Mock Drill in India

क्या यह युद्ध की दस्तक है ? पूरे भारत में शुरू हुई Mock Drill in India, 244 जिलों में मचा हड़कंप

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हाइलाइट्स

  • Mock Drill in India को लेकर पूरे देश में सुरक्षा अभ्यास की व्यापक तैयारी।
  • देश के 244 जिलों में युद्ध जैसी स्थिति के लिए मॉक ड्रिल आयोजित।
  • नागरिकों को हवाई हमलों से सुरक्षा के उपाय सिखाए जाएंगे।
  • स्कूल छात्रों, बुजुर्गों और युवाओं को शामिल किया जाएगा।
  • गृहमंत्रालय ने राज्यों को कंट्रोल रूम, ब्लैकआउट और बचाव योजनाओं की समीक्षा के निर्देश दिए।

देशभर में मॉक ड्रिल शुरू: नागरिक सुरक्षा के लिए Mock Drill in India का व्यापक अभ्यास

नई दिल्ली। पहलगाम में हाल ही में हुई धर्म-आधारित हिंसक घटनाओं के बाद भारत ने आतंकी हमलों की संभावनाओं को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। Mock Drill in India के तहत आज से देशभर के 244 जिलों में व्यापक स्तर पर सैन्य और नागरिक सुरक्षा से जुड़े अभ्यास शुरू हो गए हैं। यह अभ्यास देश के कोने-कोने—कश्मीर से केरल और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक—में आयोजित किया जा रहा है।

244 जिलों में मॉक ड्रिल: युद्ध की तैयारी या सख्त संदेश?

गृहमंत्रालय द्वारा चिन्हित 244 जिलों में Mock Drill in India के माध्यम से हवाई हमलों की आशंका और उनसे निपटने की रणनीति का परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान सायरन बजाकर जनता को सतर्क किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि सूचना कितनी तेजी से जिला प्रशासन तक पहुँचती है।

एयरफोर्स और रेडियो संचार प्रणाली की सक्रियता की होगी जांच

इस अभ्यास के तहत भारतीय वायुसेना की भूमिका को भी मजबूत किया गया है। सभी चिन्हित जिलों में हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम की स्थिति की जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति में सटीक और शीघ्र संवाद स्थापित हो सके।

छात्रों और बुजुर्गों को हवाई हमलों से सुरक्षा की विशेष ट्रेनिंग

Mock Drill in India के तहत नागरिकों को जागरूक और प्रशिक्षित करने पर विशेष बल दिया गया है। सिविल डिफेंस वालेंटियर्स, एनसीसी और एनएसएस कैडेट्स द्वारा खासकर छात्रों और बुजुर्गों को हवाई हमले की स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें, इसकी व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है।

नागरिक सहभागिता से होगा व्यापक प्रभाव

गृह मंत्रालय के अनुसार इस अभ्यास में स्थानीय युवा, स्कूल और कॉलेज के छात्र भी भाग ले रहे हैं, जिससे इस प्रयास को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मॉक ड्रिल केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न रह जाए, बल्कि यह लोगों की मानसिक और शारीरिक तैयारी का हिस्सा बने।

इमरजेंसी सेवाओं की भी हो रही परीक्षा

Mock Drill in India केवल हवाई हमलों तक सीमित नहीं है। इसमें फायर ब्रिगेड, अस्पतालों और राहत सेवाओं की तत्परता की भी जांच की जा रही है। घायल व्यक्तियों को कैसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए और समय रहते चिकित्सा सुविधा कैसे उपलब्ध कराई जाए, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

ब्लैकआउट की तैयारी भी शामिल

रात के समय अगर हवाई हमला होता है तो जिला प्रशासन को बिजली आपूर्ति रोकने यानी ब्लैकआउट करने की भी तैयारी जांची जाएगी। इससे शत्रु पक्ष की निगरानी और हमला करने की योजना को विफल किया जा सके।

1971 के बाद पहली बार इतना व्यापक नागरिक मॉक ड्रिल

भारत ने 1971 के युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए Mock Drill in India का आयोजन किया है। भले ही 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था, लेकिन वह एक सीमित क्षेत्र में था। अबकी बार गृह मंत्रालय पूरे देश को मानसिक और रणनीतिक रूप से तैयार कर रहा है।

सिविल डिफेंस को किया जा रहा है मजबूत

2010 से ही सिविल डिफेंस को मजबूती देने का प्रयास किया जा रहा है। 259 जिलों में नागरिक सुरक्षा प्रणाली की नींव रखी गई थी। 2022 में हरियाणा के सुरजकुंड में हुए चिंतन शिविर में यह तय किया गया था कि सिविल डिफेंस को युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए हमेशा तैयार रखा जाएगा।

राज्यों को भेजे गए सख्त निर्देश

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि मॉक ड्रिल को गंभीरता से लें और प्रत्येक गतिविधि का दस्तावेजीकरण करें। साथ ही, मॉक ड्रिल के दौरान आए तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनों की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाए ताकि भविष्य में उन्हें दूर किया जा सके।

क्या यह सैन्य कार्रवाई की शुरुआत है?

विशेषज्ञों का मानना है कि Mock Drill in India केवल अभ्यास नहीं, बल्कि आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए एक चेतावनी भी है। यह भारत की उस रणनीति का हिस्सा हो सकता है जो आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी का संकेत देती है।

Mock Drill in India एक व्यापक रणनीतिक पहल है, जो न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाती है, बल्कि आम नागरिकों को भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार करती है। यह भारत की सैन्य और नागरिक तैयारी का एक अभूतपूर्व उदाहरण है, जो आने वाले समय में देश की सुरक्षा संरचना को और मजबूत बनाएगा।

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