छोटा बच्चा क्लासरूम में बंद… और स्कूल पर ताला! सरकारी स्कूल की लापरवाही से कांपा कटिहार

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हाइलाइट्स

  • कटिहार लापरवाही: कटिहार के प्राथमिक विद्यालय ताजगंज फेसिया में शिक्षक की बड़ी लापरवाही से छात्र कक्षा में बंद रह गया।
  • कक्षा 3 का छात्र गौरभ छुट्टी के बाद क्लासरूम में सो गया था, शिक्षक बिना जांचे स्कूल बंद कर चले गए।
  • शाम को जब बच्चे को खिड़की से बाहर झांकते देखा गया, तब जाकर लोगों को मामले की जानकारी हुई।
  • स्कूल प्रशासन से संपर्क की कोशिश नाकाम रही, अंततः स्थानीय लोगों ने गेट का ताला तोड़कर बच्चे को खिड़की से बाहर निकाला।
  • परिजनों और स्थानीय लोगों की मांग- कटिहार लापरवाही पर जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई।

शिक्षक की नींद तो खुली नहीं, लेकिन कटिहार में प्रशासन की नींद कब खुलेगी?

कटिहार (बिहार) जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्कूलों की कार्यशैली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कटिहार लापरवाही की यह घटना नगर निगम क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ताजगंज फसिया की है, जहां कक्षा 3 में पढ़ने वाला छात्र गौरभ कुमार छुट्टी के बाद भी कक्षा में ही बंद रह गया। कारण? शिक्षक बिना जांचे स्कूल का ताला लगाकर चले गए, और मासूम छात्र नींद में पीछे छूट गया।

इस दर्दनाक लापरवाही की गूंज पूरे जिले में सुनाई दी है, जहां न सिर्फ शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल खड़े हो रहे हैं बल्कि शिक्षा विभाग की संजीदगी पर भी संदेह जताया जा रहा है।

क्या हुआ था उस दिन? जानिए कटिहार लापरवाही की पूरी कहानी

स्कूल में ही सो गया बच्चा

मामला 29 जुलाई की दोपहर का है। गर्मी और थकावट की वजह से तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र गौरभ कुमार छुट्टी के समय से पहले ही क्लास में सो गया। छुट्टी के बाद सभी छात्र-छात्राएं स्कूल से निकल गए लेकिन कोई भी शिक्षक यह देखने नहीं गया कि क्लासरूम खाली है या नहीं। बिना जांचे ही स्कूल का ताला लगा दिया गया।

शाम तक कोई सुराग नहीं

जब गौरभ के परिजन उसे लेने स्कूल पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि वह घर नहीं लौटा। खोजबीन के बाद शाम को किसी ने गौरभ को स्कूल की खिड़की से बाहर झांकते देखा। आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को कॉल किया गया, लेकिन कोई फोन नहीं उठा।

स्थानीय लोगों की पहल से बची जान

ताला तोड़ने के बाद भी नहीं पहुंच पाए कक्षा तक

लोगों ने स्कूल के गेट का ताला तोड़ दिया, लेकिन तब भी क्लासरूम तक पहुंचना मुश्किल था क्योंकि अंदर भी ताले लगे थे। आखिरकार, काफी मशक्कत के बाद खिड़की से गौरभ को बाहर निकाला गया। गनीमत यह रही कि समय रहते बच्चा सुरक्षित बाहर निकल आया, अन्यथा यह कटिहार लापरवाही एक बड़े हादसे में तब्दील हो सकती थी।

जवाबदेही से बचते दिखे शिक्षक

प्रधानाध्यापक नदारद, शिक्षिका ने झाड़ा पल्ला

अगले दिन जब मीडिया टीम प्राथमिक विद्यालय ताजगंज फेसिया पहुंची तो प्रधानाध्यापक जमालुद्दीन मौजूद नहीं थे। उन्होंने दूसरे शिक्षक को प्रभार सौंपने की बात कही, क्योंकि वे बीएलओ ड्यूटी पर थे। वहीं शिक्षिका ने भी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और खुद को निर्दोष बताया।

माता-पिता का रोष

गौरभ की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा, “स्कूल बंद करने से पहले हर कक्षा को चेक करना शिक्षकों की जिम्मेदारी होती है। अगर समय पर देखा जाता तो मेरा बेटा कक्षा में बंद नहीं होता।”

शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान

कौन लेगा कटिहार लापरवाही की जिम्मेदारी?

इस घटना ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। विद्यालयों में सुरक्षा मानकों का कितना पालन हो रहा है, यह इस घटना से साफ हो जाता है। क्या स्कूलों में ऐसे नियम नहीं हैं कि छुट्टी से पहले हर कक्षा की जांच की जाए? अगर हैं, तो उन्हें लागू क्यों नहीं किया गया?

स्थानीय लोगों की मांग: होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई

कटिहार लापरवाही को लेकर लोगों में गहरा रोष है। वे मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ निलंबन से लेकर आपराधिक कार्रवाई तक की जाए। शिक्षकों की लापरवाही से मासूम बच्चों की जान खतरे में डालना किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

क्या कहता है शिक्षा विभाग?

अब तक जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों की मानें तो विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। अगर जांच में लापरवाही साबित होती है, तो जिम्मेदार शिक्षकों पर निलंबन और वेतन कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

भविष्य में कैसे रुकेगी कटिहार लापरवाही जैसी घटनाएं?

जरूरी हैं ये कदम:

  1. छुट्टी के बाद कक्षा निरीक्षण की अनिवार्यता
    हर शिक्षक को छुट्टी के बाद अपनी कक्षा की जांच करने के निर्देश दिए जाएं और अनुपालन की निगरानी हो।
  2. सीसीटीवी निगरानी प्रणाली
    हर स्कूल में कैमरे लगें ताकि क्लासरूम की गतिविधियों की निगरानी की जा सके।
  3. अभिभावकों से संवाद बढ़े
    स्कूल के छुट्टी के समय तक बच्चों के अभिभावकों को सूचित किया जाए, विशेषकर जब कोई छात्र नहीं लौटा हो।
  4. प्रशिक्षण और जवाबदेही
    शिक्षकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए और लापरवाही पर सख्त दंड तय हो।

कटिहार लापरवाही का यह मामला केवल एक बच्चा कक्षा में बंद होने की घटना नहीं है, यह एक बड़ी सिस्टम की खामी की पहचान है। जहां बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यदि अब भी शिक्षा विभाग और प्रशासन ने कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में यह लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि वे इसे एक चेतावनी के रूप में लें और शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक सुधार लाएं।

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