हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश के युवक ने बेंगलुरु में गर्भवती पत्नी की हत्या कर दी, शक बना जानलेवा वजह
- पड़ोसियों की शिकायत पर जब खुला दरवाज़ा, तो कमरे में मिला सड़ा हुआ शव
- हत्या के बाद भी आरोपी ने दो दिन तक शव के पास खाया-पीया और काम पर गया
- छह महीने पहले प्रेम विवाह किया था, लेकिन लगातार झगड़े हो रहे थे
- पुलिस जांच में बेवफाई के शक से जुड़ा एंगल आया सामने, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
कर्नाटक की राजधानी में हुआ दिल दहला देने वाला अपराध
बेंगलुरु से एक गर्भवती पत्नी की हत्या की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर को दहला दिया है। यह मामला न केवल एक हत्या की कहानी है, बल्कि उसमें छिपी सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक जटिलताओं को भी उजागर करता है। घटना का मुख्य आरोपी शिवम उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का रहने वाला है और उसने अपनी पत्नी सुमना की हत्या कर दी, जो तीन महीने की गर्भवती थी।
पांच महीने पहले शिफ्ट हुए थे बेंगलुरु
प्रेम विवाह बना कलह की जड़
शिवम और सुमना की प्रेम कहानी करीब पांच साल पहले शुरू हुई थी। दोनों ने छह महीने पहले परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की थी। इसके बाद दोनों बेंगलुरु में किराए के मकान में रहने लगे। लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद से दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिवम अक्सर अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या की आशंका जताते हुए कहता था कि वह उस पर बेवफाई का शक करता है।
कैसे हुआ खुलासा? बदबू बनी सुराग
पड़ोसियों ने दी पुलिस को जानकारी
घटना का खुलासा तब हुआ जब पड़ोसियों ने घर से बदबू आने की शिकायत की। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि कमरे में 22 वर्षीय सुमना का शव पड़ा था। उसकी नाक से खून बह रहा था और शरीर सड़ने लगा था। मौके पर शराब की खाली बोतलें और बचा हुआ खाना भी मिला, जिससे पुलिस को संदेह हुआ कि हत्या के बाद भी आरोपी दो दिन तक उसी घर में रहा।
आरोपी शिवम पेशे से पेंटर, लेकिन मानसिक रूप से अस्थिर?
शिवम पेशे से एक पेंटर है और बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में काम करता है। घटना के वक्त वह रोज़ाना काम पर जाता रहा, मानो कुछ हुआ ही न हो। सोमवार रात दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। शिवम का दावा है कि वह अलग कमरे में सो गया और जब सुबह सुमना नहीं जागी, तो उसने खुद खाना बनाया और चला गया। अगले दिन भी वही क्रम दोहराया गया।
पुलिस जांच में क्या सामने आया?
हत्या या दुर्घटना? जांच के कई मोड़
पुलिस फिलहाल मामले की बारीकी से जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्ट्स में शव पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई, लेकिन नाक से खून बहने के कारण दम घुटने या अंदरूनी चोट की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने हत्या के लिए IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधिकारी ने क्या कहा?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा:
“यह मामला सिर्फ गर्भवती पत्नी की हत्या का नहीं है, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति की मानसिक स्थिति को दर्शाता है जो शक और अविश्वास में जी रहा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सही कारण सामने आएगा।”
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
पुलिस फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है ताकि यह साफ हो सके कि सुमना की मौत कैसे हुई। क्या यह दम घुटने से हुई? क्या उसे कोई ज़हर दिया गया? या फिर यह हत्या सिर्फ मानसिक प्रताड़ना और मारपीट के चलते हुई? इन सभी सवालों के जवाब रिपोर्ट आने के बाद मिलेंगे।
समाज में क्या संदेश?
यह घटना केवल गर्भवती पत्नी की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या हम रिश्तों में संदेह और मानसिक तनाव को पहचान पा रहे हैं? क्या प्रेम विवाह करने वाले युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल रहा है? क्या मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा रहा है?
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर हत्या करता है, तो उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इसके अलावा, अगर पीड़िता गर्भवती पत्नी हो, तो यह एक गंभीर अपराध माना जाता है और आरोपी को कड़ी सजा मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
बेंगलुरु में हुई यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर, बल्कि हमारे समाजिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े करती है। एक युवक, जो पांच साल तक प्यार में था, वही शक के चलते गर्भवती पत्नी की हत्या कर देता है। यह मामला दर्शाता है कि रिश्तों में संवाद की कमी, मानसिक अस्थिरता और सामाजिक दबाव कैसे एक खूबसूरत संबंध को अपराध में बदल सकते हैं।