mother and child drowned

“बरसात, बहाव और एक अनसुनी चीख: मां-बेटे की डूबने की घटना के पीछे क्या छुपा है कोई राज़?

Latest News

हाइलाइट्स

  • mother and child drowned केस ने प्रशासन की जलभराव सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल
  • बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ क्षेत्र की हृदयविदारक घटना
  • दो साल का मासूम अपने जीवन की शुरुआत से पहले ही काल का ग्रास बन गया
  • उफनते नाले में फंसी रजनी कोरवा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
  • पहाड़ी कोरवा जनजाति की पीड़ा पर संवेदनहीन तंत्र की चुप्पी

बलरामपुर से सुदीप उपाध्याय की रिपोर्ट

शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के साही टोंगरी गांव में रविवार को mother and child drowned की हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। अपने मायके आमगांव से ससुराल लौट रही रजनी कोरवा (25) अपने दो साल के मासूम बेटे संग उफनते नाले में फंस गई। पानी के तेज बहाव में दोनों बह गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

दर्द से दहला ग्रामीण जनजीवन

मायके से लौट रही थी ससुराल

रजनी कोरवा, जो कि अनुसूचित जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय से ताल्लुक रखती थी, बीते सप्ताह अपने मायके आमगांव गई हुई थी। रविवार को वह अपने दो वर्षीय बेटे के साथ पति किशुन कोरवा के घर साही टोंगरी लौट रही थी। इसी दौरान एक तेज बहाव वाले नाले को पार करते वक्त वह बीच में ही फंस गई। Mother and child drowned की इस घटना को देखकर ग्रामीणों में कोहराम मच गया।

मदद के लिए चीखती रही महिला

स्थानीय लोगों के अनुसार, रजनी नाले के बीच में कई मिनट तक अपने बेटे को सीने से लगाए मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन तब तक पानी का बहाव इतना तेज हो चुका था कि कोई भी उसमें घुसने की हिम्मत नहीं कर सका। पानी ने दोनों को बहा दिया।

पुलिस ने निकाले शव, ग्रामीणों में रोष

शंकरगढ़ पुलिस का बयान

सूचना मिलते ही शंकरगढ़ थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। घंटों की तलाश के बाद पुलिस और ग्रामीणों ने मां-बेटे के शव को बरामद किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। Mother and child drowned केस की जांच शुरू कर दी गई है।

प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। क्षेत्र में हर वर्ष बारिश के दौरान यही नाला उफनता है, लेकिन कोई पुल या अस्थायी व्यवस्था अब तक नहीं की गई। यह घटना प्रशासन की संवेदनहीनता का उदाहरण बन गई है।

जनजातीय समुदाय की अनदेखी

पहाड़ी कोरवा समाज की दहाड़

रजनी कोरवा जिस समुदाय से आती थी, वह पहाड़ी कोरवा आदिवासी समाज का हिस्सा है जो पहले से ही शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। Mother and child drowned जैसी घटनाएं इन समुदायों की हाशिये पर पड़ी स्थिति को और उजागर करती हैं।

दोहरी पीड़ा – गरीबी और उपेक्षा

रजनी के पति किशुन कोरवा खेतिहर मजदूर हैं। उनके पास इतने संसाधन नहीं कि वे पक्की सड़क या सुरक्षित मार्ग का इंतजार कर पाते। इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ा है, बल्कि प्रशासन की आदिवासी क्षेत्रों के प्रति उदासीन नीति को भी उजागर किया है।

सोशल मीडिया पर उमड़ा दुख

वायरल हुआ घटना का वीडियो

मौके पर मौजूद किसी ग्रामीण ने रजनी कोरवा की मदद की पुकार का वीडियो बना लिया, जिसमें वह अपने बच्चे को बचाने की कोशिश करती दिख रही है। यह वीडियो वायरल हो चुका है और mother and child drowned ट्रेंड करने लगा है।

लोगों ने उठाई जवाबदेही की मांग

सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन की खिंचाई करते हुए पूछा है कि आखिर कब तक ऐसे गरीब, वंचित वर्ग के लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे और सरकारें चुपचाप तमाशा देखती रहेंगी।

अब क्या?

पुल निर्माण की मांग तेज

घटना के बाद ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में मांग की है कि साही टोंगरी और आमगांव को जोड़ने वाले इस नाले पर जल्द से जल्द पुल बनाया जाए। Mother and child drowned जैसे हादसों को रोकने के लिए यह जरूरी है।

मृतकों को मुआवजा देने की घोषणा

बलरामपुर जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ मुआवजा नहीं, ठोस कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में कोई और मां अपने बच्चे को यूं न खो दे।

 कब जागेगा सिस्टम?

एक मां अपने बच्चे को सीने से लगाए बह गई, और हम सिर्फ मुआवजा देकर खुद को संतुष्ट कर रहे हैं। Mother and child drowned जैसे हादसे तब तक नहीं रुकेंगे जब तक सिस्टम जवाबदेह नहीं बनता। आदिवासी समाज, गरीब किसान, मजदूर – ये सब हमारे समाज का हिस्सा हैं, लेकिन जब भी कोई त्रासदी आती है, सबसे पहले यही वर्ग शिकार बनता है। यह घटना केवल बलरामपुर की नहीं, पूरे देश की चेतावनी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *