हाइलाइट्स
- मुस्लिम महिला ने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग कर पूरे मामले का सबूत जुटाया।
- रेडियोलॉजिस्ट जयकुमार पर स्कैनिंग प्रक्रिया के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप।
- धमकियाँ और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल, विरोध करने पर जान से मारने की चेतावनी।
- पीड़िता ने अनेकल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई।
- पुलिस द्वारा सिर्फ पूछताछ के बाद आरोपी को छोड़ देने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश।
अनेकल में एक मुस्लिम महिला के साथ मेडिकल स्कैनिंग प्रक्रिया के दौरान हुए कथित यौन उत्पीड़न ने पूरे इलाके में नाराजगी और भय का माहौल पैदा कर दिया है। मामला न सिर्फ घटना की गंभीरता बल्कि पुलिस की प्रारंभिक प्रतिक्रिया को लेकर भी सवालों के घेरे में है। पीड़िता, जो अपने पति के साथ एक निजी स्कैनिंग सेंटर गई थी, वहां उसे उस व्यक्ति से ऐसा व्यवहार मिला जिसकी वह एक चिकित्सा पेशेवर के रूप में सम्मान और भरोसा करती थी।
स्कैनिंग रूम में क्या हुआ – मुस्लिम महिला का दर्दनाक बयान
पीड़िता मुस्लिम महिला के अनुसार, जब वह अत्यधिक पेट दर्द के चलते स्कैन कराने पहुंची, तो उसने उम्मीद की थी कि उसे उचित चिकित्सा सहायता मिलेगी। लेकिन परख कक्ष में अकेले होने का फायदा उठाकर आरोपी रेडियोलॉजिस्ट जयकुमार ने न केवल पेशेवर सीमाओं का उल्लंघन किया, बल्कि कथित तौर पर उसके हाथ और बाद में उसके निजी अंगों को गलत तरीके से छूना शुरू कर दिया।
स्कैन की आड़ में उत्पीड़न का आरोप
पीड़िता ने बताया कि स्कैन मशीन की सेटिंग्स को ठीक करने के नाम पर जयकुमार ने पहले उसके हाथों को पकड़ा और फिर धीरे-धीरे व्यक्तिगत अंगों को छूना शुरू कर दिया। मुस्लिम महिला ने विरोध किया, लेकिन आरोप है कि आरोपी ने उसे डांटते हुए चुप रहने को कहा।
धमकियाँ और भाषा जो चिकित्सा पेशे से मेल नहीं खाती
रिपोर्ट्स के अनुसार, जब मुस्लिम महिला ने अपनी असहमति जताई, तो आरोपी ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया और कहा कि यदि उसने यह बात किसी को बताई, तो उसे जान से मार दिया जाएगा। यह धमकी पीड़िता को अंदर तक हिला देने वाली थी।
मुस्लिम महिला का साहस – रिकॉर्डिंग बनी सबसे बड़ा सबूत
ऐसी स्थिति में भी उस मुस्लिम महिला ने जबरदस्त हिम्मत दिखाई। सदमे में होने के बावजूद उसने अपने मोबाइल फोन को छिपाकर आरोपित हरकतों को रिकॉर्ड कर लिया। वीरता से भरी यह रिकॉर्डिंग अब केस की मुख्य कड़ी बन चुकी है।
पति के साथ पुलिस स्टेशन पहुँची पीड़िता
घर लौटते ही मुस्लिम महिला ने बिना समय गंवाए अपने पति को पूरी घटना बताई और दोनों तुरंत अनेकल पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां उसने दर्जनों सवालों और भय के बावजूद एफआईआर दर्ज करवाई।
पुलिस ने क्यों छोड़ा आरोपी को? जनता में उठे सवाल
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आरोपी रेडियोलॉजिस्ट को गिरफ्तार नहीं किया। उसे सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया और फिर वापस जाने दिया गया। यह कदम स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में गुस्से की सबसे बड़ी वजह बन गया है।
महिला सुरक्षा पर समझौता?
एक मुस्लिम महिला के कथित यौन उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मामले में आरोपी को तुरंत गिरफ्तार न करना पुलिस की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
कई लोग यह कहते दिखे कि:
- क्या आरोप गंभीर नहीं थे?
- क्या सबूतों को नजरअंदाज किया गया?
- क्या आरोपी को बचाने की कोशिश की जा रही है?
समुदाय में बढ़ता आक्रोश
अनेकल क्षेत्र में रहने वाली कई महिलाओं ने यह चिंता जताई कि जब एक मुस्लिम महिला व ऐसी हिम्मती पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा, तो बाकी महिलाओं का क्या होगा? कुछ संगठनों ने पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है।
लोकेशन : अनेकल,बेंगलुरु,कर्नाटक
दिनांक : 12 नवंबर
बेहद शर्मनाक !मुस्लिम महिला का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने सिर्फ पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
जयकुमार नाम के एक रेडियोलॉजिस्ट ने एक निजी केंद्र में मेडिकल स्कैन के दौरान एक मुस्लिम महिला का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न… pic.twitter.com/aC35nNc7GA
— The Muslim (@TheMuslim786) November 15, 2025
स्कैनिंग सेंटर की भूमिका भी जांच के घेरे में
मामला केवल आरोपी तक सीमित नहीं है। जिस निजी स्कैनिंग सेंटर में यह घटना हुई, उसकी भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए थी।
क्या सेंटर के पास उचित निगरानी साधन थे?
स्कैनिंग सेंटर में:
- कोई CCTV मौजूद था या नहीं?
- मरीजों के अकेले होने पर क्या सुरक्षा के नियम लागू होते थे?
- क्या केंद्र के कर्मचारियों को इस तरह की शिकायतों की प्रशिक्षण प्रक्रिया दी गई थी?
यह सवाल अब प्रशासन से जोर पकड़ रहे हैं।
मुस्लिम महिला की सुरक्षा और न्याय – आगे की राह
पीड़िता ने कहा है कि वह मामला पीछे नहीं हटाएगी। वह चाहती है कि आरोपी को कानून के तहत कड़ी सजा मिले ताकि किसी और मुस्लिम महिला या किसी भी महिला को यह सब न झेलना पड़े।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि:
- आरोप गंभीर श्रेणी में आते हैं।
- सबूत मौजूद हैं (रिकॉर्डिंग)।
- गिरफ्तारी टालने का कोई औचित्य नहीं।
उनका कहना है कि पुलिस चाहे तो तुरंत कार्रवाई कर सकती है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
कई महिला सुरक्षा समूहों ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और मुस्लिम महिला को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
कुछ समूहों ने कहा कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि चिकित्सा पेशे में भरोसे पर बड़ा हमला है।
मुस्लिम महिला के साहस ने उजागर की बड़ी खामियाँ
यह मामला सिर्फ एक मुस्लिम महिला के यौन उत्पीड़न का नहीं, बल्कि प्रणाली की खामियों का गंभीर उदाहरण है।
जहां एक ओर पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए सबूत एकत्र किए, वहीं दूसरी ओर आरोपी का आसानी से छूट जाना व्यवस्था के प्रति अविश्वास को और बढ़ाता है।
अब सबकी नजरें पुलिस और प्रशासन पर हैं कि वे आगे क्या कदम उठाते हैं।
क्या पीड़िता को न्याय मिलेगा?
क्या आरोपी को बचाने की कोशिश खत्म होगी?
क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नीति बनेगी?
यह समय है कि व्यवस्था जवाब दे और जिम्मेदारी निभाए