिला।
पाकिस्तान की घबराहट: लाहौर में आपातकाल घोषित
राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव में पाकिस्तान
इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। लाहौर में इमरजेंसी की घोषणा की गई है और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में आपात बैठकें हो रही हैं और सेना हाई अलर्ट पर है। पाकिस्तान सरकार इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी में है, लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोई सहानुभूति नहीं मिल रही।
पाकिस्तान सुपर लीग पर खतरे के बादल
Operation Sindoor के बाद सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) पर पड़ा है। भारत पहले ही PSL के ब्रॉडकास्ट को बंद कर चुका था, लेकिन अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि विदेशी खिलाड़ी PSL छोड़ने की तैयारी में हैं। लाहौर, कराची, रावलपिंडी और मुल्तान में होने वाले आगामी मैच रद्द होने की संभावना है।
PSL से भाग सकते हैं विदेशी खिलाड़ी
सुरक्षा पर उठे सवाल
ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर, बेन मैकडरमॉट, इंग्लैंड के जेम्स विंस और न्यूजीलैंड के टिम साइफर्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी PSL छोड़ सकते हैं। खिलाड़ियों के एजेंट्स और विदेशी दूतावासों ने पहले ही खिलाड़ियों को सतर्क रहने की सलाह दी थी। अब स्थिति गंभीर होने के कारण इन खिलाड़ियों का पाकिस्तान में बने रहना लगभग असंभव हो गया है।
पाकिस्तान की एक और अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती
अगर विदेशी खिलाड़ी PSL से हटते हैं तो यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए एक बड़ा झटका होगा। इससे न केवल PSL की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा, बल्कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी गहरा नुकसान होगा। पहले ही सुरक्षा कारणों से कई देश पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से हिचकते हैं, और अब Operation Sindoor के बाद स्थिति और बदतर हो गई है।
कूटनीतिक और सैन्य सफलता की ओर भारत
संदेश साफ है: आतंक का जवाब सीधे घर में
Operation Sindoor के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंक के खिलाफ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपनाएगा। पहलगाम जैसे हमलों का जवाब अब केवल बयानबाजी से नहीं, बल्कि सीधे आतंकी अड्डों पर प्रहार से दिया जाएगा। इससे न केवल आतंकी संगठनों में खलबली मची है, बल्कि उन्हें शरण देने वाले पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश मिला है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलने की संभावना
भारत के इस कदम को कई देशों से समर्थन मिल सकता है। अमेरिका, फ्रांस और इज़राइल जैसे देश पहले भी भारत के आतंक विरोधी रुख का समर्थन करते रहे हैं। अगर भारत इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर रखता है, तो पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा सकता है।
Operation Sindoor केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई नीति का प्रतीक है—जिसमें अब हर आतंकी हमले का जवाब दुगनी ताकत से दिया जाएगा। यह ऑपरेशन आने वाले समय में आतंकवाद पर लगाम लगाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित हो सकता है। वहीं पाकिस्तान को अपनी धरती पर पनप रहे आतंकियों को खत्म करने का दबाव भी बढ़ेगा। PSL पर मंडराते संकट और विदेशी खिलाड़ियों की वापसी इस बात का संकेत है कि भारत की कार्रवाई कितनी प्रभावी और दूरगामी रही है।