हाइलाइट्स
- Miracle survival: तीसरी मंज़िल से गिरते वक़्त बच्ची को हवा में पकड़कर बचाया गया
- मां की गैरमौजूदगी में बच्ची खेलते हुए खिड़की से लटक गई थी
- नीचे खड़े लोगों ने देखा तो मच गया शोर, एक शख़्स ने जान की परवाह किए बिना लगाई छलांग
- हादसे के बाद पूरे मोहल्ले में दौड़ गई राहत की लहर, लोग बोले – “भगवान ने भेजा फ़रिश्ता”
- एक्सपर्ट्स ने कहा – ऐसी घटनाएं बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी हैं
तीसरी मंज़िल से गिरती बच्ची और miracle survival की सच्ची कहानी
पुणे के बाणेर इलाके में सोमवार दोपहर उस समय सनसनी मच गई जब एक चार साल की मासूम बच्ची खेलते-खेलते तीसरी मंज़िल की खिड़की से बाहर लटक गई। घर में उस समय उसकी मां मौजूद नहीं थीं। पड़ोसियों के अनुसार, बच्ची अकेले घर में खेल रही थी और खिड़की के पास बनी जाली टूटी हुई थी। खेलते-खेलते जैसे ही बच्ची का संतुलन बिगड़ा, वो खिड़की से लटक गई। कुछ ही पलों में उसकी पकड़ छूटी और वह नीचे गिरने लगी। लेकिन जो हुआ, वह किसी miracle survival से कम नहीं था।
एक आम इंसान बना बच्ची का रक्षक
नीचे खड़े लोगों ने जैसे ही बच्ची को खिड़की से लटकते देखा, चीख-पुकार मच गई। इसी बीच, एक युवक, जिसका नाम प्रतीक मोहिते बताया जा रहा है, बिना समय गंवाए दौड़ा और ठीक उस समय बच्ची को कैच कर लिया जब वह ज़मीन से कुछ ही फीट दूर थी।
प्रतीक की यह बहादुरी ना केवल एक बच्ची की जान बचा गई, बल्कि पूरे मोहल्ले के लिए वह एक ‘फ़रिश्ता’ बन गया। बच्ची की miracle survival की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है और लोग प्रतीक की तारीफों के पुल बाँध रहे हैं।
CCTV में कैद हुआ बच्ची का miracle survival
यह पूरी घटना पास की एक इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्ची खिड़की से नीचे गिर रही है और तभी एक युवक दौड़ते हुए आता है और उसे पकड़ लेता है। वीडियो मात्र कुछ सेकंड्स का है, लेकिन उन सेकंड्स में ज़िंदगी और मौत का फासला था।
वीडियो के वायरल होते ही ‘miracle survival’ सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। यूज़र्स ने लिखा – “कुछ सेकंड की देरी होती तो ये पोस्ट श्रद्धांजलि होती।”
बच्ची सुरक्षित, मगर भावनात्मक रूप से आहत
बच्ची को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया। हालांकि वह भावनात्मक रूप से डरी हुई थी और कुछ समय के लिए सदमे में रही। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा – “यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। बच्ची के शरीर पर कोई गंभीर चोट नहीं है। यह एक परफ़ेक्ट miracle survival है।”
मां की गैरमौजूदगी और सुरक्षा में चूक
बच्ची की मां बाजार गई हुई थीं और बच्ची को घर में अकेला छोड़ गई थीं। ये भी पता चला है कि खिड़की की ग्रिल कई दिनों से टूटी हुई थी। ये लापरवाही लगभग एक बड़े हादसे को न्यौता दे रही थी।
पुणे पुलिस ने मां को चेतावनी दी है और कहा है कि बच्चों को कभी भी बिना निगरानी के नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हालांकि इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसी लापरवाहियों की कीमत बहुत भारी हो सकती है।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेषज्ञों की सलाह
बच्चों के लिए घर को सुरक्षित बनाएं
बच्चों की सुरक्षा विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक डॉ. निधि कुलकर्णी ने कहा –
“इस घटना में जो हुआ वह भले ही miracle survival हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम लापरवाह रहें। खिड़की, बालकनी और सीढ़ियां बच्चों के लिए जोखिमपूर्ण होती हैं। ऐसे स्थानों पर सुरक्षा जाल, लॉक और सेंसर ज़रूर लगाएं।”
सोशल मीडिया पर भावुक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब आ गया। एक यूज़र ने लिखा –
“वो बच्ची नहीं, हमारी उम्मीद थी… और वो उम्मीद बच गई। #MiracleSurvival”
दूसरे यूज़र ने कहा –
“प्रतीक मोहिते को भारत रत्न मिलना चाहिए। उसने जो किया, वो कोई आम इंसान नहीं कर सकता।”
कानून और प्रशासन की ज़िम्मेदारी
पुणे महानगरपालिका (PMC) ने घटना के बाद बाणेर क्षेत्र के सभी अपार्टमेंट्स में सुरक्षा ऑडिट का आदेश दिया है। PMC अधिकारी रमेश वाघ ने कहा –
“इस miracle survival से हम बच गए, लेकिन अगली बार कोई चमत्कार नहीं होगा। हम हर इमारत की सुरक्षा जांच करेंगे।”
सीख: बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें
यह घटना एक चेतावनी है। बच्चों को घर में अकेला छोड़ना या टूटे-फूटे खिड़की-गेट्स को नज़रअंदाज़ करना बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता है। हर माता-पिता को समझना होगा कि कुछ सेकंड की चूक ज़िंदगी बदल सकती है।4 साल की बच्ची की यह miracle survival की घटना बताती है कि चमत्कार केवल फिल्मों में ही नहीं होते, असल ज़िंदगी में भी होते हैं। लेकिन यह चमत्कार हर बार नहीं होता। सावधानी, ज़िम्मेदारी और सजगता ही बच्चों की असली सुरक्षा है। इस एक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और उम्मीद है कि लोग इससे सीख लेंगे।