हाइलाइट्स
- नया देश बनाने वाले 20 वर्षीय युवा डेनियल जैक्सन की अनोखी पहल
- क्रोएशिया-सर्बिया सीमा विवाद के बीच 125 एकड़ से कम क्षेत्र में ‘फ्री रिपब्लिक ऑफ वेर्डिस’ की घोषणा
- इस देश का अपना झंडा, कैबिनेट, वेबसाइट और कथित 400 नागरिक
- यूरोप की डेन्यूबह नदी के किनारे पॉकेट-थ्री नामक इलाके में बसाया गया यह सूक्ष्म राष्ट्र
- अब तक कई बार क्रोएशियाई पुलिस से टकराव, निर्वासन और पाबंदियों का सामना
नया देश बनाने वाले युवा की अजीब लेकिन सच्ची कहानी
दुनिया में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो कल्पना से परे और हकीकत में कम ही होती हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है 20 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई युवक डेनियल जैक्सन ने, जिसने क्रोएशिया और सर्बिया के मध्य स्थित विवादित जमीन पर “फ्री रिपब्लिक ऑफ वेर्डिस” नाम से एक नया देश बनाकर खुद को उसका राष्ट्रपति घोषित कर दिया है।
इस छोटे से भूभाग पर यह प्रयोग जितना अनोखा है, उतना ही रोचक भी। यहां हम पूरे घटनाक्रम, इस देश की स्थापना, वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत नज़र डालते हैं।
“नया देश” की स्थापना कहां और कैसे हुई?
क्रोएशिया और सर्बिया के बीच स्थित डेन्यूबह नदी किनारे का मात्र 125 एकड़ से भी छोटा हिस्सा “पॉकेट थ्री” के नाम से जाना जाता है। दोनों देशों के बीच सीमा स्पष्ट न होने की वजह से यह इलाका किसी का आधिकारिक क्षेत्र नहीं माना जाता। इसी कानूनी शून्य को डेनियल जैक्सन ने एक मौका माना और वर्ष 2019 में इस जमीन को “फ्री रिपब्लिक ऑफ वेर्डिस” नामक नया देश घोषित कर दिया।
इस “नया देश” की खास पहचान
- आधिकारिक झंडा और संविधान
- कैबिनेट और स्वयंभू राष्ट्रपति
- 400 लोगों को नागरिकता देने का दावा
- अंग्रेजी, क्रोएशियाई और सर्बियाई आधिकारिक भाषाएं
- मुद्रा के रूप में यूरो का उपयोग
कैसे आया “नया देश” बनाने का विचार?
डेनियल जैक्सन बताते हैं कि पहली बार नया देश बनाने का विचार उन्हें मात्र 14 वर्ष की आयु में आया था। दोस्तों के बीच एक क्रेजी प्रयोग (Experiment) के तौर पर शुरुआत हुई। धीरे-धीरे उन्होंने अपने इस सपने को वास्तविक रूप देना शुरू कर दिया — पहले झंडा बनाया, फिर वेबसाइट तैयार की और बाद में कुछ नियम-क़ानून और मंत्रिमंडल बनाकर खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया।
उनका स्पष्ट दावा है कि वे सत्ता की भूख नहीं रखते बल्कि एक अनूठा उदाहरण स्थापित करना चाहते थे। उनका मानना है कि उनका देश वेटिकन सिटी के बाद दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश बनेगा।
क्या सच में बसना संभव है इस “नया देश” में?
भले ही यह नया देश कानूनी या राजनीतिक तौर पर मान्यता प्राप्त ना हो, लेकिन जैक्सन ने इसे वास्तविक रूप देने की पूरी कोशिश की। हालांकि, इस “सूक्ष्म राष्ट्र” में बसना इतना आसन नहीं है।
अक्टूबर 2023 में, क्रोएशियाई पुलिस ने जैक्सन और देश के कुछ अन्य नागरिकों को हिरासत में लेकर निर्वासित कर दिया। साथ ही भविष्य में इस इलाके में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
इसके बावजूद जैक्सन का दावा है कि वह निर्वासन में रहकर भी अपनी “सरकार” चला रहे हैं।
आगे की योजना क्या है इस “नया देश” की?
डेनियल जैक्सन का कहना है कि वे भविष्य में इस नया देश में लोकतांत्रिक चुनाव कराना चाहते हैं। उनका उद्देश्य सत्ता में बने रहना नहीं, बल्कि इसे एक उदाहरण के रूप में स्थापित करना है कि “कल्पनाएं भी वास्तविकता बन सकती हैं।”
उन्होंने कहा — “यदि सब कुछ सफल हुआ तो मैं राष्ट्रपति पद छोड़ दूंगा और चुनाव कराऊंगा, ताकि यह सच में एक लोकतांत्रिक देश बन सके।”
दुनिया में ऐसे और भी “नया देश” की कोशिशें
- लिबरटेरिया (Liberland) — चेक व्यावसायिकविद् द्वारा घोषित क्रोएशिया-सर्बिया के ही पास
- सीलैंड (Sealand) — उत्तरी सागर में समुद्री किले पर स्थापित सूक्ष्म राष्ट्र
- ग्लेशिया — आइसलैंड के समीप घोषित हिमखंड पर आधारित देश
इन सभी उदाहरणों में एक बात समान रही — “नया देश” बनाने की अभूतपूर्व चाह और दो देशों के बीच की ‘नो-मैन्स-लैंड’ का इस्तेमाल।
जानिए लोग क्यों बनाना चाहते हैं “नया देश”
- आज़ादी और स्वतंत्र कानूनों की चाह
- अपनी कल्पना को वास्तविक रूप देने का साहस
- राजनीतिक प्रयोग या निजी प्रतिष्ठा
- इतिहास में नाम दर्ज कराने की महत्वाकांक्षा
डेनियल जैक्सन की यह कोशिश भी इन्हीं प्रेरणाओं से उपजी प्रतीत होती है।
Φωτογραφίες που έβγαλε ο πρόεδρος Ντάνιελ στην Βερδισία.@danieljacksonvs pic.twitter.com/oIIAnSKcmI
— The Free Republic of Verdis in Greece (@GR_Verdis) August 25, 2023
क्या सही मायने में टिक पाएगा यह “नया देश”?
हालांकि “फ्री रिपब्लिक ऑफ वेर्डिस” को किसी भी देश अथवा अंतरराष्ट्रीय संगठन ने आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि कल्पनाशीलता और साहस से व्यक्ति कुछ भी कर सकता है।
डेनियल जैक्सन द्वारा बसाया गया यह नया देश एक प्रयोग, एक संदेश और एक चर्चा का विषय बन चुका है।
भविष्य में यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल करेगा या कानूनी चुनौतियों के सामने समाप्त हो जाएगा — यह तो वक्त बताएगा।
फिलहाल इतना तय है कि क्रोएशिया और सर्बिया के बीच की इस विवादित जमीन पर खड़ा यह सूक्ष्म “नया देश” दुनिया को हैरान कर रहा है।