जब प्यार बना गुनाह: भाई-बहन को दी गई हैवानियत भरी सजा, कंधों पर रखा हल, खेत में बन गए बैल!वायरल वीडियो

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 हाइलाइट्स :

  • Love Punishment का यह मामला ओडिशा के कोरापुट जिले से सामने आया है।
  • दूर के रिश्ते में भाई-बहन को जब हुआ प्यार, गांव वालों ने बना दी सजा की मिसाल।
  • दोनों प्रेमियों के कंधों पर रखा गया हल, खेत में बैल की तरह किया गया जुताई।
  • वीडियो हुआ वायरल, प्रशासन ने लिया संज्ञान, मामले की जांच शुरू।
  • सामाजिक परंपराओं और न्याय के नाम पर दी गई यह सजा मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

गांव की पंचायत या तालिबानी इंसाफ? ओडिशा के कोरापुट में ‘Love Punishment’ ने किया सबको हैरान

ओडिशा के कोरापुट जिले में एक विचित्र और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा है। यहां दूर के रिश्ते में भाई-बहन माने जाने वाले एक युवक और युवती को एक-दूसरे से प्यार हो गया। परंतु गांव की पंचायत ने इस प्रेम कहानी को सामाजिक मर्यादाओं के विरुद्ध मानते हुए एक ऐसी Love Punishment दी, जिसे देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया।

प्रेम का दंड: बैल बनाकर खेत में जुतवाया

घटना कोरापुट जिले के एक आदिवासी गांव की है, जहां 20 वर्षीय युवक और 19 वर्षीय युवती के बीच पिछले कुछ महीनों से प्रेम संबंध थे। जब यह बात गांव के लोगों को पता चली, तो उन्होंने इसे ‘रिश्ते की मर्यादा’ के खिलाफ माना और दोनों को कड़ी सजा देने की ठानी।

स्थानीय लोगों ने मिलकर दोनों के कंधों पर एक हल रख दिया और उन्हें बैल की तरह खेत में जुतवाया। यह पूरी Love Punishment का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे प्रशासन की नींद उड़ गई।

वायरल वीडियो से मचा बवाल, प्रशासन ने शुरू की जांच

वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक और युवती बेहद शर्मिंदा और थके हुए हैं, जबकि गांव के कुछ लोग उन्हें हांकते हुए खेत में हल चलवा रहे हैं। यह दृश्य ना सिर्फ अमानवीय है, बल्कि भारत के संवैधानिक ढांचे और मानवाधिकारों की मूल भावना पर गहरा आघात करता है।

कोरापुट जिला प्रशासन ने वीडियो के वायरल होते ही संज्ञान लेते हुए गांव में जांच दल भेजा है। जिला कलेक्टर का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पंचायत की दलीलें: परंपरा बनाम प्रेम

गांव के सरपंच ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “हमारी परंपराओं के अनुसार, ऐसे रिश्ते समाज में स्वीकार्य नहीं हैं। अगर हम इसे छोड़ देंगे, तो आने वाली पीढ़ियां अनुशासनहीन हो जाएंगी।” हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किस कानून के तहत इस तरह की Love Punishment दी गई।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस तर्क को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि परंपरा के नाम पर किसी को पशुओं जैसा व्यवहार करना न तो वैधानिक है और न ही नैतिक।

Love Punishment के नाम पर सामाजिक प्रताड़ना: क्या यही है न्याय?

यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत के किसी ग्रामीण क्षेत्र में Love Punishment के नाम पर प्रेमियों को सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया गया हो। इससे पहले भी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां गांव की पंचायतों ने प्रेम संबंधों को लेकर तालिबानी फैसले सुनाए।

इस मामले में सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह घटना ना सिर्फ युवाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है, बल्कि मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का भी उदाहरण है।

मनोवैज्ञानिकों की राय: ऐसे सजा से बनता है डर और अपराध की भावना

मनोविज्ञान के विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की Love Punishment युवाओं में आत्मग्लानि, डर और अपराधबोध की भावना पैदा करती है। इसका सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे कई बार आत्महत्या जैसे कदम उठाए जाते हैं।

कानूनी नजरिया: क्या यह अपराध नहीं?

भारतीय दंड संहिता (IPC) के अनुसार, किसी व्यक्ति के साथ जबरन काम करवाना, उसे सामाजिक रूप से अपमानित करना या मानसिक-शारीरिक उत्पीड़न करना एक गंभीर अपराध है। इस मामले में धारा 323 (मारपीट), धारा 342 (अवैध रूप से बंधक बनाना), और धारा 506 (धमकी देना) के अंतर्गत कार्रवाई हो सकती है।

राज्य महिला आयोग ने भी इस Love Punishment को गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान लेने की बात कही है।

सोशल मीडिया पर उठा आक्रोश

जैसे ही यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों ने घटना की आलोचना की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।

कई यूजर्स ने लिखा – “क्या यही है नया भारत? जहां प्यार करने की सजा बैल बनना है?”
एक अन्य यूजर ने लिखा – “यह मानवता की हत्या है, शर्मनाक।”

क्या प्यार करना अब भी अपराध है?

Love Punishment जैसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या 21वीं सदी का भारत अब भी सामाजिक रूढ़ियों से ग्रसित है? क्या आज भी एक युवक और युवती को सिर्फ इसलिए सजा दी जाती है क्योंकि उन्होंने अपनी मर्जी से जीवन साथी चुनने की हिम्मत की?

जब तक भारत में पंचायतों की दखलअंदाजी और सामाजिक जजमेंट की प्रवृत्ति खत्म नहीं होती, तब तक युवाओं की स्वतंत्रता और अधिकार खतरे में बने रहेंगे। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन और समाज मिलकर ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई करें और युवाओं को भय मुक्त वातावरण दें, जहां Love Punishment जैसी अमानवीय सोच का कोई स्थान न हो।

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