हाइलाइट्स
- कानपुर सेक्स रैकेट मामले में कैंटीन संचालक का घिनौना चेहरा उजागर
- आरोपी पर कई लड़कियों से रेप और ब्लैकमेल कर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप
- पुलिस ने आरोपी के पास से आपत्तिजनक वीडियो और सबूत किए बरामद
- पीड़िताओं ने बताया कैसे धमकाकर उन्हें इस गंदे धंधे में धकेला गया
- कानपुर में बढ़ते सेक्स रैकेट मामलों पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल
कानपुर सेक्स रैकेट ने मचाई सनसनी
कानपुर शहर में सामने आया कानपुर सेक्स रैकेट समाज के लिए शर्मनाक और चिंताजनक खबर है। एक साधारण कैंटीन चलाने वाला शख्स अंदर ही अंदर इतना बड़ा गिरोह चला रहा था, यह जानकर लोग हैरान हैं। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले लड़कियों को अपनी बातों में फंसाता, फिर उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता और इसका वीडियो बनाकर उन्हें धमकाता। यही नहीं, इन वीडियो को दिखाकर वह पीड़िताओं को सेक्स रैकेट का हिस्सा बनने पर मजबूर करता था।
कैसे बेनकाब हुआ कानपुर सेक्स रैकेट
एक पीड़िता की हिम्मत ने खोला राज
कानपुर सेक्स रैकेट का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़िता ने हिम्मत दिखाकर पुलिस को पूरी सच्चाई बताई। उसने बताया कि कैसे कैंटीन संचालक ने पहले नौकरी का लालच देकर उसे फंसाया और फिर उसकी इज्जत लूटकर वीडियो बना लिया। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने धमकी दी कि वीडियो वायरल कर देगा। मजबूरी में उसे कई बार इस गंदे धंधे का शिकार होना पड़ा।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी के ठिकाने पर छापा मारा। जांच में पुलिस के हाथ कई आपत्तिजनक वीडियो लगे, जिनमें अलग-अलग लड़कियों को जबरन शामिल किया गया था। पुलिस अब मामले की तहकीकात कर रही है कि इस कानपुर सेक्स रैकेट में और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं।
पीड़िताओं की दर्दनाक दास्तान
भय और मजबूरी
इस कानपुर सेक्स रैकेट की शिकार लड़कियों ने बताया कि उन्हें इतना डरा दिया गया था कि वे किसी से कुछ कह ही नहीं पाती थीं। आरोपी न केवल उन्हें धमकाता था बल्कि पैसे और ताकत का इस्तेमाल कर उनके परिवारों को भी टारगेट करने की बात करता था।
सामाजिक दबाव
समाज में इज्जत खोने के डर से कई लड़कियां चुप रहीं और इस रैकेट का हिस्सा बनने को मजबूर हुईं। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि किस तरह सेक्स रैकेट में शामिल दरिंदे पीड़िताओं की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं।
कानपुर सेक्स रैकेट पर उठते सवाल
कानून व्यवस्था पर सवाल
यह मामला पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है। आखिर कैसे शहर के बीचों-बीच इतना बड़ा कानपुर सेक्स रैकेट लंबे समय तक चल सकता है और किसी को भनक तक नहीं लगी?
समाज की भूमिका
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए समाज को भी सतर्क रहना होगा। अगर लोग समय रहते ऐसी गतिविधियों की सूचना दें तो बड़ी घटनाओं को टाला जा सकता है।
क्या है कानूनी प्रावधान?
भारतीय कानून के तहत किसी भी महिला का यौन शोषण करना, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना और सेक्स रैकेट चलाना गंभीर अपराध है। आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 370 (मानव तस्करी), 506 (धमकी), और आईटी एक्ट के तहत आरोपी को कड़ी सजा हो सकती है। अगर दोष सिद्ध होता है तो आरोपी को उम्रकैद तक की सजा मिल सकती है।
बढ़ते सेक्स रैकेट का नेटवर्क
सिर्फ कानपुर नहीं, देशभर में फैला जाल
कानपुर सेक्स रैकेट का मामला कोई पहला नहीं है। हाल के वर्षों में कई राज्यों में ऐसे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। तकनीक और सोशल मीडिया के जरिए अब अपराधी ऐसे घिनौने धंधे को नए तरीकों से चला रहे हैं।
अपराधियों का नया तरीका
पहले नौकरी, मॉडलिंग या फिल्मी दुनिया में करियर का सपना दिखाकर लड़कियों को फंसाया जाता है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर सेक्स रैकेट में झोंक दिया जाता है। कानपुर का यह मामला भी इसी पैटर्न का हिस्सा बताया जा रहा है।
आगे की राह: क्या होना चाहिए कदम?
कठोर सजा की मांग
लोगों की मांग है कि इस कानपुर सेक्स रैकेट के आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और ऐसा घिनौना काम करने की हिम्मत न करे।
पीड़िताओं के लिए सहयोग
विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ आरोपी को सजा देना ही काफी नहीं है। पीड़िताओं को मानसिक और सामाजिक सहयोग देना भी उतना ही जरूरी है। सरकार और समाज दोनों को मिलकर उनके पुनर्वास की दिशा में काम करना होगा।
कानपुर सेक्स रैकेट का खुलासा समाज के सामने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा करता है। आखिर कब तक निर्दोष लड़कियां ऐसे दरिंदों की शिकार बनती रहेंगी? यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है बल्कि समाज के मौन रवैये पर भी चोट करती है। अब वक्त है कि पुलिस, प्रशासन और समाज मिलकर ऐसे रैकेट को जड़ से खत्म करें।