हाइलाइट्स
- Animal Hospital Scandal के तहत अमेठी के संग्रामपुर में डॉक्टर की अय्याशी का चौंकाने वाला मामला सामने आया
- शराब के नशे में धुत डॉक्टर प्रदीप पाण्डेय को एक लड़की संग कमरे में बंद पाया गया
- मीडिया कर्मियों ने किया खुलासा, डॉक्टर ने दी धमकियां और दरवाज़ा बंद करने को कहा
- लड़की ने आरोप लगाया कि विकास सिंह नामक कर्मचारी उसे जबरन लाया
- मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए, कार्रवाई की उम्मीद
मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले में स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय, संग्रामपुर ब्लॉक, इन दिनों एक शर्मनाक और चिंताजनक घटना के चलते चर्चा में है। इस घटना को अब पूरे राज्य में Animal Hospital Scandal के नाम से जाना जा रहा है।
घटना में आरोपी हैं पशु चिकित्सक प्रदीप पाण्डेय, जो कि संग्रामपुर पशु चिकित्सालय में तैनात हैं। एक लड़की के साथ उनकी अश्लील हरकतें, शराब सेवन की स्थिति और मीडिया से बदसलूकी की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
मीडिया ने खोला पोल
स्थानीय मीडिया को गुप्त सूचना मिली कि डॉक्टर प्रदीप पाण्डेय अपने सरकारी कार्यालय का दुरुपयोग कर रहे हैं। जब रिपोर्टर्स मौके पर पहुंचे, तो पाया कि अस्पताल परिसर में एक कमरे का दरवाजा बाहर से बंद है।
काफी देर तक दबाव देने के बाद दरवाजा खुलवाया गया, और बाहर निकली एक युवा लड़की, जो बुरी तरह सहमी हुई थी। उस वक्त डॉक्टर Animal Hospital Scandal में रंगे हाथ पकड़े गए।
कैमरे पर भड़का डॉक्टर
जैसे ही कैमरे की फ्लैश लाइट जली, डॉक्टर भड़क उठे और मीडिया कर्मियों को धमकाने लगे। उन्होंने कहा –
“हमें फांसी दे दो, गेट बंद करो, जो करना है कर लो।”
उनका यह बर्ताव साफ दर्शाता है कि वह न केवल अपराधबोध से ग्रसित नहीं हैं, बल्कि सत्ता और पद के घमंड में चूर हैं। Animal Hospital Scandal ने अब राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है।
लड़की ने क्या कहा?
कबाड़ रूम में घंटों बंद रही युवती
घटना के समय कमरे से बाहर निकली लड़की ने जो बयान दिया, वह और भी चौंकाने वाला था। उसने बताया:
“हमें यहां विकास सिंह नाम के एक कर्मचारी ने लाया। उसने कहा कि होली का समय है, आराम कर लो।”
लड़की का दावा है कि उसे एक कबाड़ वाले रूम में ताले में बंद कर दिया गया और बाहर से दरवाजा बंद था। इस पूरी घटना ने Animal Hospital Scandal को मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला बना दिया है।
डॉक्टर का पक्ष क्या है?
पशु अस्पताल में इश्कबाजी! मीडिया कर्मियों ने घटना का पर्दाफाश किया, जिस पर डॉक्टर ने धमकी दी !!
लड़की संग कमरे में बंद मिले नशे में धुत डॉक्टर, जांच के आदेश !!
अमेठी में एक पशु चिकित्सक, प्रदीप पाण्डेय, पर शराब के नशे में एक लड़की के साथ अय्याशी करने और उसे घंटों बंद रखने का आरोप… pic.twitter.com/13BH9ozA1b— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) March 17, 2025
बचाव से ज्यादा धमकी
डॉक्टर प्रदीप पाण्डेय की ओर से अब तक कोई औपचारिक सफाई नहीं आई है, लेकिन उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा:
“तुम लोग हमारी इज्जत उछाल रहे हो। तुमको देख लेंगे।”
उनका यह रवैया साफ तौर पर अपराध छुपाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। Animal Hospital Scandal अब केवल व्यक्तिगत अनैतिकता का मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और महिला सुरक्षा की विफलता भी दर्शाता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जांच के आदेश
अमेठी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सोम प्रकाश तिवारी ने कहा कि:
“यदि ऐसा मामला सामने आया है, तो कड़ी जांच होगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
लेकिन अब तक डॉक्टर के खिलाफ न तो कोई एफआईआर दर्ज हुई है, न ही निलंबन की कार्रवाई। इस वजह से Animal Hospital Scandal की गंभीरता और ज्यादा बढ़ गई है।
क्यों है यह मामला गंभीर?
महिला सुरक्षा और सरकारी पद का दुरुपयोग
इस पूरे Animal Hospital Scandal में कई गंभीर सवाल उठते हैं:
- सरकारी अस्पताल का दुरुपयोग
- शराब सेवन कर ड्यूटी करना
- एक महिला को ज़बरन कमरे में बंद करना
- मीडिया से बदसलूकी
- उच्च अधिकारियों की सुस्ती
यह सब कुछ दर्शाता है कि कैसे एक सरकारी कर्मचारी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहा है और आज भी महिला सुरक्षा महज भाषणों तक सीमित है।
जनता और सोशल मीडिया का गुस्सा
वायरल हुआ वीडियो, उठी कार्रवाई की मांग
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग भड़क उठे। Twitter, Facebook और YouTube पर #AnimalHospitalScandal ट्रेंड करने लगा। लोगों ने कहा:
“अगर ये घटना किसी प्राइवेट संस्थान में होती तो तुरंत कार्रवाई होती।”
“क्या डॉक्टर को प्रशासन बचा रहा है?”
“क्या अब अस्पताल अय्याशी का अड्डा बन गए हैं?”
कब होगी कार्रवाई?
Animal Hospital Scandal ने यह साबित कर दिया है कि प्रशासनिक निगरानी की भारी कमी है। यदि इस मामले में जल्द और निष्पक्ष जांच न हुई तो इससे एक खतरनाक संदेश जाएगा – कि सरकारी पदों पर बैठे लोग कुछ भी कर सकते हैं और कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रदीप पाण्डेय पर कोई आपराधिक मामला दर्ज होता है या नहीं। जांच के नाम पर मामले को दबाने की कोशिश की गई तो यह समाज के लिए और भी बड़ा खतरा बन जाएगा।