मानवता हुई लहूलुहान! 80 किमी तक पत्नी का शव बाइक पर ढोता रहा पति, पीछे छिपी कहानी रुला देगी

Latest News

हाइलाइट्स

  • नागपुर-जबलपुर हाइवे पर हुए हादसे में एक पति ने पत्नी का शव बाइक पर बांधकर घर ले जाने का फैसला किया।
  • हादसा नागपुर जिले के दवलापार थाना इलाके में हुआ, जहां ट्रक की टक्कर से महिला की मौत हो गई।
  • भीड़ जुटी लेकिन किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया, न पुलिस समय पर पहुंची, न एंबुलेंस।
  • पति ने पत्नी को अकेला न छोड़ते हुए शव को बाइक पर बांधकर घर की ओर सफर शुरू किया।
  • घटना ने समाज की संवेदनहीनता और इंसानियत की कमी पर बड़े सवाल खड़े किए।

भीषण हादसा जिसने बदल दी ज़िंदगी

सोमवार की दोपहर नागपुर-जबलपुर हाइवे पर एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने हर किसी को भीतर तक झकझोर दिया। नागपुर जिले के दवलापार थाना क्षेत्र के मोरफटा इलाके में सड़क पर एक शख्स अपनी पत्नी का शव बाइक के पीछे बांधकर ले जा रहा था। यह नजारा न केवल दर्दनाक था बल्कि समाज की संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण भी पेश कर रहा था।

हादसे से पहले की कहानी

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले अमित बुमरा यादव और उनकी पत्नी ज्ञारसी यादव पिछले 10 सालों से नागपुर के कोराडी इलाके में रह रहे थे। सोमवार को दोनों पति-पत्नी अपनी बाइक से घर से निकले थे। किसी को क्या पता था कि यह उनका आखिरी सफर होगा। नागपुर-जबलपुर हाइवे पर चलते समय अचानक पीछे से एक ट्रक आया और बाइक को हल्की सी साइड मार दी। इस टक्कर से ज्ञारसी गिर पड़ीं और ट्रक के पिछले पहिए के नीचे आ गईं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

मदद के लिए कोई आगे नहीं आया

पत्नी की मौत के बाद अमित सदमे में वहीं बैठ गया। आसपास भीड़ तो जमा हो गई, लेकिन किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया। न पुलिस पहुंची, न एंबुलेंस। नागपुर-जबलपुर हाइवे पर गुजरते लोग बस तमाशा देखते रहे। अमित मदद के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने भी इंसानियत दिखाने की कोशिश नहीं की।

मजबूरी और प्रेम का अनोखा फैसला

जब कोई मदद के लिए आगे नहीं आया तो अमित ने एक ऐसा कदम उठाया जो किसी का भी दिल पिघला दे। उसने अपनी पत्नी के शव को बाइक के पीछे बांधा और चुपचाप घर की ओर निकल पड़ा। राहगीरों के लिए यह दृश्य दिल दहला देने वाला था—एक पति, अपनी पत्नी के निर्जीव शरीर को साथ लेकर, नागपुर-जबलपुर हाइवे पर सफर करता हुआ।

पुलिस की कार्रवाई और सच का खुलासा

एसपी ग्रामीण हर्ष ए. पोड्डार के अनुसार, पुलिस को खुमारी टोल नाके के पास अमित के बारे में सूचना मिली। जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो वह नहीं रुका। पीछा करने पर पता चला कि उसके साथ क्या त्रासदी हुई है। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज करने की बात कही।

संवेदनहीनता पर बड़े सवाल

यह घटना न सिर्फ नागपुर-जबलपुर हाइवे पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि हमारे समाज की संवेदनहीनता को भी उजागर करती है। सड़क पर हादसे के बाद लोग मदद करने की बजाय मोबाइल से वीडियो बनाना ज़्यादा जरूरी समझते हैं। अगर समय पर मदद मिल जाती, तो शायद कुछ बदल सकता था।

सड़क हादसों का बढ़ता खतरा

नागपुर-जबलपुर हाइवे पहले भी कई भीषण हादसों का गवाह रह चुका है। तेज़ रफ्तार, भारी वाहनों की लापरवाही और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी इन हादसों के बड़े कारण हैं। स्थानीय प्रशासन को न केवल यातायात नियंत्रण के सख्त कदम उठाने होंगे, बल्कि हाइवे पर त्वरित चिकित्सा सुविधा भी सुनिश्चित करनी होगी।

इंसानियत की सीख

अमित और ज्ञारसी की यह दर्दनाक कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। नागपुर-जबलपुर हाइवे पर हुई इस घटना ने दिखा दिया कि आधुनिकता के दौर में हम इंसानियत के बुनियादी मूल्यों से कितने दूर हो गए हैं। किसी की मदद करना अब अपवाद बनता जा रहा है, जबकि यह हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

नागपुर-जबलपुर हाइवे पर हुआ यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि इंसानियत के गिरते स्तर का आईना है। अमित की मजबूरी और पत्नी के प्रति उसका प्रेम इस घटना का मानवीय पहलू है, जबकि भीड़ की उदासीनता हमारे समाज की सबसे बड़ी विफलता। अगर इस घटना से हम संवेदनशील नहीं होते, तो शायद कल हममें से कोई इसी तरह मदद के इंतजार में रह जाएगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *