छोटी सी बात पर मां ने ले ली अपने ही लाल की जान! ढाई महीने के मासूम की हत्या की कहानी सुनकर कांप उठे लोग

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हाइलाइट्स :

  • रीवा जिले में “Mother Murdered Baby” केस का दो साल बाद हुआ चौंकाने वाला खुलासा
  • मां ने बेटे की बीमारी से मौत की झूठी कहानी गढ़कर सबको गुमराह किया
  • पति को पत्नी पर शक था, मोबाइल रिकॉर्डिंग से हुआ बड़ा राज़ उजागर
  • पुलिस ने एफएसएल जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अपराध साबित किया
  • पति की जिद और संघर्ष ने बेटे को दिलाया न्याय, आरोपी मां को भेजा गया जेल

मध्य प्रदेश के रीवा से हिला देने वाली खबर: मासूम की हत्या के पीछे थी मां की ईर्ष्या

मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक मां ने अपने ही ढाई माह के बेटे की गला दबाकर निर्ममता से हत्या कर दी और दो वर्षों तक इस क्रूर सच को छुपाए रखा। “Mother Murdered Baby” केस में अब जाकर पुलिस ने सच्चाई सामने लाई है।

 हत्या की घटना: बीमारी नहीं, मां के हाथों मारा गया मासूम

घटना कहां और कब हुई?

यह दर्दनाक घटना 6 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगंवा थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। आरोपी महिला प्रिया गुप्ता ने अपने ढाई माह के मासूम बेटे लक्ष्य उर्फ धैर्य गुप्ता की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने पूरे परिवार और समाज को यही बताया कि बच्चा बीमार था और उसी कारण उसकी मृत्यु हो गई।

पति को था संदेह, जुटाए गए सबूतों से टूटा झूठ का पर्दा

मासूम की मौत के बाद भी पिता प्रकाश गुप्ता इस घटना से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें पत्नी प्रिया पर लगातार संदेह बना रहा। उन्होंने थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर लगाए और सबूत जुटाने की कोशिश जारी रखी।

प्रकाश को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग हाथ लगी, जिसमें प्रिया ने खुद अपने बेटे की हत्या की बात कबूल की थी। यही रिकॉर्डिंग “Mother Murdered Baby” केस का सबसे बड़ा सुराग बनी।

एफएसएल जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई पुष्टि

इस ऑडियो क्लिप को प्रकाश ने पुलिस को सौंपा, जिसके बाद इसे एफएसएल भोपाल भेजा गया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि यह आवाज प्रिया की ही है। साथ ही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबाने की पुष्टि हुई। इन दोनों सबूतों ने केस को नया मोड़ दे दिया।

मां ने क्यों की अपने बच्चे की हत्या?

पति पर शक बना मौत की वजह

पुलिस पूछताछ में प्रिया गुप्ता ने कबूल किया कि उसे अपने पति पर किसी अन्य महिला से अवैध संबंध का शक था। घटना वाले दिन उसका पति से इसी बात पर झगड़ा हुआ था। गुस्से में बेकाबू होकर उसने बेटे लक्ष्य को दूध पिलाने के बाद उल्टी करने पर मुंह दबाकर मार डाला। इसके बाद बेटे को कंबल में लपेटकर ऐसे पेश किया जैसे उसकी मौत स्वाभाविक हो।

न्याय की राह में पति की जिद बनी हथियार

प्रकाश गुप्ता ने “Mother Murdered Baby” केस में दो साल की लंबी लड़ाई लड़ी। उन्होंने ना तो पुलिस से हार मानी, ना समाज से। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और आरोपी पत्नी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

बयान दर्ज और कोर्ट में पेशी

प्रिया गुप्ता को गिरफ्तार कर उसका विस्तृत बयान लिया गया। उसने अपना गुनाह कुबूल किया और कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि यह एक पूर्व-नियोजित हत्या नहीं थी, लेकिन गुस्से और मानसिक असंतुलन में की गई क्रूर कार्रवाई थी।

समाज के लिए संदेश: गुस्सा रिश्तों को नष्ट कर सकता है

यह केस केवल एक “Mother Murdered Baby” केस नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को एक संदेश देता है — संदेह और गुस्से में लिया गया कोई भी कदम जीवनभर का पश्चाताप बन सकता है। यदि प्रिया ने उस क्षण स्वयं पर नियंत्रण रखा होता, तो शायद आज लक्ष्य जीवित होता।

मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की जरूरत

इस घटना ने फिर से यह मुद्दा उठाया है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना चाहिए। संदेह, अकेलापन और संवाद की कमी ऐसे जघन्य अपराधों को जन्म देती है। पति-पत्नी के बीच पारदर्शिता और सहयोगात्मक बातचीत ही रिश्तों को बचा सकती है।

 इंसाफ की जीत और अपराध का अंत

रीवा जिले के “Mother Murdered Baby” केस में भले ही न्याय पाने में दो साल लगे हों, लेकिन इस संघर्ष ने यह साबित कर दिया कि सच चाहे जितना भी दबाया जाए, वह एक न एक दिन सामने आ ही जाता है। मासूम लक्ष्य को भले ही खो दिया गया हो, लेकिन उसकी आत्मा को अब शायद शांति मिली होगी।

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