यौन संबंध नहीं बनाओगी तो करियर खत्म कर दूंगा’ – HOD की धमकी से टूट गई छात्रा, कॉलेज परिसर में खुद को लगा दी आग

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Table of Contents

हाइलाइट्स

  • Odisha College Incident में छात्रा ने ICC में शिकायत के बाद खुद को कॉलेज कैंपस में आग लगाई
  • पीड़िता को AIIMS भुवनेश्वर में 95% जलन के साथ गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया
  • HOD समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप, 1 जुलाई को की गई थी शिकायत
  • कॉलेज प्रिंसिपल और आरोपी HOD सस्पेंड, HOD को पुलिस ने किया गिरफ्तार
  • घटना का वीडियो वायरल, छात्र गुस्से में सड़कों पर उतरे, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

बालासोर (उड़ीसा)। शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाली Odisha College Incident ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। उड़ीसा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन कॉलेज से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद कार्रवाई न होने से आहत होकर एक छात्रा ने कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि यह सवाल भी खड़े करती है कि आज भी महिलाएं अपने ही शैक्षिक संस्थानों में कितनी असुरक्षित हैं।

घटना की शुरुआत: यौन उत्पीड़न और धमकी की शिकायत

HOD पर आरोप: बार-बार संबंध बनाने का दबाव और धमकी

इस Odisha College Incident की शुरुआत 1 जुलाई 2025 को हुई, जब कॉलेज की एक छात्रा ने अपने ही HOD (हेड ऑफ डिपार्टमेंट) समीर कुमार साहू पर गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। छात्रा ने कॉलेज की Internal Complaint Committee (ICC) को अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि साहू बार-बार उससे यौन संबंध बनाने की मांग कर रहे थे और इनकार करने पर उसे करियर बर्बाद करने की धमकी दे रहे थे।

ICC में की थी शिकायत, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला

छात्रा की शिकायत पर ICC ने उसे सात दिन में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे छात्रा मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुकी थी।

जलती लौ में सुलगते सवाल: छात्रा ने खुद को क्यों लगाई आग?

कॉलेज परिसर में खुद को किया आग के हवाले

शनिवार को जब कुछ छात्र कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पीड़िता अचानक कॉलेज प्रिंसिपल ऑफिस के पास पहुंची और अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। घटनास्थल पर मौजूद छात्रों और स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक छात्रा 95% तक जल चुकी थी।

वीडियो वायरल, बचाने वाला छात्र भी गंभीर रूप से झुलसा

इस Odisha College Incident का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में छात्रा आग की लपटों में घिरी हुई दिख रही है और एक युवक उसे बचाने की कोशिश करता है, लेकिन खुद भी 70% झुलस जाता है।

प्रशासन और राजनीति में मचा हड़कंप

HOD और प्रिंसिपल सस्पेंड, HOD गिरफ्तार

उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी HOD समीर कुमार साहू को निलंबित कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। साथ ही कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

मंत्री का बयान: दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा

मंत्री ने कहा, “Odisha College Incident की जांच उच्च स्तर पर की जा रही है। कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। कॉलेज की ICC की भूमिका की भी जांच होगी कि आखिर क्यों समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।”

पुलिस जांच और छात्र आंदोलन

बालासोर पुलिस ने शुरू की विस्तृत जांच

बालासोर के पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद ने कहा कि पुलिस कई एंगल से मामले की जांच कर रही है। आरोपी HOD से पूछताछ जारी है और कॉलेज प्रशासन के अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है।

कॉलेज में छात्र संगठनों का उग्र प्रदर्शन

घटना के बाद कॉलेज परिसर पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया। छात्र संगठनों ने प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर धरना दिया और नारेबाजी करते हुए दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की।

क्या विफल हुई कॉलेज की ICC?

छात्रों का आरोप: ICC बनी प्रशासन की कठपुतली

छात्रों का कहना है कि ICC सिर्फ कागजी संस्था बनकर रह गई है। समय रहते कार्रवाई होती तो यह भयानक Odisha College Incident न घटती। कई छात्राओं ने यह भी आरोप लगाए कि पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं लेकिन दबा दिए गए।

AIIMS में चल रहा इलाज, हालत नाजुक

छात्रा की स्थिति चिंताजनक, डॉक्टर्स की टीम निगरानी में

95% जल चुकी छात्रा को तत्काल AIIMS भुवनेश्वर रेफर किया गया, जहां ICU में उसकी हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टर्स की एक विशेष टीम उसकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

सवालों के घेरे में शिक्षा तंत्र

Odisha College Incident न सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। जब एक छात्रा अपने ही शिक्षक से असुरक्षित महसूस करे, तो ऐसे तंत्र की समीक्षा जरूरी है। क्या सिर्फ सस्पेंशन और गिरफ्तारी से इस सोच का अंत हो जाएगा?

यह केवल एक छात्रा की कहानी नहीं

यह घटना सिर्फ एक छात्रा की आत्मदाह की नहीं है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक निष्क्रियता और सामाजिक संवेदनहीनता की मिलीजुली तस्वीर है। Odisha College Incident ने यह साफ कर दिया है कि हमें संस्थानों को सुरक्षित बनाने के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि नैतिक ज़िम्मेदारी भी लेनी होगी।

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