हाइलाइट्स
- Mutah Nikah अब हैदराबाद में नाबालिगों के यौन शोषण और महिला तस्करी का साधन बन चुका है।
- मासिक धर्म शुरू होते ही गरीब लड़कियों को ‘शेखों’ के हाथों बेचने का चलन हो गया है आम।
- दलाल और एजेंट खुलेआम करते हैं सौदे, सोशल मीडिया और व्हाट्सएप से होती है पूरी प्रक्रिया।
- कई लड़कियों को बार-बार कुंवारी साबित करने के लिए किए जाते हैं ऑपरेशन।
- धर्म की आड़ में चल रहा यह ‘Mutah Nikah’ अब बन चुका है बहु-अरब डॉलर का अवैध बाजार।
हैदराबाद की गलियों में ‘Mutah Nikah’ बना मासूमियत का कब्रगाह
अमीर शेख, भूखे पेट और मासिक धर्म के बाद बिकती ज़िंदगियाँ
हैदराबाद की पुरानी बस्तियों की तंग गलियों में आजकल एक सन्नाटा पसरा है—पर यह सन्नाटा असल में शोर है मासूम लड़कियों की चीखों का, जिन्हें सुना नहीं जाता। यहां एक पूरा ‘विवाह उद्योग’ खड़ा हो गया है, जिसे दुनिया Mutah Nikah के नाम से जान रही है।
Mutah Nikah, एक ऐसा धार्मिक प्रावधान जो कभी अस्थायी विवाह की भावना से शुरू हुआ था, आज महिला तस्करी और यौन शोषण का सबसे बड़ा हथियार बन गया है।
क्या है Mutah Nikah?
इस्लामी परंपरा या आधुनिक गुलामी?
Mutah Nikah इस्लाम में एक “कॉंट्रैक्ट मैरिज” है, जिसे शिया मुसलमानों में अस्थायी विवाह के रूप में स्वीकार किया गया है। इसमें दोनों पक्ष कुछ समय के लिए विवाह में बंधते हैं, जिसमें तलाक की आवश्यकता नहीं होती।
लेकिन हैदराबाद में यह व्यवस्था अब महज धार्मिक प्रथा नहीं रह गई है, यह एक संगठित अपराध में बदल चुकी है।
पीड़िताओं की दर्दनाक कहानी
“अंकल गोद में बिठाते थे… फिर एक दिन शादी हो गई”
शबाना (परिवर्तित नाम) की कहानी ऐसी है, जो किसी भी माता-पिता को झकझोर सकती है। जैसे ही उसे मासिक धर्म शुरू हुआ, उसकी शादी कर दी गई। शादी एक विदेशी शेख से हुई, जो पहले से उसके घर आता-जाता था और उसे “अंकल” कहा करता था।
शादी के बाद उसे होटल ले जाया गया जहां 15 दिनों तक उसका लगातार यौन शोषण हुआ। विरोध करने पर उसे धमकाया गया और जब वह गर्भवती हुई, तब गर्भपात कराने की कोशिश की गई जो असफल रही।
एजेंटों का खुला खेल
दलालों के पास है लड़कियों की लिस्ट, शेखों से तय होती है कीमत
Mutah Nikah अब सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि एक वाणिज्यिक उत्पाद बन गया है। एजेंट पहले से जानते हैं कि किस घर में गरीब बच्चियाँ हैं, जिन्हें पैसों के लालच में बेचा जा सकता है।
वे शेखों को मेडिकल वीजा पर बुलाते हैं, लड़कियों की तस्वीरें भेजते हैं, फिर ऑनलाइन ‘निकाह’ किया जाता है और कुछ घंटों में ही लड़की उनके हवाले कर दी जाती है।
ब्यूटी पार्लर से लेकर व्हाट्सएप तक: आधुनिक निकाह उद्योग
WhatsApp पर होती है शर्तें तय, होटल रजिस्ट्रेशन नहीं होता
इस अवैध शादी उद्योग की प्रक्रिया आज तकनीक के भरोसे चलती है। तस्वीरें भेजने से लेकर Mutah Nikah की तारीख तय करने तक, सब कुछ व्हाट्सएप पर होता है।
कई बार लड़कियों को ब्यूटी पार्लर में तैयार किया जाता है और होटल ले जाया जाता है, जहां बिना किसी पहचान पत्र के शेख उन्हें ले जाते हैं।
कौमार्य प्रमाणपत्र और सर्जरी का काला सच
बार-बार कुंवारी साबित करने की मजबूरी
शेखों की पहली डिमांड होती है कि लड़की कुंवारी हो। इसके लिए एजेंट कौमार्य प्रमाणपत्र दिलवाते हैं, जो अक्सर फर्जी होते हैं।
कुछ लड़कियाँ फिटकरी का इस्तेमाल करती हैं, जबकि कुछ बार-बार सर्जरी कराकर खुद को शुद्ध साबित करने की कोशिश करती हैं।
Mutah Nikah से बना करोड़ों का उद्योग
एक शेख की कीमत—₹25,000 से ₹1 लाख तक
इस पूरे कारोबार में हर शेख ₹25,000 से लेकर ₹1 लाख तक खर्च करता है। लड़की के परिवार को थोड़े पैसे मिलते हैं और बाकी पैसा एजेंट और दलालों की जेब में जाता है।
यह ऐसा बाजार बन चुका है जहां लड़की की उम्र, रंग, और वजन के हिसाब से उसका रेट तय होता है।
महिलाओं के खिलाफ यह अपराध क्यों बनता जा रहा है सामान्य?
“धार्मिक शीलता” की आड़ में समाज की चुप्पी
हैरानी की बात यह है कि इस घिनौने कृत्य पर न तो समाज सवाल उठाता है, न ही कोई सरकारी कार्रवाई होती है। Mutah Nikah को धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर स्वीकार किया जा रहा है।
लड़कियों के परिवार, जो कभी माता-पिता कहलाते थे, अब दलालों से भी बदतर हो गए हैं—अपनी बेटियों को बेचने में कोई हिचकिचाहट नहीं।
सरकार और कानून की नाकामी
कड़ी सजा क्यों नहीं?
इस पूरे मुद्दे पर अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न तो POCSO एक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही मानव तस्करी के कानूनों को लागू किया जा रहा है।
हालांकि कुछ NGOs ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं, पर उनकी सुनवाई में देरी हो रही है।
अब क्या करें?
समाधान की ओर कुछ कदम
- Mutah Nikah के नाम पर हो रहे यौन शोषण को IPC और POCSO एक्ट के तहत अपराध घोषित किया जाना चाहिए।
- सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर निगरानी बढ़ानी चाहिए।
- बस्ती स्तर पर महिला सुरक्षा नेटवर्क और सहायता केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए।
- स्कूलों और मदरसों में यौन शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि लड़कियाँ खुद को जागरूक बना सकें।
Mutah Nikah के नाम पर हैदराबाद की बच्चियाँ अपना बचपन और सम्मान दोनों खो रही हैं। धर्म की आड़ में चल रहा यह अपराध अब और सहन नहीं किया जा सकता। देश की न्याय व्यवस्था, समाज और सरकार को मिलकर इस कुकृत्य के खिलाफ खड़ा होना होगा।