Neha Singh Rathore

Neha Singh Rathore का ट्वीट बम! चीन-पाकिस्तान से की भारत की तुलना, मच गया बवाल

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हाइलाइट्स 

  • Neha Singh Rathore ने अपने ताज़ा ट्वीट से सोशल मीडिया पर फिर मचाई हलचल
  • भारत की मौजूदा विदेश नीति पर निशाना, चीन और पाकिस्तान की तुलना की
  • बीजेपी पर तिरंगा यात्रा को लेकर तंज, ‘बेहयाई की सारी हदें’ पार करने का आरोप
  • X (पूर्व ट्विटर) पर लाखों लोगों ने किया पोस्ट को शेयर और रीट्वीट
  • विपक्षी दलों ने किया समर्थन, सत्तारूढ़ पार्टी ने बताया ‘प्रोपेगेंडा’

नेहा सिंह राठौर के ट्वीट ने खड़ा किया राजनीतिक भूचाल

लोकप्रिय लोकगायिका और सामाजिक कार्यकर्ता Neha Singh Rathore एक बार फिर अपने तीखे राजनीतिक बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने भारत की वर्तमान विदेश नीति की तुलना चीन और पाकिस्तान से करते हुए सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

Neha Singh Rathore का यह ट्वीट वायरल हो गया है और इससे एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। उनके शब्दों की तीव्रता और शैली ने समर्थकों को प्रोत्साहित किया तो विरोधियों को उत्तेजित।

क्या था नेहा सिंह राठौर का ट्वीट?

“एक वक़्त था जब हमारा देश चीन की बराबरी कर रहा था…”

Neha Singh Rathore ने लिखा:

“एक वक़्त था जब हमारा देश चीन की बराबरी कर रहा था… लेकिन आज पाकिस्तान की लाइन में खड़ा होकर अमेरिका से आदेश ले रहा है। इस महान उपलब्धि के बाद भाजपा देश भर में तिरंगा यात्रा निकालेगी… समझ रहे हैं! ये लोग बेहयाई की सारी हदें लाँघ चुके हैं… और आप चाहते हैं कि मैं इनसे सवाल न पूछूँ!”

इस बयान में उन्होंने भारत की विदेश नीति को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और साथ ही भाजपा द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्राओं को व्यंग्य का निशाना बनाया।

राजनीतिक विश्लेषण: क्या यह एक वैध आलोचना है?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, Neha Singh Rathore का यह बयान कई गहरे सवाल उठाता है:

भारत की चीन से तुलना

एक समय भारत और चीन को समान स्तर पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में देखा जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में चीन ने तेज़ी से तकनीकी और आर्थिक विकास किया है। वहीं, भारत को भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।

पाकिस्तान के संदर्भ का संदेश

Neha Singh Rathore के कथन में पाकिस्तान का उल्लेख दर्शाता है कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। क्या हम वैश्विक राजनीति में स्वतंत्र निर्णय ले पा रहे हैं, या फिर हम ‘पश्चिमी निर्देशों’ पर चल रहे हैं?

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

Neha Singh Rathore के इस बयान पर ट्विटर/X पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:

  • “नेहा दीदी सच बोल रही हैं, ऐसे सवाल उठाना ज़रूरी है।”
  • “तिरंगा यात्रा पर तंज करना राष्ट्रद्रोह है।”
  • “बोलने की आज़ादी पर कब तक हमला करते रहेंगे सरकार के समर्थक?”

X पर ट्रेंडिंग में ‘Neha Singh Rathore’

ट्वीट के कुछ ही घंटों में Neha Singh Rathore X पर ट्रेंड करने लगीं। कई पत्रकारों, लेखकों और आम नागरिकों ने उनका समर्थन किया। वहीं भाजपा से जुड़े नेता और समर्थकों ने इसे “जनता को गुमराह करने वाला” बताया।

बीजेपी की प्रतिक्रिया और रणनीति

भारतीय जनता पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से इस ट्वीट पर कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन पार्टी से जुड़े कई प्रवक्ताओं और समर्थकों ने इसे “Attention-Seeking Drama” बताया।

तिरंगा यात्रा पर सवाल क्यों?

Neha Singh Rathore द्वारा तिरंगा यात्रा पर व्यंग्य करने को देशभक्ति का अपमान बताया जा रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा:

“देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों को जनता जवाब देगी। ये वही लोग हैं जो कभी राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करते।”

नेहा सिंह राठौर: एक साहसी आवाज़

Neha Singh Rathore सिर्फ एक लोकगायिका नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बोलने वाली एक जानी-पहचानी आवाज़ बन चुकी हैं। इससे पहले भी उन्होंने सीएए-एनआरसी, किसान आंदोलन और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी।

संगीत से राजनीतिक चेतना तक

उनके गाने जैसे “यूपी में का बा” ने लोगों को झकझोर दिया और आम आदमी की समस्याओं को स्वर दिया। वे आज उस जनमानस की आवाज़ बन चुकी हैं जिसे अक्सर सत्ता में बैठे लोग अनदेखा करते हैं।

भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल

Neha Singh Rathore जैसे लोगों की आवाज़ उठाना बताता है कि भारत में अभी भी लोकतंत्र जीवित है, लेकिन जिस प्रकार उनकी बातों को ट्रोल किया जा रहा है, वह चिंताजनक है।

क्या सवाल पूछना अपराध है?

यदि कोई कलाकार या आम नागरिक सवाल करता है, तो उसे ‘देशविरोधी’ घोषित कर देना खतरनाक चलन है। यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

विरोध और समर्थन के बीच संतुलन की ज़रूरत

Neha Singh Rathore का ट्वीट सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि उस सोच का प्रतिनिधित्व करता है जो लोकतंत्र में सवाल पूछने के अधिकार को सबसे ऊपर मानती है। चाहे आप उनसे सहमत हों या नहीं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उन्होंने जन संवाद को एक बार फिर प्रज्वलित किया है।

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